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निराला की दुनिया जितनी विराट थी उतना ही विराट था उनका लेखन और उतने ही विराट वह स्वयं थे : डॉक्टर विवेक ‘निराला’

महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की 61वीं पुण्यतिथि पर नागरी प्रचारिणी सभा आगरा में आयोजित किया गया एक भव्य समारोह।

ब्रज पत्रिका, आगरा। “निराला की दुनिया जितनी विराट थी उतना ही विराट था उनका लेखन और उतने ही विराट वह स्वयं थे। वह अपनों के जितने निकटस्थ थे, उससे ज्यादा उनकी निकटता दुनिया के बाकी लोगों से थी। निराला जी 20वीं सदी में जो भी कुछ सोचते थे, वह 21वीं सदी में फलीभूत हो रहा है।”

यह कहना था महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के प्रपौत्र डॉक्टर विवेक ‘निराला’ का। डॉ. विवेक ‘निराला’ यहाँ महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की 61वीं पुण्यतिथि पर 15 अक्टूबर 2022 को नागरी प्रचारिणी सभा, आगरा में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से बोल रहे थे।

समारोह का आयोजन सांस्कृतिक संस्था ‘रंगलीला’, ‘प्रेमकुमारी शर्मा समारोह समिति’ और ‘छांव फाउंडेशन’ ने सयुंक्त रूप से किया था। इस समारोह में संपन्न विचार गोष्ठी का विषय था ’21वीं सदी और निराला की सांस्कृतिक अवधारणा’।

समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में विषय पर बोलते हुए ‘केंद्रीय हिंदी संस्थान’ के पूर्व निदेशक प्रो. रामवीर सिंह ने कहा कि,

“निराला की रचनाओं में सभी देवता मनुष्य के समरूप थे। अपनी ऐतिहासिक रचना ‘राम की शक्ति पूजा’ में उन्होंने जो लिखा है वह भले ही 20वीं सदी के पूर्वार्ध की तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत के विरूद्ध था, लेकिन उसका भाव 21वीं सदी में भी चरितार्थ हो रहा है।”

अपनी बात को विस्तार देते हुए प्रो. रामवीर सिंह ने कहा कि,

“आज के युग में निराला का स्मरण न सिर्फ एक महाकवि का स्मरण है बल्कि यह महाकाव्य का स्मरण भी है।”

विषय प्रवर्तन करते हुए हिंदी के वरिष्ठ आलोचक डॉ. प्रियम अंकित ने कहा कि,

“जिन सांस्कृतिक सपनों को निराला ने 20वीं सदी में संजोया था और जिसके लिए अपना सम्पूर्ण काव्य रचा, आज 21वीं सदी में उसका जिस तरह से ह्रास होता दिख रहा है, यह हमारे लिए बड़े शर्म की बात है।”

समारोह में मौजूद वरिष्ठ गीतकार सोम ठाकुर ने महाकवि के अपने जीवन के उत्तरार्द्ध में आगरा प्रवास संस्मरणों को उपस्थित दर्शकों के साथ साझा किया। नागरी प्रचारिणी सभा के उपाध्यक्ष डॉ. खुशीराम शर्मा ने भी संस्मरण सुनाये।

इस अवसर पर आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए रंगलीला के निदेशक अनिल शुक्ल ने कहा कि,

“निराला जी की पुण्यतिथि का यह समारोह आने वाले वर्षों में भी निरंतर मनाया जायेगा।”

समारोह का दूसरा भाग शानदार काव्य पाठ का था, जिसमें सोम ठाकुर, डॉ. विवेक ‘निराला’, रमेश पंडित, अमीर अहमद जाफरी और डॉ. त्रिमोहन ‘तरल’ जैसे वरिष्ठ कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं के द्वारा मौजूद दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

इस अवसर पर वरिष्ठ लेखक डॉ. अखिलेश श्रोत्रिय ने डॉ. विवेक ‘निराला’ और रमेश पंडित को प्रशस्ति पत्र देकर उनका अभिनन्दन किया। समारोह के अंत में छांव फाउंडेशन के आशीष शुक्ल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

कार्यक्रम का प्रबंधन अशोक कुमार, अजय तोमर, रामभरत उपाध्याय, मन्नू शर्मा ने संभाला। इस कार्यक्रम में अनिल शर्मा, डॉ. आभा चतुर्वेदी, शशिकांत पांडेय, उमाकांत चौबे, राजवीर सिंह राठौर, आर.के. भारती, मनोज सिंह, अजय दुबे, डॉ. राजीव शर्मा, वसंत रावत, चंद्रशेखर, अभिनय प्रसाद, अर्निका माहे0श्वरी, रामनाथ शर्मा, डॉ. महेश धाकड़, के.के. सिंह, महमूद उज्जमा, मनीषा शुक्ला, सीमांत साहू, उमेश दुबे सहित अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे।

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