एक नाम, अतुल मलिकराम, जो राजनीतिक विश्लेषक के लिए जाना जाता है
ब्रज पत्रिका। आज के दौर में राजनीति और उसकी गरिमा बहुत ही पिछड़ गई है। भाषण से लेकर व्यक्तिगत स्तर तक राजनेता एक-दूसरे पर छींटाकशी करते नहीं थकते। संसद भवन के भीतर जो मर्यादा पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी ने स्थापित की थी, आज वह उस लोकतंत्र के मंदिर से क्षीण होते जा रही है। इसका सीधा असर आज की जनरेशन पर पड़ रहा है। आज के युवा अगर किसी राजनेता से प्रभावित होते हैं तो सीधे अंध भक्त बन जाते हैं, उस नेता द्वारा किये गए किसी भी कार्य का विश्लेषण नहीं करते हैं। इसके विपरीत कुछ युवा आँख मूँदकर सिर्फ विरोध करने लग जाते हैं।
आज के युवाओं को राजनीति का विश्लेषणात्मक ज्ञान नहीं है। राजनीति का विश्लेषात्मक ज्ञान होने के लिए ये जरुरी है कि उन्हें एक उचित ज्ञान या मार्गदर्शन मिल सके। अमूमन आज के दौर में इस तरह के राजनीतिक विशेषज्ञ का मिलना मुश्किल तो है, लेकिन नामुमकिन नहीं, युवाओं को साधने और उन्हें राजनीति की बारीकियां बताने के लिए एक ऐसे व्यक्ति का होना अति आवश्यक है जो कि देश के मामलों के साथ-साथ क्षेत्रीय लोगों तक भी अपनी पहुँच रखता हो।
देश की राजनीति से लेकर क्षेत्रीय राजनीति तक का वृहद ज्ञान रखने वालों में से एक हैं, उतर भारत की जानी-मानी जनसंपर्क कंपनी PR24x7 के संस्थापक अतुल मलिकराम, जिन्हें न सिर्फ 21 वर्षों से जनसंपर्क का ज्ञान है, बल्कि क्षेत्रीय भाषा और लोगों तक भी काफी मजबूत पकड़ है। इतने वर्षों से जनसंपर्क का कार्य करते हुए उन्होंने बाजार और आम नागरिकों की नब्ज़ का काफी अच्छी तरह से विश्लेषण किया है। उन्हें पता है कि जनता राजनेताओं से क्या चाहती है।
उनकी राजनीतिक मामलों में दूरदृष्टि और ज्ञान आश्चर्य चकित कर देने वाला है। ज्योतिरादित्य सिंधिया कब और कैसे कांग्रेस छोड़ेंगे या क्षेत्र की कोई अन्य राजनीतिक गतिविधि हो, उन्होंने हमेशा विश्लेषण करके अपना पक्ष रखा है जो कि सही साबित हुआ है। एक जनसंपर्क विशेषयज्ञ का राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह बताने की जरुरत नहीं है। पीएम मोदी ने जब 2014 का चुनाव लड़ा तो उनके रणनीतिकार थे, जनसंपर्क एक्सपर्ट प्रशांत किशोर। उसके बाद प्रशांत किशोर ने बिहार में भी एक मुख्य रणनीतिकार की भूमिका निभाई थी।