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भारत की आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को हमें गांव-गांव तक पहुँचाना है, निरोगी काया के लिए यह आज की सबसे पड़ी जरुरत है : दिनेश

-अनेकता में एकता का अनुपम उदाहरण बना आरोग्य फाउंडेशन का राष्ट्रीय अधिवेशन।
-अधिवेशन में 14 राज्यों से 300 प्रतिनिधि हुए शामिल।
-आरोग्य सेविकाओं ने अपने अनुभवों से बतायीं हैरान कर देने वाली बातें, दिखा सेवा का गज़ब जज्बा।

ब्रज पत्रिका, आगरा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक अलग-अलग बोली अलग-अलग वेषभूषा, मगर लक्ष्य एक भारत को रोग मुक्त करना है। आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एकल अभियान के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शनिवार को आगरा नगर के बाग फरजाना स्थित सांस्कृतिक भवन में उद्घाटन हुआ, जिसमें देश के 14 राज्यों से आईं आरोग्य सेविकाओं और उन्हें प्रशिक्षित करने वाले कार्यकर्ता सहित कुल 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस दौरान कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, असम, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेश से आईं आरोग्य सेविकाओं ने अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करती हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मन मोह लिया। इनमें विभिन्न प्रदेशों के आकर्षक सामूहिक लोक नृत्य भी प्रस्तुत किए गए। अधिवेशन का उद्घाटन आएएसएस के वरिष्ठ प्रचारक व विहिप के मार्गदर्शक दिनेश ने किया ने किया। भारत सरकार आयुष मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल अपनी निजी व्यस्तता के चलते आयोजन में शामिल नहीं हो सके।

आएएसएस के वरिष्ठ प्रचारक व विहिप के मार्गदर्शक दिनेश ने इस मौके पर कहा कि,

“भारत की आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को हमें गांव-गांव तक पहुँचाना है, निरोगी काया के लिए यह आज की सबसे पड़ी जरुरत है। यह सच है कि चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होता है, हमें इस पेशे से जुड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए।”

आरोग्य भारती से जुड़े सभी चिकित्सकों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि,

“फाउंडेशन से हमें न्यूनतम 5 चिकित्सकों को जोड़ने का काम करना चाहिए। आज भारत प्रगति की और अग्रसर है, और हमें जरुरत है कंधे से कन्धा मिलाकर और भी आगे बढ़ने की, तभी हम अपने असल लक्ष्यों को पा सकेंगे।”

अन्धेरा कितना भी घना हो मगर दीप जलना चाहिए

इस मौके पर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ट्रस्ट बोर्ड आरोग्य फाउण्डेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सजन बंसल ने अपने सम्बोधन में कहा कि,

“भारत आज भी विकासशील देश की रेस में है, जबकि हमारे काल में ही आज़ाद हुए जापान जैसे देश हमसे कहीं आगे निकल गए, यह चिंतन का विषय है। संघ वर्तमान में 4 लाख गावों को अपना कार्यक्षेत्र मानता है, तीन लाख गावों में संघ पहुंच चुका है। हमें खुशी है कि संघ अपने प्रकल्पों के जरिये अपने लक्ष्य की ओर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। अन्धेरा कितना भी घना हो, मगर दीप जलना चाहिए और यही आशा का दीप सदैव लोगों के जीवन में कामयाबी का गवाह बनता है।”

आरोग्य सेविकाओं के जज्बे को सराहा

इस मौके पर आयोजन अध्यक्ष पूरन डावर ने अपने स्वागत भाषण में देश के विभिन्न प्रांतों से आईं आरोग्य सेविकाओं के अनुभव कथन सुनकर जज्बे की प्रशंसा करते हुए इस मिशन को बदलते भारत में मील का पत्थर बताया।

आयोजन अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि,

“आज भी वनवासी एवं सुदूर अंचलों के लोग स्वस्थ्य के प्रति गंभीर नहीं हैं, ऐसे में आरोग्य सेविकाओं ने लोगों को न सिर्फ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया है, बल्कि उन्होंने उन्हें इस मिशन का हिस्सा भी बनाया है।”

15 हजार गावों को आरोग्य से जोड़ना है लक्ष्य

आरोग्य प्रकल्प के केन्द्रीय मार्गदर्शक डॉ. मुकुल भाटिया ने प्रकल्प के कार्य क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि,

“आरोग्य फाउंडेशन इस समय कुल 1500 गावों में कार्य कर रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हम आने वाले समय में इस आकड़ें को 15 हजार गावों तक ले जाएं। इसीलिए हमने इस अधिवेशन को ‘चलो गांव की ओर’ का नारा दिया है।”

भाषा अलग पर सबका लक्ष्य और भावना एक है

फाउंडेशन के महासचिव मनोज मोदी ने इस मौके पर कहा कि,

“यह आयोजन भारत की अनेकता में एकता के स्वरुप को प्रदर्शित कर रहा है। लोग भले ही एक दूसरे की भाषा न समझ पा रहे हों, लेकिन उनके दिल एक दूसरे के लक्ष्य, भावनाओं को पूरी तरह समझ रहे हैं।”

आरोग्य एकल, अमेरिका के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने अमेरिका में इस फांउडेशन के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए इसे समाज के लिए आवश्यक बताया। वहीं आरोग्य फाउण्डेशन, केंद्रीय कार्य समिति के अध्यक्ष रमेश माहेश्वरी, आरोग्य फाउण्डेशन ऑफ इंडिया के ट्रस्टी रमेश सरावगी, एकल आरोग्य प्रकल्प के अध्यक्ष डॉ. रघुनन्दन मेहता, आरोग्य फाउण्डेशन, केंद्रीय कार्यकारिणी के सचिव सतीश सहित कई अन्य पदाधकारियों ने भी अपने सम्बोधन में इस प्रकल्प को देश भक्ति के साथ-साथ मानव भक्ति का पर्याय भी बताया। इस मौके पर फाउंडेशन की एक वार्षिक स्मारिका का विमोचन भी हुआ।

समारोह में मुख्य रूप से ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग, पूर्व महापौर इंद्रजीत आर्य, डॉ. एसके कालरा, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, डॉ. अंकुर बंसल, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता, डॉ. राजेंद्र बंसल, डॉ. डीपी गोयल, हरी राम भदौरिया, मुरारी लाल फतेहपुरिया, रामदेव शर्मा, मुकेश चन्द्र शर्मा, मनोज शर्मा, संजय खरते, जतिनदास, संजय गोयल, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा आदि विशेष रूप मौजूद रहे। समारोह में संचालन अखिलेश शर्मा ने किया।

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