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बाधक हों तूफान बवंडर, नाटक नहीं रुकेगा

आगरा। शहर की रंग संस्थाओं द्वारा नाट्य पितामह राजेन्द्र रघुवंशी जन्म शताब्दी समारोह का 24 अप्रैल की शाम आगाज़ संगोष्ठी के साथ हुआ। “रंगमंच कल और आज” विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी की शुरुआत अतिथियों द्वारा स्व.श्री राजेन्द्र रघुवंशी जी के चित्र पर माल्यार्पण करके की गई। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता इप्टा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री राकेश, संगीत एवं नाटक प्रभाग के श्री विनय शर्मा और कम्युनिस्ट नेता श्री रमेश मिश्र थे। अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान के प्रोफेसर रामवीर सिंह ने की। स्वागत भाषण श्री ओम शर्मा ने दिया। विषय प्रवर्तन श्री विनय पतसरिया ने किया। संचालन श्री हरीश चिमटी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में संगीत कला केंद्र के कलाकारों द्वारा श्री अशोक रावत और डॉ.शशि तिवारी द्वारा रघुवंशी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर लिखित गीतों की संगीतमयी प्रस्तुति के साथ हुआ जिसका निर्देशन श्री केशव तलेगांवकर और संगीत संयोजन उनकी सुपुत्री शुभ्रा तलेगांवकर ने किया। विषय प्रवर्तन करते हुए श्री विनय पतसरिया ने कहा कि जलालत की जिंदगी जीते जीते इंसान जब कराह उठता है तब इंकलाब की आवाज़ बुलंद होती है। इप्टा के महामंत्री श्री राकेश का परिचय श्रीमती ज्योत्स्ना रघुवंशी ने दिया। श्री राकेश ने कहा कला राजनीति के आगे चलने वाली मशाल है। श्री विनय शर्मा का परिचय श्री दिलीप रघुवंशी ने दिया। श्री विनय शर्मा ने कहा रघुवंशी जी जैसा क्राफ्टमैन नहीं देखा। कामरेड श्री रमेश मिश्र ने कहा आज कमरे के अंदर तो समाजवादी पैदा हो रहे हैं, मैदानों में मुखर नहीं दिखते। रघुवंशी जी ने भूखे नंगों के दुख दर्द को महसूस कर अपने कलाकर्म को आगे बढ़ाया। इप्टा के कलाकारों ने रघुवंशी जी द्वारा लिखित गीत “बाधक हों तूफान बवंडर नाटक नहीं रुकेगा” की संगीतमयी प्रस्तुति परमानंद शर्मा के संगीत संयोजन में दी। प्रोफेसर रामवीर सिंह ने कहा सत्ता के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की ताकत रघुवंशी जी में ही थी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जेएन टंडन ने किया। अतिथियों का स्वागत श्री राजवीर राठौर, श्री प्रमोद सारस्वत, श्रीमती कुमकुम रघुवंशी, श्री अनिल जैन, श्री विशाल रियाज ने किया। मोमेंटो डॉ. आरसी शर्मा, श्री राजीव सक्सेना और कैप्टेन व्यास चतुर्वेदी ने प्रदान किये। इस मौके पर डॉ.श्री भगवान शर्मा, पूर्व एमएलसी श्री अनुराग शुक्ल, चित्रकार श्री अश्विनी शर्मा, कवि श्री रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, श्रीमती भावना रघुवंशी, डॉ. मधु भारद्वाज, श्री बचन सिंह सिकरवार, डॉ. राजेन्द्र मिलन, श्री राजीव शर्मा, श्री विश्वनिधि मिश्र, श्री बसंत रावत, श्री ऋतुराज त्रिपाठी, डॉ. महेश धाकड़, मुक्ति किंकर आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में श्री राजीव सिंघल सहित शहर के वरिष्ठ रंगकर्मियों का विशेष सहयोग रहा।

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