मीट एट आगरा में तीन दिन विश्व के फुटवियर ट्रेड की मेजबानी करेगा आगरा
• अंतर्राष्ट्रीय फेयर के लिए सजकर तैयार हुआ आगरा ट्रेड सेंटर।
• शुक्रवार को होगा तीन दिवसीय इस ट्रेड फेयर का उदघाटन।
ब्रज पत्रिका, आगरा। दुनिया के फुटवियर बाजार की मेजबानी करने के लिए आगरा पूरी तरह तैयार हो चुका है, 30 से अधिक देश और लगभग 220 से अधिक एग्जीबिटर्स एक छत के नीचे फुटवियर ट्रेड के महाकुम्भ कहे जाने वाले ‘मीट एट आगरा’ के पन्द्रहवें संस्करण में शामिल होने आगरा आ चुके हैं। इस भव्य आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।
फुटवियर मैन्युफेक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैम्बर (एफमेक) द्वारा सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर पर आयोजित हो रहा तीन दिवसीय फेयर ‘मीट एट आगरा’ 27 से 29 अक्टूबर तक चलेगा। गुरुवार को इस आयोजन को लेकर में सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर पर एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई।
आयोजन के विषय में जानकारी देते हुए एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि,
“मीट एट आगरा इस बार अब तक का सबसे ख़ास आयोजन होने जा रहा है। डेढ़ दशक की अपनी यात्रा में इस आयोजन ने देश में ही नहीं दुनिया में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। फुटवियर, कम्पोनेंट्स के साथ जूता बनाने की दुनिया की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की मशीनरी यहाँ देखने को मिलेगी, इससे आगरा ही नहीं देश के विभिन्न प्रदेशों के कारोबारी लाभान्वित होंगे। भारतीय फुटवियर उद्योग की बात करें तो यह बाज़ार समय के साथ तेजी से बदल रहा है और लगातार अपना दायरा बढ़ा रहा है, बदलती लाइफ स्टाइल समय के साथ बढ़ती आधुनिकता की वजह से फुटवियर की मांग हर रोज बढ़ रही है। अलग-अलग वैरायटी, डिजाइन बदलते फैशन और लोगों की जरूरतों ने इस उद्योग को पंख लगा दिए हैं, साथ ही ई-कॉमर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के आने से फुटवियर इंडस्ट्री को काफी फायदा हो रहा है। भारत ही नहीं दुनियाभर में फुटवियर का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अगर इस इंडस्ट्री को आंकड़ों के जरिए समझें तो 2022 में फुटवियर का वैश्विक बाजार 382 बिलियन डॉलर का रहा जबकि भारत में 2022 में फुटवियर उद्योग 15 बिलियन डॉलर से ऊपर जा पहुंचा। यह इस बात को समझने के लिए पर्याप्त है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में फुटवियर उद्योग की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसे में इस प्रकार के आयोजन अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करते हैं।”
एफमेक कन्वीनर कैप्टन ए. एस. राणा ने कहा कि,
“अगर प्रति प्यक्ति कंजप्शन को देखा जाए तो दुनिया में हर व्यक्ति साल में ओसतन लगभग 3 जोड़े यानि 2.9 जोड़े फुटवियर का इस्तेमाल करता है, जबकि भारत में हर व्यक्ति साल में ओसत दो जोड़े से कम यानि 1.8 जोड़े फुटवियर का इस्तेमाल करता है, माना जा रहा है कि समय के साथ बड़ी संख्या में भारतीय आबादी के मिडिल क्लास सेगमेंट में जाने से फुटवियर का उपभोग और डिमांड तेजी से उपर जाने की उम्मीद है।”
वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सहगल ने कहा कि,
“अब वक्त है हम अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी वैश्विक बाजार को ध्यान में रखकर विकसित करें। यह फेयर इस कारोबार से जुड़े हर व्यक्ति के लिए गूगल सर्च इंजन की तरह से है, जहाँ हम वो सब कुछ एक छत के नीचे पाएंगे जो आज हमारी जरुरत है।”
ओर्गनाइजिंग कमेटी के चेयरमैन गोपाल गुप्ता ने कहा कि,
“फुटवियर के प्रोडक्शन और कंजप्शन के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर आता है, केवल चीन ही इन दोनों पहलुओं पर भारत से आगे है। दुनिया में कुल फुटवियर उत्पादन में शीर्ष 10 देशों की बात करें तो चीन इसमें पहले पायदान पर आता है। हम सरकार के सहयोग से इस स्थिति को बदल सकते हैं। बस आवश्यकता है उत्तम गुणवत्ता के साथ प्रोडक्शन की।”
एफमेक सचिव ललित अरोड़ा ने कहा कि,
“भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा फुटवियर उत्पादक है, और हम अपने उत्पादन का 10 फीसदी हिस्सा निर्यात करते हैं। लेकिन हम अपनी फुटवियर जरूरतों को खुद पूरा करने में आज सक्षम हैं। भारत में बनने वाले कुल उत्पादन में से 90 फीसदी फुटवियर का इस्तेमाल देश में ही किया जाता है।”
मुख्य रूप से रहे मौजूद
इस मौके पर एफमेक के अनिरुद्ध तिवारी, कपिल मगन, सुधीर गुप्ता, चंद्र शेखर जीपीआई, सीएलई के आर.के. शुक्ला आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।