आज हवाओं की आँखों में जो ईमान नहीं होगा, पर आने वाला कल सुन लो बेईमान नहीं होगा…!
सरस्वती शिशु मंदिर कमला नगर में गूँजे राष्ट्रीय चेतना के स्वर।
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की कड़ी में संस्कार भारती कमला नगर ने किया कवि सम्मेलन आयोजित, कवियों ने जगाई देशभक्ति।
स्वतंत्रता सेनानी महावीर प्रसाद विद्यार्थी सँग समाजसेवी गंगा कृष्ण मिश्र “दद्दू जी” का किया भावपूर्ण स्मरण।
ब्रज पत्रिका, आगरा। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में संस्कार भारती कमला नगर के बैनर तले शुक्रवार शाम कमला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में ‘राष्ट्रीय चेतना के स्वर’ कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। समारोह में समाजसेवी व उद्यमी गंगा कृष्ण मिश्र ‘दद्दू जी’ और स्वतंत्रता सेनानी महावीर प्रसाद विद्यार्थी जी का कृतज्ञ नागरिकों ने भावपूर्ण स्मरण किया।
कवियों ने जगाई देशभक्ति
वरिष्ठ गीतकार डॉ. राघवेंद्र शर्मा की इन पंक्तियों ने चेतना को झकझोर दिया-
“यह भयानक दौर है तुम होश में रहना जरा। सिरफिरों का जोर है तुम होश में रहना जरा। तुम जो दौड़े जा रहे हो भीड़ के पीछे रुको। भीड़ आदमखोर है तुम होश में रहना जरा…!”
लोकप्रिय गीतकार डॉ. केशव शर्मा ने सुखद भविष्य के प्रति आश्वस्त किया-
“आज हवाओं की आँखों में जो ईमान नहीं होगा। पर आने वाला कल सुन लो बेईमान नहीं होगा। वो पूछेगा प्रश्न यहाँ फ़िर मढ़ी गई तस्वीरों से। और पूछेगा अर्थ यहाँ पर तिरछी खिंची लकीरों के…!”
भूमिका जैन ‘भूमि’ ने भारतीय संस्कृति को कुछ यूँ रेखांकित किया-
“नई तकनीकियों की खोज में जापान आगे है। सृजन की दौड़ में अमरीकियों की शान आगे है। भले आगे हो ये दुनिया किसी भी बात में लेकिन। अभी रिश्ते निभाने में तो हिंदुस्तान आगे है…!”
शैलेश जैन की इन पंक्तियों को सबकी तालियाँ मिलीं-
“आज मेरे देश को सुभाष चाहिए। देश को स्वतंत्रता की साँस चाहिए…!”
कुमार ललित ने देशभक्ति का भाव यूँ जगाया-
“शहीदों की शहादत को न हरगिज भूल जाना तुम। अनूठी इस मोहब्बत को न हरगिज भूल जाना तुम। वो माटी में मिले तो देश की माटी हुई पावन। वतन की इस इबादत को न हरगिज भूल जाना तुम…!”
आचार्य रमेश चंद्र का काव्य पाठ भी सराहा गया।
राष्ट्रीय भाव का जागरण जरूरी
समारोह में संस्कार भारती के महानगर मार्गदर्शक श्याम गुप्त ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए भावी पीढ़ी में राष्ट्रीय भाव के जागरण को आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि,
“स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की यह श्रृंखला राष्ट्रीय भाव के जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेगी।”
स्वागताध्यक्ष एसके मिश्रा ट्रांसपोर्ट वालों ने सभी का स्वागत किया। सरस्वती शिशु मंदिर कमला नगर के प्रधानाचार्य रवींद्र तिवारी और दिवाकर गुप्ता संयोजक रहे। अमृत महोत्सव के संयोजक और संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख राज बहादुर सिंह ‘राज’, समन्वयक आदर्श नंदन गुप्त ने मार्गदर्शन दिया। सह समन्वयक नूतन अग्रवाल “ज्योति” ने संचालन किया। इस मौके पर संस्कार भारती के प्रांतीय कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल, आलोक आर्य, डॉ. नीलू शर्मा, कल्पना शर्मा, रूपा गुप्ता, संजय गुप्त, प्रखर अवस्थी और दिलीप परिहार भी प्रमुख रूप से शामिल रहे।