सूरसदन में तानसेन की जिंदगानी संग संगीत यात्रा रंगमंच के रंगों में मुखर
आगरा, ब्रज पत्रिका
रंगलोक नाट्य महोत्सव में पांच नवंबर की शाम नाटक ‘तानसेन’ का मंचन किया गया। दिल्ली की ‘द ट्राईलॉग कंपनी’ द्वारा वरिष्ठ रंगकर्मी सुधीर रिखारी के निर्देशन में मंचित इस नाटक में अकबर के नवरत्नों में शुमार रहे संगीत रत्न मियां तानसेन की जिंदगी के कई पहलुओं को मुखर किया। इस संगीतमयी नाटक में तन्ना का तनी से अधूरा प्रेम, हुसैनी से प्रेमविवाह और संगीत की यात्रा को भी बखूबी मुखरित किया गया है, इस यात्रा के पड़ाव भी कई दिखाए गए, मसलन ग्वालियर, वृन्दावन और फिर आगरा में मुगल सम्राट अकबर के दरबार में पहुंचने के बाद संगीत की दुनिया में बुलंदियों को छूने तक के सफर को दिखाया गया। साथ ही बैजू बावरा के उदय और उससे हार जाने के ऐतिहासिक घटनाक्रम बीच दो संगीत के शिखर पुरुषों बीच मुक़ाबले का दृश्य रोमांचित कर देने वाला था। संगीत यात्रा में स्वामी हरिदास जी का चमत्कारी व्यक्तित्व भी देखने को मिला। नाटक में मुगल शासक अकबर के नवरत्नों में से एक मियाँ तानसेन की जिंदगी के पहलुओं को भारतीय शास्त्रीय संगीत, न्रत्य व अभिनय के साथ बहुत खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया। कलाकारों में सुधीर रिखारी व मो. फहीम के शास्त्रीय गायन, रिद्धिमा बग्गा के शास्त्रीय नृत्य व संगीतकारों द्वारा सारंगी, हारमोनियम, पखावज, तानपुरा व तबले पर संगत ने इस संगीतमयी नाटक की प्रस्तुति को यादगार बना दिया। संगीतमयी नाटक को तानसेन की नगरी आगरा में मंचन करके कलाकार अभिभूत दिखे।