ब्रज पत्रिका, आगरा। सच ही कहते हैं कि सिनेमा और साहित्य समाज के दर्पण होते हैं। इसके अलावा यह भी एक मान्यता है कि जो घटित है वही पठित है। इसी तर्ज़ पर अब साहित्य में हालिया लॉक डाउन का प्रभाव दिखाई देने लगा है।
मौजूदा दौर के साहित्यकारों की कलम अब इसी विषय पर चल रही हैं। कोरोना के कहर और उससे इंसानी जिंदगी पर क्या असर हुआ है, यही इन साहित्यिक रचनाओं में देखने को मिल रहा है। आगरा की लेखिका कामना सिंह ने भी अपना ताज़ा उपन्यास ‘लॉक डाउन डेज़’ इसी विषय को केंद्र में रखकर लिखा है।
‘लॉक डाउन डेज़’ नामक इस अपने उपन्यास में लेखिका ने कोरोना के कहर से उपजे हालातों को भी इसमें समाहित किया है। इसके अलावा देश और दुनिया में क्या हालत उत्पन्न हुए हैं इसका भी अहसास इसको पढ़कर होता है। बदले हुए हालातों का जीवंत चित्रण इसमें उन्होंने किया है। मानव मन को किस तरह ये हालात प्रभावित कर रहे हैं ये भी बखूबी कई बार अहसास होता है। ‘लॉक डाउन डेज़’ उपन्यास ऐमज़ॉन पर पढ़ने के लिए उपलब्ध है।