UA-204538979-1

मशहूर अभिनेता इरफान खान का दुःखद इंतक़ाल, विश्व सिनेमा की बड़ी क्षति

ब्रज पत्रिका, आगरा। एक लाज़वाब फ़िल्म अभिनेता इऱफान खान का दुःखद इंतक़ाल हो गया! उनके जाने से बेशक़ बॉलीवुड और हॉलीवुड सिनेमा की अपूर्णीय क्षति हुई है! विश्व सिनेमा ने एक शानदार कलाकार को खो दिया है। सिनेमा से जुड़े हुए लोगों और दुनियाभर के सिने प्रेमियों ने उनको अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी है!
इरफ़ान खान हिंदुस्तान के समानांतर सिनेमा के एक बेहतरीन अभिनेता थे। उनके अभिनय में कमाल की सहजता थी वे अपने हर चरित्र को निभाने के बजाए पर्दे पर पूरी तरह उसमें डूबकर जीते हुए ही दिखाई देते थे। उनकी अदाकारी ने हिंदी सिनेमा को एक उम्मीद बंधाई थी कि मौजूदा दौर में भी सशक्त अभिनेताओं की कमी नहीं है।
२९ अप्रैल 2020 को इरफ़ान खान का मुम्बई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया, बताते हैं जहाँ वे बीमार होने के बाद भर्ती हुए थे। वर्ष २०१८ में उन्हें न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर (अंत:स्रावी ट्यूमर) का पता चला था, जिसके बाद वे एक साल ब्रिटेन में इलाज के लिए रहे। एक वर्ष राहत बाद वे पुनः कोलोन संक्रमण की शकायत से मुम्बई में भर्ती हुए। इस बीच ही उन्होंने फ़िल्म ‘अंग्रेज़ी मीडियम’ की शूटिंग भी की, जो कि उनकी अंतिम फिल्म साबित हुई। उन्हें अंत:स्रावी कैंसर हुआ था, जो कि हॉर्मोन-उत्पादक कोशिकाओं का एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर माना जाता है।
इरफ़ान का जन्म ७ जनवरी १९६७ में राजस्थान के एक साधारण से मुस्लिम परिवार में बेगम खान और जगदीर खान के परिवार में हुआ था। माता-पिता टोंक जिले के पास खजुरिया गाँव के रहने वाले थे और टायर का छोटा सा कारोबार करते थे। इरफान और उनके सबसे अच्छे दोस्त सतीश शर्मा क्रिकेट खेलने में बहुत अच्छे थे। उन्हें सीके नायडू क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए 23 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों की टीम में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम रखने के लिए चुना गया था। मगर दुर्भाग्य से धन की कमी के कारण वे टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए नहीं पहुँच सके।
अभिनय कला में भी उनकी गहरी रुचि थी। उन्होंने 1984 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त की और वहीं से अभिनय कला में उच्च कोटि का प्रशिक्षण प्राप्त किया। बताते हैं जब उन्होंने अभिनय जगत में करियर बनाने की मंशा से मुम्बई की ट्रेन पकड़ी तो उनकी बहन ने मदद की। महज़ 100 रुपये बहन से लेकर वे मुम्बई के लिए चले आये।
इरफ़ान हिन्दी और अंग्रेजी फ़िल्मों सहित टेलीविजन के भी एक कुशल अभिनेता रहे। उन्होने ‘द वारियर’, ‘मकबूल’, ‘हासिल’, ‘द नेमसेक’, ‘रोग’ जैसी कई फिल्मों मे अभिनय का लोहा मनवाया। ‘हासिल’ फिल्म के लिये उन्हे वर्ष २००४ का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार प्राप्त हुआ। वे बालीवुड की ३० से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। इरफान हॉलीवुड मे भी जाना पहचाना नाम हैं। वह ‘ए माइटी हार्ट’, ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ और ‘द अमेजिंग स्पाइडरमैन’ सरीखी फिल्मों मे काम कर चुके हैं।
2011 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 60वे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में इरफ़ान को फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला। दो बार फ़िल्म फेयर अवार्ड भी मिला। वर्ष 2008 में ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता का पुरस्कार और वर्ष 2004 में फ़िल्म ‘हासिल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार मिला है।

फ़िल्म ‘पान सिंह तोमर’ में मैंने अभिनेता इरफान खान के साथ अभिनय किया। साथ काम करके महसूस हुआ कि वे वाकई बेहद शानदार अदाकार थे-दिलीप रघुवंशी

इप्टा से जुड़े वरिष्ठ नाट्य निर्देशक और अभिनेता दिलीप रघुवंशी ने कहा मुझे फख्र है कि फ़िल्म ‘पान सिंह तोमर’ में मैंने फिल्मों के बेहतरीन अभिनेता इरफान खान साहब के साथ अभिनय किया। उनके साथ मेरे दो सीन थे। पान सिंह तोमर का वास्ता मुरैना से था लिहाज़ा उसी के बीहड़ में इस फ़िल्म की शूटिंग की गयी थी। उनके साथ काम करके मुझे भी महसूस हुआ कि वे वाकई बेहद शानदार अदाकार हैं, वे बड़े ही सहज भाव से अभिनय किया करते थे। इसके साथ ही वे बड़े ही स्नेही स्वभाव के थे। अपने साथ काम करने वाले कलाकारों की बेहद इज्ज़त व हौसलाफजाई किया करते थे। उनके साथ का ये अनुभव बेशक़ प्रेरणादायक रहा। पान सिंह तोमर के किरदार को इरफ़ान खान जैसे अभिनेता ही पर्दे पर जीवंत कर सकते थे। उन्होंने कहा इरफ़ान खान के चले जाने से निश्चित रूप से बॉलीवुड की बहुत बड़ी क्षति हुई है। आगरा के अभिनेता श्याम शर्मा ने बताया कि मेरी मुलाकात इरफान खान सर से एक ऑडिशन के दौरान हुई, एक मूवी आ रही थी ‘धड़ा’ उनके साथ पहली बार काम करने का मौका मिलता, वह मेरा सपना ही बनकर रह गया।
जब इरफान खान जी से मेरी मुलाकात हुई तो मैंने बोला सर मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूँ तो मुझे गले लगा लिया, मुझे बिल्कुल भी नहीं लगा कि मुझे किसी सीनियर ने गले लगाया है। वह बहुत ही अच्छे थे, अब इस दुनिया में नहीं रहे, इस बात का बहुत दुख है।

इरफान खान जी से मेरी मुलाकात हुई तो, मैंने बोला सर मैं आपका फैन हूँ तो मुझे गले लगा लिया था-श्याम शर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!