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तिवारी का होगा अपहरण और विभूति उसे बचाने आएगा!

ब्रज पत्रिका। एण्ड टीवी के मशहूर शो ‘भाभी जी घर पर हैं‘ में इस हफ्ते के एपिसोड्स की शुरुआत पंडित रामफल की अच्छी खबर से होती है, जिसमें वह अम्मा को बताता है कि उनके घर में जल्द ही एक बच्चा आने वाला है। वह अपनी खुशी को रोक नहीं पाती और इसके बारे में अंगूरी और तिवारी को बताती हैं। वे भी इस खबर को सुनकर बहुत खुश हो जाते हैं। हालांकि, उनकी ये खुशी बहुत कम समय के लिए होती है। दूसरी ओर, अनीता, विभूति से नाराज हो जाती है क्योंकि कई बार याद दिलाने के बाद भी उसने वाॅल क्लाॅक को दीवार पर नहीं टांगा है।

तिवारी इस मौके का फायदा उठाकर अपनी भाभी जी का दिल जीतने के चक्कर में बीच में कूद पड़ता है और उनके सामने वो घडी को ठीक से लगाने में विभूति की मदद करता है। लेकिन उसी समय हथौड़ा तिवारी के सिर पर गिर जाता है और वह बेहोश हो जाता है। जैसे ही वह उठता है, वह पाँच साल के बच्चे की तरह हरकतें करने लगता है और अंगूरी को आंटी और बाकी सब को अंकल बुलाना शुरू कर देता है। इस स्थिति को लेकर बेहद परेशान, अम्मा अंगूरी से उसे मंदिर ले जाने के लिये कहती हैं ताकि वो फिर से ठीक हो सके।

अंगूरी यह सोचकर परेशान हो जाती है कि तिवारी कितना ड्रामा करेंगे और उन्हें विभूति के घर पर छोड़ने का फैसला करती है जहां वे सक्सेना के साथ खेल सके, जो उसी की उम्र का है। वो कागजों के प्लेन्स बनाना शुरू करते हैं और विभूति को परेशान करके रख देते हैं, ये दोनों विभूति के चाचा द्वारा दिए गए आधिकारिक दस्तावेजों को भी फाड़ देते हैं। जब ये सब चल रहा है, इसी बीच टीएमटी को मंदिर पर एक लाख रुपए से भरा बैग मिलता है जिसे पूरे विश्वास के साथ विभूति अपना बताता है।

लेकिन टीएमटी को आश्चर्य तब होता है, जब मालिक उनसे संपर्क करता है और उनसे बैग के ठिकाने को लेकर सवाल करता है। जल्द ही ड्रामा सबके सामने आएगा क्योंकि बैग में रखा पैसा गायब हो जाता है। उसी समय, तिवारी का अपहरण हो जाता है और उसे छुड़ाने के लिए मांगे गए फिरौती के पैसे का इंतजाम विभूति को करना होगा।

इस दिलचस्प कहानी के बारे में बात करते हुए रोहिताश्व गौड़ ने कहा,

“लोग सबसे ज्यादा संवेदनशील तब होते हैं जब वे उनकी सामान्य स्थिति में नहीं होते और या फिर वो अस्वस्थ होते हैं या जब उन्होंने किसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का सामना किया होता है। आगामी एपिसोड्स में, मेरे साथ एक दुर्घटना घट जाती है जो मेरी स्थिरता और मानसिकता को प्रभावित करती है और मैं एक बच्चे की तरह हरकतें करने लग जाता हूं। हालांकि, दर्शकों को निश्चित रूप से इस कहानी के इस ट्रैक को देखकर हंसी आएगी, लेकिन आगे कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं जिससे कहानी गंभीर हो जाती है क्योंकि मेरा अपहरण हो जाता है। अब मुझे छुड़वाने की ताकत विभूति के हाथ में है और कैसे वो फिरौती की रकम जुटाकर मुझे उनसे बचाता है, यह देखने लायक होगा।”

अब सवाल ये हैं कि क्या विभूति, तिवारी को अपहरणकर्ताओं (किडनैपर्स) से बचाने में सफल होगा? क्या उसकी पसंदीदा भाबी उसकी इन कोशिशों की सराहना करेंगी? इस अपहरण के पीछे का मास्टरमाइंड कौन था?

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