UA-204538979-1

मीडिया को अविश्वसनीय जानकारी फैलाने से खुद को रोकना चाहिए-डॉ.हर्ष वर्धन

डॉ. हर्ष वर्धन ने भारतीय जनसंचार संस्थान के छात्रों को ऑनलाइन संबोधित किया।

पोलियो के विरूद्ध हमारे युद्ध का केंद्र बिंदु स्वास्थ्य पत्रकारिता रही है-डॉ. हर्ष वर्धन

डॉ. हर्ष वर्धन ने 2025 तक देश से टीबी की बीमारी को खत्म करने के लिए युवा पत्रकारों की मदद मांगी।

ब्रज पत्रिका। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने भारतीय जन संचार संस्थान के छात्रों को ऑनलाइन संबोधित किया। सबसे पहले उन्होंने नवागंतुक पत्रकारों का स्वागत किया और संस्थान को उन्हें छात्रों को संबोधित करने के लिए आमंत्रिक करने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, लोकतंत्र के चौथे खंभे के रूप में काम करने वाला मीडिया लोगों के आचार-व्यवहार को काफी हद तक प्रभावित करता है। इसलिए पत्रकारों के कंधों पर समाज का हित करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है।

कोरोना महामारी के इस मुश्किल वक्त में करीब 11 महीनों से जान जोखिम में डालकर काम कर रहे पत्रकारों का हौसला बढ़ाते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,

“पत्रकारों ने ग्राउंड जीरो से लगातार लोगों को कोरोना की जानकारी पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की है। कोरोना के विरूद्ध लड़ाई जो जनवरी में शुरू हुई थी, अपने 11वें महीने में पहुंच चुकी है और इस सफर में मीडिया एक महत्वपूण हिस्से के रूप में रहा है।”

कोरोना के विरूद्ध अभियान में अपनी जान खो चुके पत्रकारों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने ये भी कहा,

“कोरोना योद्धाओं की मेरी सूची में पत्रकार भी शामिल हैं।”

पोलियोमाइलाइटिस के खिलाफ लड़ाई के दौरान पत्रकारों के योगदान को याद करते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा,

“स्वास्थ्य पत्रकारिता पोलियो के खिलाफ हमारे युद्ध का केंद्र बिंदु थी। उस समय जब भारत 60% पोलियो प्रभावित लोगों का घर था, पोलियो मुक्त भारत के बारे में ख्याल भी एक सपने जैसा था। पत्रकारों के सकारात्मक योगदान ने इसे एक सफल राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाने में मदद की है।”

2025 तक तपेदिक (टीबी) के उन्मूलन में पत्रकारों की मदद की मांग करते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा,

“मैं आप सभी से अपने दिल और आत्मा को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल करने और इस सपने को सच करने की अपील करता हूं। पत्रकारों की सक्रिय भागीदारी से जनता के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा,

“मीडिया को अविश्वसनीय जानकारी फैलाने से खुद को रोकना चाहिए। लोगों ने विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने के लिए मीडिया पर भरोसा किया है। जनता को विश्वसनीय और सत्यापित जानकारी प्रदान कराना हर पत्रकार का कर्तव्य बनता है। सार्वजनिक डोमेन में आने वाली असत्यापित खबरें खतरनाक हैं और इससे बहुत नुकसान हो सकता है।”

डॉ. हर्ष वर्धन ने इस मीडिया संस्थान और मंत्रालय को एक सहयोगी कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव दिया, जो स्वास्थ्य और विज्ञान के क्षेत्र में एक नवोदित पत्रकार के लिए एक अच्छा सीखने का अनुभव होगा।

इस दौरान संस्थान के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर संजय द्विवेदी, अतिरिक्त महानिदेशक (एडमिन) के. सतीश नंबुदिरिपद, कार्यक्रम की संयोजन प्रोफेसर सुरभि दहिया और सह-संयोजक प्रोफेसर प्रमोद कुमार मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!