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आगरा की महिमा तिवारी ने पहना ‘मिसेज इंडिया ग्लोब’ का ताज!

इससे पहले महिमा ने वर्ष 2000 में आगरा में जीता था ‘नाजनीन-ए-ताज’ का खिताब।

ज्योतिषाचार्य उषा पारीक की बेटी हैं महिमा, रेडविंग्स द्वारा गुणगांव में आयोजित की गई थी, मिसेज इंडिया ग्लोब प्रतियोगिता।

ब्रज पत्रिका, आगरा।मेरी जिन्दगी का उद्देश्य मेरे नाम को सार्थक करना है। ये प्रतियोगिता मेरे जीवन के सफर का एक हिस्सा है, जिसे जीतकर में खुद को खुद से बेहतर बनाना चाहती हूं। महिमा तिवारी के इस अंदाज में दिए गए परिचय को सुनकर प्रतियोगिता परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। गुणगांव में रेडविंग्स द्वारा आयोजित ‘मिसेज इंडिया ग्लोब’ प्रतियोगिता में आगरा की महिमा तिवारी के सिर पर जब ‘मिसेज इंडिया ग्लोब’ का ताज सजा तो ताजनगरी के शहरवासियों के चेहरे भी खिल गए।

सन 2000 में आगरा में ‘नाज़नीन-ए-ताज’ का खिताब जीतने वाली महिमा आगरा की ज्योतिषाचार्य उषा पारीक की बेटी हैं।

‘मिसेज इंडिया ग्लोब’ का खिताब जीतने की खबर सुनकर न सिर्फ उनकी मां बल्कि विवाह के बाद मुम्बई में पति व दो बच्चों के साथ रह रही महिमा के पास भी शुभकामनाओं के फोन कॉल पहुंचने लगे।

‘मिसेज इंडिया ग्लोब’ प्रतियोगिता में विनर बनने के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए महिमा तिवारी ने बताया कि,

“लगभग 3 माह पहले इस प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन सलेक्शन किए गए थे। जिसमें विभिन्न प्रांतों की महिलाओं ने भाग लिया था, जिनमें से 12 को चुना गया था। गुड़गांव में 20 और 21 दिसम्बर की रात आयोजित ‘मिसेज इंडिया ग्लोब’ प्रतियोगिता में मुझे विजेता बनने का यह सौभाग्य मिला था।”

तीन राउंड की प्रतियोगिता में सवाल-जवाब राउंड में महिमा ने कहा था,

“जब आप कुछ होते हैं, तभी दुनियां आपको गम्भीरता से लेती है। इसलिए में खास शख्सियत बनना चाहती हूं।”

और इसके कुछ देर बाद ही महिमा के सिर पर ‘मिसेज इंडिया ग्लोब’ का ताज सज गया।

मिसेज़ इंडिया ग्लोब-2020 महिमा तिवारी ने कहा है,

“मैंने इससे पहले आगरा में भी नाज़नीन-ए-ताज़ प्रतियोगिता जीती थी, जो मेरा पहला अनुभव था सौंदर्य प्रतियोगिताओं में कामयाबी का, अब एक और कामयाबी हासिल करके बेहद खुशी हो रही है! मैं भगवान को धन्यवाद देना चाहूँगी जिनकी कृपा मुझ पर हमेशा बनी रहती है, प्रभु मेरी हर ख्वाहिश पूरी करते रहे हैं। मेरे माता-पिता का आशीर्वाद मेरे साथ हमेशा से रहा है कि मैंने जब भी किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है, मुझे कामयाबी मिली है। मेरे पति का मुझे भरपूर सहयोग, समर्थन और स्नेह मिला है, बाकी अपने शुभचिंतकों और रिश्तेदारों के स्नेह ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है, मैं इन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूँगी।”

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