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एण्ड टीवी के आगामी शो में विवान शाह निभाएंगे ‘येशु‘ की भूमिका

उनके साथ ही सोनाली निकम (मेरी) और आर्या धरमचंद (जोसेफ) भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आयेंगे।

मुख्य भूमिका और वो भी येशु का किरदार निभाने के लिए चुना जाना सच में एक बहुत बड़ा सम्मान है-विवान

ब्रज पत्रिका। युवा और प्रतिभाशाली बाल-कलाकार विवान शाह कई महत्वपूर्ण फिल्मों और टेलीविजन शोज का हिस्सा रह चुके हैं। इस बार उन्हें एण्ड टीवी के आगामी शो में ‘येशु‘ की मुख्य भूमिका निभाने के लिए चुना गया है। विवान इस शो में लीड रोड निभायेंगे। उनके साथ ही सोनाली निकम (मेरी) और आर्या धरमचंद (जोसेफ) भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आयेंगे और उन्हें सही मूल्य सिखायेंगे।

विवान ने कहा,

‘‘मुख्य भूमिका और वो भी येशु का किरदार निभाने के लिए चुना जाना सच में एक बहुत बड़ा सम्मान है। मैं इसे लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित हूँ। येशु विशेष रूप से एक परोपकारी बच्चा है जो अपने आस-पास के हरेक व्यक्ति की मदद करना चाहता है, लेकिन अक्सर निंदा का पात्र बनता है। वह अपनी शक्ति और उद्देश्य से अनजान है। उसकी परवरिश उसकी मां के द्वारा की जाती है। वह येशु को जिंदगी में उसका उद्देश्य समझने के लिए मार्गदर्शन करती है और उसके जन्म की कहानियां सुनाती है। आध्यात्म और धर्म के बारे में गहरा ज्ञान और समझ होने के कारण बढ़ती उम्र के दौरान येशु की मुख्य धारणा एक आकार लेती है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि प्रेम, दया, क्षमा और शांति जिंदगी जीने के सही तरीके हैं।”

विवान इस शो में सोनी निकम (मेरी) और आर्या धरमचंद (जोसेफ) के साथ येशु का मुख्य किरदार निभाते दिखाई देंगे।

एण्ड टीवी पहली बार हिंदी के सामान्य मनोरंजन चैनल पर ‘येशु‘ की एक अनकही, अनसुनी कहानी लेकर आ रहा है। इसका निर्माण किया है अरविंद बब्बल प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड ने। येशु विशेष रूप से एक परोपकारी बच्चे की कहानी है जो सिर्फ अच्छाई करना चाहता है और अपने आसपास खुशियां फैलाता है। सभी के लिए उसका प्यार और करुणा उन बुरी, शैतानी शक्तियों के लिये बिल्कुल विपरीत हैं, जो उनके जन्म और बचपन के दौरान मौजूद थीं।

अपनेे परिवार और समाज पर होने वाले अत्याचारों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। दूसरों की मदद करने और उनके दर्द को कम करने की कोशिश अक्सर उन्हें उस राह पर ले जाती थी जहां वह निश्चित रूप से आहत होते थे और न सिर्फ उत्पीड़कों बल्कि एक बड़ी संख्या में लोगों द्वारा भी उनकी निंदा की जाती थी। लेकिन आखिरकार ये चीजें भी उन्हें उनके रास्ते पर चलने से नहीं रोक पाईं। येशु की कहानी अच्छाई बनाम बुराई के बीच की सिर्फ एक आदर्श कहानी ही नहीं है, बल्कि यह येशु और उनकी समर्थक एवं मार्गदर्शक बनीं उनकी मां के बीच के खूबसूरत रिश्ते को भी दर्शाता है।

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