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प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में दीपोत्सव की जगमग, देश-दुनिया में दीपावली का त्यौहार मनाया जा रहा है धूमधाम से

ब्रज पत्रिका। भारत में दीपावली का त्यौहार विशेष रूप से बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। देश में ही नहीं बल्कि जहाँ-जहाँ भी भारतीय मूल के लोग रहते हैं, वहाँ-वहाँ दीपावली के त्यौहार की जगमग दिखायी देती है। इसी वजह से आज वैश्विक त्यौहार बन गया है। देश-दुनिया में इसकी जगमग दिखायी देने लगी है। इतना ही नहीं धनतेरस से शुरु होकर भैय्या दौज तक पांच दिन चलने वाले इस त्यौहार की आभा देखते ही बनती है। लोग श्रद्धाभाव से गणेश जी और लक्ष्मी जी का पूजन करते हैं। देवी सरस्वती की भी इनके साथ में पूजा की जाती है। देवालयों के अलावा घर-घर में दीपावली की पूजा-अर्चना की जाती है।

लोग काफीं पहले से ही अपने घरों और प्रतिष्ठानों की साफ-सफाई इस त्यौहार के मद्देनजर करते हैं। बाजारों में भी इस त्यौहार पर अच्छी-खासी रौनक दिखायी देती है क्योंकि लोग जमकर खरीददारी भी करते हैं। देश कोविड-19 के खतरों के बीच भी इस त्यौहार को मनाने के लिए पूरी शिद्दत से तैयार दिख रहा है। हालांकि कोविड-19 ने देश की आर्थिक गतिविधियों को काफी लंबे समय तक प्रभावित किया था, मगर दीपावली ने व्यापारियों के चेहरों पर रौनक ला दी है, क्योंकि लोग इस त्यौहार को मनाने के मूड में दिखने लगे और जरूरत के हिसाब से खरीददारी भी कर रहे हैं।

रोशनी के इस त्यौहार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के रावण और लंका पर विजय पाने के बाद अपनी अयोध्या में वापस लौटने की खुशी में मनाना शुरु हुआ था, लिहाजा आज तक लोग इस त्यौहार को उन्हीं परंपराओं के निर्वाह के साथ मनाते चले आ रहे हैं। आज भी लोग अपने-अपने घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर रोशनी करते हैं। दीपक जलाते हैं। इतना ही नहीं आतिशबाजी भी इस त्यौहार की खुशी में डूबे लोगों द्वारा जमकर चलायी जाती है। हालांकि इस वर्ष प्रदूषण के खतरों के मद्देनजर आतिशबाजी पर ज्यादातर शहरों में प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोगों को इस आदेश के बाद जहाँ मायूसी झेलनी पड़ी है वहीं कुछ लोग खुश भी हैं क्योंकि दीपावली पर प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह आतिशबाजी बनती है। दूसरी तरफ आतिशबाजी बेचने वाले व्यवसायी खुद के आर्थिक नुकसान में होने के कारण बेहद दुखी हैं।
इस वर्ष भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भी दीपावली की आभा देखते ही बन रही है जहाँ कि दीपावली के उत्सव को उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा भव्य विशाल स्वरूप दे दिया गया है। सरकार द्वारा दीपोत्सव के अलावा अयोध्या में लेजर शो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुुवाई में आयोजित इस दीपावली उत्सव में देश की कई प्रमुख हस्तियों ने भी शिरकत की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है, आज असंख्य राम भक्तों की बहुप्रतीक्षित साध के पूर्ण होने की पावन बेला है। 492 वर्ष बाद श्रीराम जन्मभूमि अगणित दीपशिखाओं से जगमगाएगी। प्रभु श्री राम की पावन धरा श्री अयोध्या धाम त्रेतायुग सदृश्य “दिव्य दीपोत्सव” को साकार स्वरूप प्रदान करने हेतु “राममय” हो गई है।

असंख्य दीपों का यह पावन प्रकाश जिस प्रकार अंधकार का हरण कर पूरी धरा को प्रफुल्लित कर रहा है, प्रभु श्री राम से कामना है कि उसी प्रकार आज दीपोत्सव की दिव्य आभा, समस्त प्राणियों के दुःखों का हरण कर, हम सभी के जीवन को सुख, सौहार्द, ज्ञान एवं आनंद के आलोक से अभिसिंचित करे।

आस्था, श्रद्धा और विश्वास की सर्वोच्च अभिव्यक्ति धर्म नगरी श्री अयोध्या जी में पतित पावनी माँ सरयू के तट पर ‘दीपोत्सव-2020’ के पावन अवसर पर आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। “दीपोत्सव” पर धर्मनगरी में सदियों बाद त्रेतायुग जैसी भव्यता एवं जीवंतता की दिव्य अनुभूति हो रही है।

पतित-पावनी माँ सरयू के तट पर आज त्रेतायुग का प्रतिबिंब देख मन प्रफुल्लित है। आज वैदिक मंत्रों के मध्य 6,06,569 दीपों के प्रज्ज्वलन का बना विश्व रिकॉर्ड, अपनी संस्कृति के प्रति सुदृढ़ होते जन विश्वास का प्रतीक है। यह विश्व रिकॉर्ड आप सभी राम भक्तों को समर्पित है।

प्रभु श्री राम, समता, समन्वय, शुचिता, मर्यादा, त्याग, धैर्य, करुणा एवं पुरुषार्थ आदि गुणों के सर्वोच्च प्रतिनिधि हैं। प्रभु श्री राम के स्वागत का अर्थ है उनके गुणों का अभिनन्दन। इन गुणों के उजास से सम्पूर्ण धरा को भर देना ही “दीपोत्सव” का उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को दीपावली की शुभकामनायें देते हुए कहा है,

“असत्य पर सत्य, कदाचार पर सदाचार, अंधकार पर प्रकाश की विजय के महापर्व प्रकाशोत्सव दीपावली की सभी देशवासियों को अनन्त शुभकामनाएं। कामना करता हूँ कि प्रभु श्री राम के आशीर्वाद से आप सभी का जीवन सुख, शांति, सद्भाव व समृद्धि के उजास से आलोकित हो। शुभ दीपावली…।”

जो श्रद्धालुजन आज श्री अयोध्या धाम आने से वंचित रह गए थे, उनमें से दुनिया के कोने-कोने से अनेक आस्थावानों ने https://virtualdeepotsav.com/ पर वर्चुअल माध्यम से अपनी आस्था का दीप प्रज्ज्वलित करते हुए “दीपोत्सव” का सहभागी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।

देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली पर देशवासियों को शुभकामनायें दी हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा, 

“दिवाली के शुभ अवसर पर, मैं सभी देशवासियों और विदेश में बसे सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। विभिन्न धर्मों व पंथों के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला यह पर्व देश के लोगों की एकता, सद्भावना और भाईचारे को मजबूत करता है। यह पर्व हमें मानवता की सेवा की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है। आइए संकल्प करें कि जिस प्रकार एक जलता हुआ दीपक अनेक दीपकों को प्रज्ज्वलित कर सकता है, उसी प्रकार से हम समाज के निर्धन, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के जीवन में खुशियां बांटते हुए आशा एवं  समृद्धि का दीप बनें। दिवाली स्वच्छता का भी उत्सव है इसलिए हम प्रदूषण से मुक्त,पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ दिवाली मनाकर प्रकृति का भी सम्मान करें। मेरी कामना है कि खुशियों और प्रकाश का यह महापर्व, देश के हर घर में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करे।”

उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दीपावली की देशवासियों को बधाई दी। उन्‍होंने अपने संदेश में कहा, 

“प्रकाश पर्व- दीपावली के पावन अवसर पर मैं अपने समस्त देशवासियों और विदेशों में रह रहे भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाला दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और भगवान राम के जीवन के नेक आदर्शों और सद्गुणों में हमारे विश्वास की पुनः पुष्टि करता है। अत्याचारी राजा रावण को हराने के बाद 14 वर्ष के वनवास से आज ही के दिन श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे। यह भगवान राम के जीवन और कर्मों में निहित पवित्र और सैद्धांतिक विचारों का उत्सव भी है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि हमें आसुरी शक्तियों का निरन्तर दमन करने और समाज में भलाई और सद्भाव को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। दीपावली का पर्व न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है । हम कह सकते हैं कि यह दुनिया के सबसे बड़े उत्सवों में से एक है। विदेशों में रहने वाले भारतीय दीपावली को बहुत धूमधाम और प्रेम के साथ मनाते हैं, दीपावली की रात्रि में समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करना भी इस त्योहार के मुख्य अनुष्ठानों में से एक है। दीपावली हमेशा परिवार और मित्रों के एक साथ आने और जश्न मनाने का त्योहार है। लेकिन इस वर्ष, कोविड-19 के प्रसार के कारण हमें जिस अभूतपूर्व स्वास्थ्य आपातकाल का सामना करना पड़ रहा है, उसे देखते हुए, मैं अपने नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे कोविड संबंधी स्वास्थ्य और स्वच्छता नयाचारों का सख्ती से पालन करते हुए दीपावली का त्योहार मनाएं। यह त्योहार अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान और आत्मज्ञान की ज्योति जगाता है। मैं यह कामना करता हूं कि यह त्योहार हमारे जीवन में शांति, सद्भाव, समृद्धि और खुशियां लेकर आए।”

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि, इस दिवाली, हम उन सैनिकों को सलामी के रूप में एक दीया जलाए, जो निडर होकर हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। एक ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा,

“इस दिवाली, हम उन सैनिकों को सलामी के रूप में एक दीयाजलाए, जो निडर होकर हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। हमारे सैनिकों के साहस के प्रति कृतज्ञता औरआभार की भावना के साथ शब्दों से न्याय नहीं किया जा सकता है। हम सीमाओं पर तैनात उनसैनिकों के परिवारों के भी आभारी हैं।”

This Diwali, let us also light a Diya as a #Salute2Soldiers who fearlessly protect our nation. Words can’t do justice to the sense of gratitude we have for our soldiers for their exemplary courage. We are also grateful to the families of those on the borders. pic.twitter.com/UAKqPLvKR8

— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2020

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