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एमएसएमई उत्पाद एवं सेवाओं में ब्रांड के रूप में पहचान दिलाने में वरदान साबित हो रहा है डिजिटलाइजेशन

• राष्ट्रीय सेमिनार में विशेषज्ञों ने साझा किये अपने अनुभव, डिज़िटल मार्केटिंग को बताया आज की जरुरत।

• एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार की उप महानिदेशक अनुजा बापट ने उद्यमियों से किया संवाद।

ब्रज पत्रिका, आगरा। एमएसएमई विकास कार्यालय (भारत सरकार) आगरा द्वारा गुरुवार को उत्पाद एवं सेवाओं के डिजिटल विपणन पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन जे.पी.सभागार आगरा में किया गया। चार सत्रों में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति, डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय प्रो.आशु रानी, मुख्य अतिथि कार्यालय विकास आयुक्त (एमएसएमई) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की उप-महानिदेशक अनुजा बापट, (आई.एस.एस.1998), एमएसएमई-डीएफओ, आगरा के संयुक्त निदेशक डॉ. आरके भारती, सहायक निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा, सेठ पदमचंद जैन प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. ब्रजेश रावत, पीएनबी आंचलिक कार्यालय के डिप्टी जेडएम एसएन गुप्ता, बीओबी क्षेत्रीय कार्यालय के आरएम सुंदर सिंह एवं लघु उद्योग भारती आगरा के अध्यक्ष विजय गुप्ता ने संयक्त रूप से किया।

इस मौके पर एमएसएमई  विकास कार्यालय के संयुक्त निदेशक डॉ. आरके भारती ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि,

“आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से व्यक्ति अपने स्थान से पूरे भारत भर में व्यापार कर सकता है डिजिटल तकनीकी का प्रयोग कर उद्यमी अपने व्यापार को ऊंचाई दे सकता है।”

मुख्य अतिथि उप महानिदेशक एमएसएमई मंत्रालय अनुजा बापट ने उद्यमियों को बताया कि,

“सरकार प्रोक्योरमेंट एवं मार्केटिंग योजना के अंतर्गत नेशनल सेमिनार मार्केटिंग विषय पर करती है इसके साथ-साथ औद्योगिक प्रदर्शनी में भाग लेने, बारकोड अपनाने हेतु, भौगोलिक पहचान, पंजीकृत प्रोडक्टस के सेल प्वाइंट बनाने आदि के लिए प्रोत्साहन करती है। एमएसएमई मंत्रालय द्वारा उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के माध्यम से बहुत ही सरल रूप से स्वघोषणा आधार पर उद्यमी अपनी इकाई का पंजीकरण घर बैठ कर सकता है। भारत में 3 करोड़ से अधिक पंजीकृत एमएसएमई इकाई हैं जो 13 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन करती हैं। एमएसएमई क्षेत्र भारत की आर्थिक रफ्तार को तेज करता है, जिसे डिजिटल माध्यम से और आगे बढ़ाया जा सकता है। सरकार का संकल्प डिजिटल इंडिया को बढ़ाना है आज के समय छोटे से छोटा वेंडर यूपीआई माध्यम से पेमेंट प्राप्त कर रहा है। एमएसएमई इकाई इस प्रकार की सेमिनार में भाग लेकर, तकनीकी क्षेत्र में भाग लेकर अधिक से अधिक सीखें और अपने कारोबार को नई प्रगति दें।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा कि,

“विश्वविद्यालय एमएसएमई विभाग, बैंकर्स और उद्यमी संगठन मिलकर इस प्रकार की सेमिनार कर छात्रों को उद्यमी बनने की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं।”

कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि,

“आज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ. मुकेश शर्मा एवं डॉ. आर. के. भारती एमएसएमई विभाग के अधिकारी बतौर मंच पर हैं और उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।”

उन्होंने सेमिनार के महत्व को समझाते हुए कहा,

“डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से उद्यमी कई तरह के प्रोडक्ट बनाकर उनके डिजिटल माध्यम से बिक्री कर सकते हैं जैसे एग्रीकल्चर वेस्ट की चीजों का उपयोग करके नए प्रोडक्ट को बना सकते हैं। अब विश्वविद्यालय में भी उद्यमी सेल बनाई जाएगी।”

लघु उद्योग भारती के विजय गुप्ता ने कहा कि,

“भारत आज पांचवी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है, देश का विकास व्यापार एवं उद्योग से बढ़ता है जिस व्यापारी को अपनी वस्तु को ठीक बेचना आता है, वह अच्छी प्रगति करता है। परम्परागत मार्केटिंग के अलावा डिजिटल विपणन से व्यापार में बहुआयामी विकास होता है।”

पंजाब नेशनल बैंक के एसएन गुप्ता ने बताया कि,

“उद्यमी अपने बैंक खाता मेंटेन कर सिबिल अच्छा रखें तो बैंक उसे अच्छी क्रेडिट लिमिट देता है। पंजाब नेशनल बैंक की एमएसएमई स्कीम्स के द्वारा व्यापार क्षेत्र में अच्छी प्रगति पाई जा सकती है।”

उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की ओर से एमएसएमई क्षेत्र के लिए एमएसएमई प्राइम प्लस योजना, पीएनबी जीएसटी एक्सप्रेस योजना, पीएनबी संपत्ति स्कीम के बारे में चर्चा की।

बैंक ऑफ़ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक सुंदर सिंह ने कहा,

“बैंक ऑफ बड़ौदा की एमएसएमई ऋण योजना के अंतर्गत उद्यमी अपने कारोबार में तेजी लाएं। बैंक ऑफ़ बड़ौदा एमएसएमई ऋण के अंतर्गत बड़ौदा टेक्सटाइल ऋण, बड़ौदा कॉन्टैक्टर ऋण, बड़ौदा प्रॉपर्टी प्राइम स्कीम, बड़ौदा आरोग्यधाम ऋण, बड़ौदा विशेष ऋण, बड़ौदा विद्यास्थली ऋण प्रदान कर रही है। बैंक ने उद्यमियों को घर बैठे अपने उद्यम स्थल पर ही ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की हैं।”

तकनीकी सत्रों में गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस से जैएम ट्रेनर अनामिका श्रीवास्तव ने सरकार की जेम पोर्टल से खरीद नीति के बारे में परिचय देते हुए उसकी महत्ता के बारे में बताया। क्रेता-विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, उत्पाद अपलोड प्रक्रिया को समझाया।

राजीव शर्मा ने ई-कामर्स बिजनेस एवं मार्केट प्लेस सेलिंग विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए बताया कि,

“डिजिटल रूप से व्यवसाय करने के दो बाजार विकल्प हो सकते हैं ई-कॉमर्स वेबसाइट और डिजिटल मार्केटप्लेस जैसे अमेजॉन फ्लिपकार्ट।”

साइबर क्राइम विश्लेषक विजय तोमर ने बताया कि,

“अपने व्हाट्सएप, ई-मेल, बैंक अकाउंट्स इत्यादि में दोहरी सुरक्षा रखना जरुरी है, निजी जानकारी किसी अजनबी के साथ शेयर न करें।”

आकाश मित्तल ने डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन मार्केटिंग कर अपने व्यापार को बढ़ाने के तरीके बताये। तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता डॉ. सीमा सिंह, डॉ. के. के. पचौरी, डॉ. डी. एस. यादव ने की। संचालन डॉ. रत्ना पाण्डेय, डॉ. श्वेता चौधरी, डॉ. राज कुमार ने किया।

सह आयोजक के रूप में रहे शामिल

• सेठ पदमचंद जैन तकनीकी संस्थान – डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
• पंजाब नेशनल बैंक
• बैंक ऑफ बड़ौदा
• लघु उद्योग भारती

इसकी रही अहम भूमिका

सेमीनार का संचालन डॉ. मुकेश शर्मा आईईएस, सहायक निदेशक ग्रेड-1 ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. बृजेश रावत, निदेशक सेठ पदमचंद जैन प्रबंधन संस्थान ने किया। इस अवसर पर डॉ. श्वेता गुप्ता, प्रो. अनिल गुप्ता, डॉ. रुचिरा प्रसाद, डॉ. मनीष मोहन वर्मा, पवन आगरी, राजकीय चर्म संस्थान के प्राचार्य सैयद हसन अब्बास, जिला उद्योग केंद्र से सोनाली जिंदल, सहायक आयुक्त, एमएसएमई विकास कार्यालय के उपनिदेशक बृजेश कुमार यादव, सहायक निदेशक नेपाल सिंह, अभिषेक सिंह, आरपी शर्मा, सतविंदर कौर, सुशील कुमार एवं सुनील कुमार पांडे, दिनेश कुमार, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक प्रेम प्रकाश संविदा, पंजाब नेशनल बैंक के सहायक महाप्रबंधक पंकज कुमार, मुख्य प्रबंधक अपूर्व जैन, शशि राज, लघु उद्योग भारती से मनोज प्रताप सिंह परिहार, दिनेश गुप्ता, राजीव बंसल, अरविन्द शुक्ला, सिद्धार्थ गुप्ता, भावना कुमारी आदि मौजूद रहे।

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