जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की…
39वें मित्र मिलन समारोह में प्रख्यात गायक सुधीर नारायण ने अमीर खुसरो और नजीर अकबराबादी की रचना सुनाईं।
ब्रज पत्रिका। 39वें मित्र मिलन समारोह का आयोजन बालूगंज लता कुंज में किया गया। सर्वोदय चरखा मंडल एवं सत्संग मंडल द्वारा प्रतिवर्ष होली की पूर्व बेला में आयोजित इस कार्यक्रम में कविता, संगीत और विचारों की श्रृंखला लगातार तीन घंटे तक श्रोताओं को विभोर करती रही। आयोजन की अध्यक्षता महेंद्र नाथ शर्मा ने की।
इस अवसर पर प्रख्यात गायक सुधीर नारायण ने अमीर खुसरो की रचना “आज रंग है रंग है रंग है गुईयां…” और नजीर अकबराबादी की रचना “जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की…” सुनाई। सहयोगी गायक सोनम प्रजापति और देशदीप थे। तबले पर राज मैसी ने संगत की। रानी सरोज गौरिहार ने छंद के माध्यम से श्री कृष्ण की होली का वर्णन किया। सुशील सरित ने होली में राधा के रूप का वर्णन करते हुए कहा, “रूपक तो कभी झप ताल हुई गोरी खुद लाल गुलाल हुई…!” भगवान सहाय श्रीवास्तव, डॉ. राजेंद्र मिलन , डॉ. असीम आनंद, नीलेन्द्र श्रीवास्तव, डॉक्टर नीरज स्वरूप, पूर्व विधायक चौधरी बदन सिंह आदि ने भी कविताएं प्रस्तुत कीं।
नायब शहर काजी जनाब उदीर आलम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनका स्वागत समी आगाई ने किया। कारगिल योद्धा ब्रिगेडियर दत्ता अपने पिता मेजर जनरल दत्ता सहित इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने अपने युद्ध काल के संस्मरण सुनाए।
कोरोना काल में सेवा कार्य के लिए मुकुल पांडेय, गोपाल सिंह, बख्तियार खान और कुमारी नऊमी को पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया एवं विधायक महेश गोयल ने सम्मानित किया। अनल झा ने नाद योग प्रस्तुत किया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के ग्रुप स्काईवॉकर्स की ओर से कौशल आकाश और अनिमेष ने कुछ पुराने गीत प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर हरीश चिमटी, करतार सिंह भारतीय, राजीव अग्रवाल, डॉ. सुनीता गर्ग, कुमारी पूजा तोमर, मोहम्मद उस्मान आगाई, सोनम खिरवार, डॉ. महेश धाकड़, नरेश पारस आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ यज्ञ और हवन से हुआ। स्वागत किया डॉक्टर अशोक शिरोमणि ने। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन शशि शिरोमणि ने किया। संयोजन अमोल, असीम एवं अश्वनी शिरोमणि ने किया। धन्यवाद ज्ञापित किया एडवोकेट रवि शिरोमणि ने।