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आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया देश के सूदूरवर्ती प्रदेशों के वनवासियों और ग्रामवासियों के मध्य स्वास्थ्य जागरूकता को मुख्य लक्ष्य बनाकर कार्यरत है

– आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एकल अभियान का राष्ट्रीय अधिवेशन।
– आरोग्य फाउंडेशन के राष्ट्रीय अधिवेशन में देखेगी लघु भारत की झलक।
– अधिवेशन में 14 राज्यों से 300 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
– आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एकल अभियान संस्था स्वास्थ्य के क्षेत्र करती है कार्य।

ब्रज पत्रिका, आगरा। देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एकल अभियान का राष्ट्रीय अधिवेशन आगरा नगर के बाग फरजाना स्थित संस्कृति भवन में 15 और 16 अक्टूबर को आयोजित होगा।

संस्कृति भवन पर 14 अक्टूबर को आयोजित एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए एकल आरोग्य के मार्गदर्शक डॉ. मुकुल भाटिया ने बताया कि,

“इस अधिवेशन में देश के 14 राज्यों से प्रतिनिधि स्वरूप 50 आरोग्य सेविकाएं तथा उन्हें प्रशिक्षित करने वाले कार्यकर्ता, चिकित्सक, समाजसेवी, सहायक, दानदाता सहित कुल 300 प्रतिनिधि भाग लेंगे। संस्था के राष्ट्रीय अधिवेशन के समाजिक चिंतक पूरन डावर की अध्यक्षता में आयोजन समिति गठित की गई है, इसमें डॉ. एसके कालरा, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, डॉ. अंकुर बंसल, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता का भी सक्रिय योगदान है। इस अधिवेशन में देश के प्रमुख प्रांतों के वनवासी एवं सुदूर अंचलों के प्रतिनिधियों के साथ बतौर मुख्य अतिथि भारत सरकार आयुष मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल शामिल होंगें।”

आयोजन समिति के अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि,

“आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एकल अभियान की स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने वाली एक संस्था है, जो देश के सूदूरवर्ती प्रदेशों के वनवासियों और ग्रामवासियों के मध्य स्वास्थ्य जागरूकता को अपना मुख्य लक्ष्य बनाकर कार्यरत है। एकल आरोग्य का कार्य इस समय असम से प्रारंभ कर गुजरात तक तथा हिमाचल से कर्नाटक तक देश के 14 राज्यों के 1500 गांवों में सक्रिय रूप से चल रहा है।”

एकल आरोग्य प्रकल्प अध्यक्ष डॉ. आर.एन. मेहता ने बताया कि,

“संस्था का स्वास्थ्य जागरण, स्वास्थ्य प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का यह कार्य 22 वर्ष पूर्व असम के चाय बागानों की महिलाओं को आरोग्य सेविकाओं के प्रशिक्षण के साथ प्रारंभ हुआ था।”

आयोजन सचिव डॉ. एस.के. कालरा ने बताया कि,

“आरोग्य सेविकाएं न केवल वनौषधि से रोगियों को ठीक करती हैं, बल्कि उनका उत्पादन भी करती हैं। चिकित्सा शिविरों में ग्रामीण रोगियों की चिकित्सा के अतिरिक्त टेली मेडीसिन द्वारा भी ग्रामीण रोगियों की चिकित्सा नगरीय चिकित्सकों द्वारा की जाती है। इसके अतिरिक्त संस्था के दो नेत्र वाहन राजस्थान तथा झारखण्ड में कार्यरत हैं। उनके द्वारा चश्में बांटने तथा दवा देने का भी कार्य होता है। इस प्रकार एकल आरोग्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रामीण और वनवासी जनों की सेवा की एक समग्र योजना है।”

इस अवसर पर रामदेव शर्मा (कोषाध्यक्ष, आगरा संभाग), मुकेश चन्द्र (सदस्य, आरोग्य समिति), सतीश गुप्ता (सचिव, केंद्रीय समिति), डॉ. राकेश गुप्ता (अध्यक्ष, आरोग्य फाउंडेशन ऑफ अमेरिका), सन्तोष, मनोज शर्मा, संजय खरते, जतिनदास विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंच संचालन अमरेश कुमार (संभाग प्रमुख, उत्तर प्रदेश) ने किया।

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