फैशन

कोरोना महामारी से फैशन और ग्लैमर इंडस्ट्री बेहाल, भविष्य को लेकर सदमे में मॉडल्स

ब्रज पत्रिका, आगरा। इस वक़्त फैशन की राजधानी पेरिस से लेकर मिलान और न्यूयॉर्क तक कोरोना संक्रमण के चलते बेहाल हैं हिंदुस्तान के मुम्बई और दिल्ली के भी हालत चिंताजनक हैं ऐसे में फैशन और ग्लैमर इंडस्ट्री अभूतपूर्व संकट के दौर से गुज़र रही है। इस इंडस्ट्री से जुड़ी मॉडल्स भी सदमे में हैं। सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन्स के हिसाब से अभी हाल फिलहाल किसी भी ऐसी गतिविधि की अनुमति नहीं मिलेगी जिसमें कि भीड़-भाड़ हो। लिहाज़ा फैशन शो और मॉडलिंग से जुड़े अन्य शो आयोजित ही नहीं किये जा सकते। इन हालातों में मॉडल्स के लिए काम का संकट गहरा गया है। इन्हीं मुद्दों पर एक वेबिनार में चर्चा के लिए जुटे ग्लैमर इंडस्ट्री से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े प्रबुद्धजन। इनमें प्रमुख मॉडल्स भी शामिल थीं। आरोही इवेंट द्वारा आयोजित इस वेबिनार को मॉडरेट किया मिस यू पी सारा मून और अंशिका सक्सेना ने। कोविड-19 के बाद हम काम करने के लिए फिर से तैयार है, के संकल्प को व्यक्त करने के लिए इसमें विभिन्न प्रोफेशनल्स ने अपने अपने विचारों से समृद्ध किया।म ग्लैमर लाइव फिल्म्स से लेखक-निर्देशक सूरज तिवारी ने कहा कि जो दौर आगे का है उसमें अपने आप को एक ब्रांड बनाने की ज़रूरत है, अब डिजिटल दौर में कम्पटीशन पड़े-लिखे लोगो के बीच ही रह जाएगा, साथ ही हमें तय करना होगा कि हम किसके साथ काम कर रहे हैं। हमें देखना होगा जिसके साथ काम कर रहे हैं वो हमारे करियर में मददगार हो सकता है या नहीं। उन लोगों के साथ ही काम कीजिये जिनका अपना बड़ा प्रोफाइल है और याद रखें जिसका बड़ा प्रोफाइल है वो आपके पास नहीं आएगा वो आपको बार बार अमुक काम को करने के लिए बाध्य करने की कोशिश नहीं करेगा। जो ऐसा करता है समझो उसके पास आपको देने के लिए कुछ नहीं क्योंकि उसके पास अपना ही कोई वजूद नहीं तो वो आपको क्या देगा। आईआईएफटी के डायरेक्टर विनीत बवानिया ने कहा इंसान की ज़रूरत है रोटी, कपड़ा और मकान। लिहाज़ा कपड़े से जुड़ी ये इंडस्ट्री खत्म तो नहीं होगी, मगर चुनौतियों से हम सभी का सामना होगा। उन्होंने कहा अब सवाल इस बात का है कि हम इस इंडस्ट्री को कैसे बचाएं, इसके लिए हमें बदले हुए दौर के नए नए टूल्स को अपनाना होगा। नई तकनीक से ताल मिलानी होगी। फैशन जर्नलिस्ट डॉ. महेश धाकड़ ने कहा कि अब फैशन इंडस्ट्री में ऑफ लाइन के बजाए ऑनलाइन मार्किट तेज़ी से बढ़ेगा, हमें अपने आप को उसके हिसाब से तैयार करना है बस। क्योंकि प्रोडक्ट्स चाहे ऑफ लाइन बिकें या ऑन लाइन उनके लिए मॉडल्स की जरूरत तो होगी ही। उन्होंने कहा सिर्फ अच्छे और सच्चे लोगों के साथ काम कीजिये कामयाबी भी आपके कदम चूमेगी और   आपको सुखानुभूति भी होगी।
दिल्ली के जाने माने फैशन कोरियोग्राफर प्रतीक लाम्बा ने भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
मॉडल आशु राहुल ने इंडस्ट्री में प्रोफेशनल एटीट्यूड की कमी तरफ सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि आगरा की फैशन और मॉडलिंग इंडस्ट्री में मॉडल्स को सही अर्थों में लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनके काम के बदले बाकी लोग फायदा उठा रहे हैं ऐसे में इस इंडस्ट्री का विकास कैसे होगा। कोरोना ने अब रही सही कमर भी इस इंडस्ट्री की तोड़ दी है।
पुणे की मॉडल मोनिका यादव ने कहा मैं शादी के बाद भी इस लाइन में हूं, आज मैं पहचान की मोहताज नहीं हूँ। आप को ये तय करना है कि आपको किस के साथ काम करना है। अच्छे लोगों और एक मुकाम पर पहुँचे हुए लोगों के साथ काम करेंगे तो आपको भी अपना मुकाम मिलेगा।
करिश्मा कर्दम ने कहा अच्छा पेमेंट अगर मॉडल्स को मिलेगा तभी इंडिस्ट्री ग्रो करेगी और आर्टिस्ट भी। उन्होंने बताया कैसे उनको अपनी नौकरी से समय निकालकर मॉडलिंग करनी पड़ती है मगर इस इंडस्ट्री में मॉडल्स को उनकी मेहनत का फल नहीं मिलता, जिससे वे ज्यादा वक्त तक इस क्षेत्र में काम नहीं कर पातीं और दूसरे व्यवसायों में उनको अपनी जगह तलाशनी पड़ती है।
मिस आगरा निहारिका सिंह ने कहा कि अब वक्त के साथ आ रहे बदलावों के चलते सभी इंडस्ट्री डी-सेंट्रलाइज होंगी, जिसका लाभ सबको मिलेगा, हमारी इंडस्ट्री को और बाकी की इंडस्ट्री को भी। इसलिए हमें आशावादी नज़रिया नहीं छोड़ना चाहिए।
मिस यूपी सारा मून ने कहा आज जरूरत है कि आप सेलेक्टिव हों, काम भले कम करें मगर क्वालिटी का काम करें तभी आप लोगों की नज़रों में आ सकेंगी।
मिस भारतवर्ष अंशिका सक्सेना ने कहा लॉक डाउन के बाद हम एक नई दुनियां में प्रवेश कर रहे हैं और यकीन मानिए कि हम फिर से अपने मकसदों में कामयाब होंगें।
धन्यबाद देते हुए औऱ हम तैयार हैं काम करने के लिए के संकल्प को याद दिलाते हुए आरोही इवेंट्स के डायरेक्टर अमित तिवारी ने एक दूसरे का साथ देते हुए आगे बढ़ने की बात कही। वेबिनार आयोजन में प्रसिद्ध डांस कोरियोग्राफर सिल्वेस्टर ने अहम भूमिका निभाई, राहत जहां खानम का भी सहयोग रहा।

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