हज़रत मेहमूद अली शाह चिश्ती साबरी की दरगाह पर ग्यारहवीं शरीफ की फातिहा ख्वानी संपन्न
बुजुर्गों की बारगाह से इंसानी एकता का सबक मिलता है-विजय कुमार जैन
दरगाह के सज्जादानशीन बाबा अमर वर्मा ने इशत्याक बेग उर्फ गुड्डू भाई को नायब सज्जादानशीन मुकर्रर किया।

ब्रज पत्रिका, आगरा। छीपीटोला आगरा स्थित दरगाह हज़रत मेहमूद अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह में ग्यारहवीं शरीफ की फातिहा ख्वानी का प्रोग्राम किया गया।

जिसमें दरगाह के सज्जादानशीन बाबा अमर वर्मा ने इशत्याक बेग उर्फ गुड्डू भाई को नायब सज्जादानशीन मुकर्रर किया।



इस मौके पर दरगाह के खादिम अब्दुल सईद खान आगाई ने कहा कि,
“बुजुर्गों की फातिहा ख्वानी मे रूहानी और नूरानी फरिश्ते शिरकत करते हैं।”

फातिहा ख्वानी हाफ़िज़ इस्लाम शाह कादरी ने पढ़ी। इस मौके पर दुआ करते हुए दरगाह मरकज साबरी के महासचिव विजय कुमार जैन ने दुआ करते हुए कहा कि,
“बुजुर्गों की बारगाह से इंसानी एकता का सबक मिलता है, बुजुर्गों की बारगाह में न कोई छोटा होता है, और न कोई बड़ा होता है, वहाँ तो मुहब्बत से एक धागे में पिरोने का काम किया जाता है, जिसकी आज देश की उन्नति और तरक्की में खासतौर से सख्त ज़रूरत है।”

इस मौके पर खलील भाई, रमज़ान खान साबरी, अली हुसैन उस्मानी, हमीद उस्मानी, बबलू उस्मानी, शमसु भाई, जमील भाई, हाजी आबिद अली, मुरारीलाल गोयल, बिल्ला यादव आदि हाजरीनों ने शिरकत करके अपने दामन को दुआओं से भरा।





“बुजुर्गों की बारगाह से इंसानी एकता का सबक मिलता है, बुजुर्गों की बारगाह में न कोई छोटा होता है, और न कोई बड़ा होता है, वहाँ तो मुहब्बत से एक धागे में पिरोने का काम किया जाता है, जिसकी आज देश की उन्नति और तरक्की में खासतौर से सख्त ज़रूरत है।”