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काश! मैं भी बॉस होता के सपने को साकार करता है पीआर 24×7

ब्रज पत्रिका। जब भी एक एम्प्लॉयी किसी कंपनी में जॉब करता है, तो वह स्वयं के लिए तथा कंपनी के हित के लिए हजारों सपनों का ताना-बाना बुनता है। लेकिन ख्यालों की इस झड़ी को यह सोच कर मन में ही दबाए रखता है कि उसकी बात सार्थक है भी या नहीं या फिर जब वह बॉस या अन्य एम्प्लॉयी से अपने विचार साझा करे तो कहीं हंसी का पात्र न बन जाए। इस प्रकार कंपनी के हित की न जाने कितनी ही बातें उसके मन में दबी-कुची सी रह जाती हैं, जिन्हें बाहर लाने के लिए एक सहारे मात्र की जरुरत होती है।

भारत की प्रमुख पीआर कंपनी पीआर 24×7 के फाउंडर अतुल मलिकराम बताते हैं,

“जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर एक इंसान का अपना स्वतंत्र नज़रिया और विचार होते हैं, जिनके द्वारा वह अपने व्यक्तित्व का सृजन करता है। समान भाव किसी कंपनी में जॉब करने वाले एम्प्लॉयी के मन में भी होते हैं, जो वह अपनी कर्मस्थली पर बदलाव के रूप में देखना चाहता है। इन भावों को निःसंकोच बाहर आने का मार्ग मिल सकें इस हेतु कंपनी की अनूठी परम्परानुसार प्रत्येक नववर्ष हर एक एम्प्लॉयी को एक दिन का बॉस बनने का अवसर प्रदान किया जाता है। इस एक दिन उसका कंपनी पर पूर्णतः अधिकार होता है यानि अपने नज़रिए से वह कंपनी में कई बदलाव कर सकता है। इस सेशन को पीएसडी ;पर्सन ऑन स्पेशल ड्यूटी नाम से संबोधित किया गया है, जिसमें एम्प्लॉयी हर एक कार्य कर सकता है, जिसका अधिकार सिर्फ बॉस को होता है।”

जनवरी के शुरुआती हफ्ते में आयोजित इस पीएसडी सेशन में प्रत्येक एम्प्लॉयी को बॉस बनने का मौका दिया गया, जिसके चलते प्रतिदिन विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर लर्निंग सेशन का संचालन किया गया। ऑफिस में नए नियमों के चलते स्पोर्ट्स एक्टिविटीज शुरू की गई, यहाँ तक कि बढ़-चढ़ कर प्रतियोगिताओं आदि में हिस्सा लेने और पूरे दिन अनुशासित रहने वाले एम्प्लॉयीज को काफी सारे रिवार्ड्स भी दिए गए। हर कंपनी को अपने एम्प्लॉयीज के लिए यह सेशन जरूर रखना चाहिए, जिससे कंपनी के प्रति उनकी सकारात्मक सोच बाहर आ सके।

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