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“रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में…!”

उत्तर प्रदेश संगीत नाट्य अकादमी के बैनरतले भारतरत्न, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया कार्यक्रम ‘हमारी लता दीदी’, सुजाता शर्मा ने उनके गाये गीतों को अपनी आवाज़ में सुनाकर दी उनको स्वरांजलि।

सुजाता शर्मा के साथ युगल गायन प्रस्तुतियों में लोकप्रिय गायकों चंचल उपाध्याय, श्रीकांत निज़ाम और हरीश आहूजा ने भी अपने स्वर प्रवाहित किए।

ब्रज पत्रिका, आगरा। “जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे, संग संग तुम भी गुनगुनाओगे…।” यह फिल्मी गीत तब हकीकत बन गया जब ‘हमारी लता दीदी’ कार्यक्रम के दौरान गायकों के साथ हर दर्शक स्वर मिलाता नजर आया। उत्तर प्रदेश संगीत नाट्य अकादमी द्वारा भारत की गौरव पार्श्वगायिका लता मंगेशकर की जयंती के उपलक्ष्य में होटल ब्लू सफ़ायर में एक संगीतमयी शाम का आयोजन किया गया। जहां लता दीदी के कुछ गीतों ने दर्शकों की पलकों को भिगो दिया तो कुछ ने चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेर दी।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती व लता मंगेशकर के चित्र के समक्ष मुख्य अतिथि उद्यमी और समाजसेवी पूरन डावर, कार्यक्रम के संयोजक व उत्तर प्रदेश संगीत नाट्य अकादमी के सदस्य रंजीत सामा, उद्यमी नवल किशोर अग्रवाल, गायिका सुजाता शर्मा, होटल स्वामी वीरबल खान, उद्यमी प्रमोद वर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कार्यक्रम में अतिथियों और श्रोताओं ने सेल्फ़ी पॉइंट पर भारतरत्न लता मंगेशकर के आकर्षक कट आउट के साथ सेल्फ़ी भी लीं और फ़ोटो खिंचवाकर इस संगीतमयी कार्यक्रम की यादों को संजो लिया।

गायिका सुजाता शर्मा ने सर्वप्रथम सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। उसके बाद लता मंगेशकर द्वारा गाये हुए गीतों को अपनी आवाज़ में प्रस्तुत करने का सिलसिला शुरू किया। समारोह के मुख्य अतिथि पूरन डावर एवं अन्य अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक फ़िल्म निर्माता रंजीत सामा ने माला पहनाकर किया।

उद्यमी और समाजसेवी पूरन डावर ने भारत रत्न लता मंगेशकर के विषय में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि,

“यह पहला मौका है जब लता दीदी का जन्म दिवस उनके बिना मनाया जा रहा है। इसके लिए मैं उ. प्र. संगीत नाट्य अकादमी, सुजाता शर्मा और अन्य सभी कलाकारों को हार्दिक बधाई देता हूँ। आगरा शहर में ऐसे सार्थक कार्यक्रम आयोजित होते रहने चाहिए।”

सुजाता शर्मा ने सर्वप्रथम “आजा रे परदेशी…” गीत को प्रस्तुत किया, इसके उपरान्त “तेरा जाना दिल के अरमानों का लुट जाना…” प्रस्तुत किया। चंचल उपाध्याय व सुजाता शर्मा ने “देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए…”, दिल में तुझे बिठा के कर लूंगी मैं बंद आंखे…” गीत प्रस्तुत किए तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी। हरीश आहूजा व सुजाता शर्मा ने सुनाया-“जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा…”, “दिल तेरा दीवाना है…।”

इसके उपरान्त सुजाता शर्मा ने लता मंगेशकर के 10 अवार्डेड गाने प्रस्तुत किए। श्रीकान्त निज़ाम और सुजाता शर्मा ने “तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे…”, “याद किया दिल ने…” गीत प्रस्तुत किए।

अंत में कार्यक्रम का समापन सभी गायकों ने समवेत स्वरों में यह गीत प्रस्तुत करके किया-“रहें ना रहें हम, महका करेंगे बन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में…।”

अंत में रंजीत सामा ने सभी गायकों व अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करके सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अशोक चौबे एडवोकेट, डॉ. संगीता बंसल, मनीष जैन, आदर्श नंदन गुप्त, डॉ. महेश धाकड़, सूरज तिवारी, टीना डेनियल, वीरबल खान, प्रमोद वर्मा, संजय दुबे, उमा शंकर मिश्रा, अनिल जैन, सोमा जैन, सतीश गुप्ता, शिल्पी गुप्ता, अनिल गुप्ता, राज मनमानी, रवि शिवहरे, राकेश छावड़ा, मनोज शर्मा, मोहित अग्रवाल, संजय चावला, राजेन्द्र सचदेवा, एड. राजेन्द्र शर्मा, हेमंत भोजवानी आदि उपस्थित थे। संचालन सुशील सरित ने किया।

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