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नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा का ११३वाँ स्थापना दिवस पुस्तकालय सभागार में सादगीपूर्ण ढंग से मनाया गया, कई साहित्यकार हुए सम्मानित

पंडित बृजमोहन रावत, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा पुरस्कार से सम्मानित किए ग़ज़लकार अशोक रावत।

प्रो. रमेश कुमार शर्मा, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा पुरस्कार से सम्मानित किए कवि रमेश पंडित।

प्रो. सुरेश चंद्र शर्मा, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा पुरस्कार से सम्मानित किए गीतकार डा. राजकुमार ‘रंजन’।

ब्रज पत्रिका, आगरा। शुक्रवार 27 जनवरी को नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा का ११३वाँ स्थापना दिवस पुस्तकालय सभागार में सादगीपूर्ण ढंग से मनाया गया। इस अवसर पर आगरा शहर के प्रमुख हिंदी साहित्यकार और साहित्य प्रेमी मौजूद थे। इस समारोह के मुख्य अतिथि देश के मशहूर कवि सोम ठाकुर थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में सोम ठाकुर ने कहा कि,

“नागरी प्रचारिणी सभा का स्थापना से लेकर आज तक हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि के प्रचार-प्रसार में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस संस्था का महत्व हिंदी के क्षेत्र में आज भी किसी से छुपा नहीं है। साथ ही इस संस्था ने देश को बहुत बड़े-बड़े साहित्यकार दिये हैं।”

पंडित बृजमोहन रावत, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा पुरस्कार से सम्मानित ग़ज़लकार अशोक रावत ने कहा कि,

“नागरी प्रचारिणी सभा का नाम सुनते हुए ही हमारे मन में एक गौरव की अनुभूति होती है। इस संस्था के प्रयासों से देश में निःसन्देह हमारी हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को गति मिली है।”

प्रो. रमेश कुमार शर्मा, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा पुरस्कार से सम्मानित कवि रमेश पंडित ने कहा कि,

”अपनी ही पाठशाला में जब सम्मानित किया जाता है तो उससे अधिक गौरव की अनुभूति और क्या होगी! मुझे तो जो कुछ भी मिला है वह सब नागरी प्रचारिणी सभा से ही मिला है।”

प्रो. सुरेश चंद्र शर्मा, नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा पुरस्कार से सम्मानित गीतकार डा. राजकुमार ‘रंजन’ ने कहा कि,

”आज मैं इस सभागार में सम्मानित होने के बाद बहुत ही अभिभूत हूँ, इसी नागरी प्रचारिणी सभा ने हमें बहुत कुछ दिया है।”

समारोह के अध्यक्ष और सभा के सभापति डा. ख़ुशीराम शर्मा ने सभा का परिचय देते हुए कहा कि,

”नागरी प्रचारिणी सभा आगरा लगातार अपना विकास करते हुए हिन्दी भाषा के विकास में अपना सहयोग कर रही है।”

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. कमलेश नागर ने कहा कि,

“सभा से जुड़कर गौरव की अनुभूति होती है। सभा ने आगरा शहर को ही नहीं बल्कि हमारे देश को बहुत बड़े-बड़े साहित्यकार दिये हैं।”

सभा के मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर शर्मा ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि,

”निःसन्देह अपने स्वनामधन्य हिंदी के साहित्यकारों से ही नागरी प्रचारिणी सभा आगरा की शोभा बढ़ती रही है।”

समारोह का आरम्भ डा. शशि तिवारी की सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर आगरा के साहित्यकारों ने सभा पुस्तकालय को स्वरचित पुस्तकें प्रदान कीं। सभा ने इन सभी साहित्यकारों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर डा. विनोद कुमार माहेश्वरी, डा. मधु भारद्वाज, शलभ शर्मा, गौतम रावत, अरुणा रावत, प्रो. दीपा रावत, लखमीचंद , डा. अखिलेश श्रोत्रिय, डा. सुनील दिवेदी, डा. कुसुम चतुर्वेदी, डा. आभा चतुर्वेदी, डा. यशोयश, डा. रेखा कक्कड़, श्रीभगवान सहाय, श्रीनिवास शर्मा, डा. सुनीता चौहान, डा. अनामिका शर्मा, गिरीश शर्मा, डा. सुषमा सिंह, डा. शशि सिंह, मनु पण्ड्या, सुनीत कुमार, कुमार ललित, सत्येंद्र सत्तन, डा. किरण शर्मा आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

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