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श्री जगन्नाथ रथयात्रा के भक्तों ने किए ऑनलाइन दर्शन, मंदिर में विग्रह स्वरूप संग निकली प्रतीकात्मक रथयात्रा

ब्रज पत्रिका, आगरा। मनमोहक श्रंगार किए श्रीहरि और साथ में बहन सुभद्र एवं भाई बलराम। रथयात्रा महोत्सव का इस वर्ष प्रतीकात्मक आयोजन किया गया। भव्य विग्रह स्वरूपों के साथ प्रतीकात्मक निकाली गयी श्रीजगन्नाथ रथयात्रा के दर्शन पाकर हर भक्त भाव-विभोर हो उठा। कोरोना के कारण इस वर्ष कमलानगर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कान) परिसर में ही प्रातः 10 बजे आयोजित की गई श्रीजगन्नाथ रथयात्रा के दर्शन भक्तों ने अपने-अपने घर बैठकर ऑनलाइन दर्शन किए।

सुभद्रा, बलराम संग श्रीहरि के दर्शन पाकर भक्त निहाल

शंखनाद के साथ भक्ति में डूबे भक्तों के हरि बोल के जयकारे भी गूंजने लगे। बहन सुभद्रा व भाई बलराम संग श्रीहरि के दर्शन पाकर भक्ति में डूबे ताजनगरी आगरा के भक्त, हरि बोल के जयकारे लगाने लगे। घरों में बैठे भक्तों ने कम्प्यूटर और मोबाइल में ही दर्शन कर भगवान की आरती उतारी। पुष्पों से सजे प्रतीकात्मक रथ को मंदिर परिसर में ढोल मृदंग के साथ घुमाकर आरती की गई। भगवान पर पुष्प वर्षा भी की गई। हरि बोल कीर्तन का आयोजन किया गया। अरविन्द स्वरूप द्वारा श्रीहरि की आरती कर श्रीजगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव की सभी परम्पराओं को विधि-विधान के साथ पूरा किया गया।

मृदंग और मंजीरों पर श्रीहरि का प्रिय गोपी गीत गूँजा

प्रात 4.30 बजे मंगला आरती के साथ रथयात्रा महोत्सव का आयोजन प्रारम्भ हुआ। 7.30 बजे दर्शन आरती और इसके उपरान्त 9 बजे चेहरा कोरा के तहत रथयात्रा के सभी विधि-विधान को सम्पन्न कराया गया। प्रातः 10 बजे मंत्रोच्चारण व विधि विधान के साथ रथयात्रा का आयोजन किया गया। श्रीजगन्नाथ के प्रिय गीत गोविन्द का पाठ, जगन्नाथ अष्टकम, मंगल गीत, भागवत से गोपी गीत का संगीतमय वाचन किया गया। संध्या काल में स्कन्द पुराण से जगन्नाथ जी लीला की कथा का वर्णन किया गया। श्रीजगन्नाथ रथयात्रा को आगरा के अध्यक्ष अरविन्द दास, कुलशेखर दास व बहुदक दास, सनातन गौरांग दास द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न कराया गया। ओमप्रकाश अग्रवाल भी उपस्थित थे।

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