फ़िल्म डायरेक्टर रजत मुखर्जी और पब्लिसिस्ट आरआर पाठक नहीं रहे
ब्रज पत्रिका। बॉलीवुड से दुःखद समाचारों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक के बाद एक बड़ी बड़ी फ़िल्मी शख्शियतों का रुखसत करना वाकई में असहनीय कष्ट दे रहा है। इरफान खान, ऋषि कपूर, सुशांत सिंह राजपूत, जगदीप साहब के जाने के बाद अब बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर रजत मुखर्जी इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं। उनका जयपुर में 19 जुलाई रविवार सुबह निधन हो गया है।
रजत मुखर्जी को प्यार तूने क्या किया’, ‘रोड’ और लव इन नेपाल सरीखी फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। रजत मुखर्जी की वर्ष 2001 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘प्यार तूने क्या किया’ में फ़िल्म स्टार फरदीन खान, उर्मिला मातोंडकर और सोनाली कुलकर्णी ने अभिनय किया था। वर्ष 2002 में आई उनकी फिल्म ‘रोड’ में फ़िल्म स्टार विवेक ओबेरॉय ने अभिनय किया था।
बताते हैं जयपुर में ही वह कुछ महीनों से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे थे, उनका इलाज़ चल रहा था। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर छा गयी। सोशल मीडिया पर भी कई बॉलीवुड हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताते हुए पोस्ट डाली हैं।
सीनियर पब्लिसिस्ट व पीआरओ आरआर पाठक नहीं रहे
सीनियर फ़िल्म पब्लिसिस्ट राजाराम पाठक जिनको फ़िल्म इंडस्ट्री में आरआर पाठक के नाम से जाना जाता था, का भी मुम्बई में अपने निवास पर हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया है। वह वृद्धावस्था से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे थे। वह तकरीबन 80 साल के बताए जाते हैं। 70, 80 और 90 के दशक में उन्होंने तमाम फिल्मों का पब्लिसिटी वर्क किया था। 50 साल के करियर में उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों के लिए बतौर पीआरओ और पब्लिसिस्ट काम किया है। इंडस्ट्री में तमाम पीआर एजेंसियों और पीआर प्रोफेशनल्स के आ जाने के बाद उनका यह काम कम होता चला गया था। बताते हैं कि वह लंबे समय से अस्थमा की समस्या से भी जूझ रहे थे। वह बनारस से मुम्बई आये थे। स्थापित फोटोग्राफर धीरेंद्र किशन और सीनियर फ़िल्म जर्नलिस्ट सुरूर लखनवी ने उनकी इंडस्ट्री में पैर जमाने में मदद की। गोपाल श्रीवास्तव नामक पब्लिसिस्ट ने उनको फ़िल्म प्रोड्यूसर-डायरेक्टर अर्जुन हिंगोरानी से मिलवाया था, क्योंकि गोपाल उस वक़्त शहर से बाहर जा रहे थे। शुरू मेंं छोटे बजट की फिल्मों के वह पब्लिसिस्ट रहे।
बाद में तमाम बड़ी फिल्मों के लिए भी काम किया। आमिर खान की पहली फ़िल्म क़यामत से क़यामत तक के वह पीआरओ रहे। इसके बाद ऋतिक रोशन की डेब्यू फिल्म कहो न प्यार है, अजय देवगन की फ़िल्म फूल और कांटे के भी पीआरओ रहे। दक्षिण की भी तमाम फिल्मों के वह पीआरओ रहे। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा वह करीब 10 भाषाओं को धाराप्रवाह बोलते थे। अंत में वह खुद एक मराठी फिल्म ‘तू बोल्ड मी कोल्ड’ के प्रोड्यूसर बने और अपने बेटे राहुल को बतौर डायरेक्टर लॉन्च किया।