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देश बदलाव के दौर में प्रगति पथ पर बढ़ते हुए आज़ादी के असली मायने तलाश रहा है-डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी

आनंद इंटर कॉलेज द्वारा अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन, संस्थापिका स्व. शकुंतला शुक्ल की प्रतिमा का किया अनावरण।

ब्रज पत्रिका, आगरा। आनंद इंटर कॉलेज द्वारा अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में आयोजित अपने स्वर्ण जयंती समारोह में प्रथम दिन कालेज की संस्थापिका स्व. शकुंतला शुक्ल की प्रतिमा का अनावरण एवं संगोष्ठी का आयोजन शनिवार को शुभ लग्न सेवा सदन, अजीत नगर, खेरिया मोड़ पर किया गया। जिसमें वक्ताओं ने ‘बदलते परिवेश में आज़ादी के मायने’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर आजादी के अमृत महोत्सव की सार्थकता पर भी प्रकाश डाला।

संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन केंद्रीय हिंदी संस्थान के कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने करते हुए कहा कि आज देश बदलाव के दौर में प्रगति पथ पर बढ़ते हुए आज़ादी के असली मायने तलाश रहा है। खंडवा (म प्र) की अतिथि प्रवक्ता डॉ. रश्मि दीक्षित ने कहा कि, आज़ादी की अलख जगाने में जिन साहित्यिक विभूतियों ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया, उनका अनुसरण करने की नये कलमकारों को भी आवश्यकता है।

बैकुंठी कॉलेज की उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. नसरीन बेगम ने कहा कि, साझी संस्कृतियों वाले इस देश को आज़ादी दिलाने में हर वर्ग का हाथ है तो उस गंगा जमुनी तहज़ीब को सहेजने की जरूरत है। शौर्य चक्र विजेता शहीद मेजर शेखर मिश्रा की धर्मपत्नी डॉ. राजश्री मिश्रा ने कहा कि, सरहदों पर तैनात फौजियों की कुर्बानी बेकार न चली जाए इसके लिए सभी को कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। शिक्षाविद डॉ. देवी सिंह नरवार ने कहा, शिक्षा ही आजादी के नाजायज दुरुपयोग से आपको रोक सकती है। राजपत्रित अधिकारी डॉ. लोकेश शर्मा ने कहा कि, जब तक हर तबके के लोगों को समान अधिकार नहीं मिलेंगे तब तक आज़ादी का कोई मतलब नहीं है।

संगोष्ठी का संचालन करते हुए कवि पवन आगरी ने कहा कि, बदलते परिवेश में हमको अपने अधिकारों के इस्तेमाल से ज्यादा कर्तव्य निर्वहन की जरूरत है। संगोष्ठी का शुभारंभ देश की प्रख्यात कवयित्री ममता शर्मा ने अपनी सरस्वती वंदना से किया। अतिथियों का स्वागत कालेज प्रबंधक हरिशंकर शुक्ल, निदेशकद्वय आनंद शुक्ल एवं जितेंद्र शुक्ल ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश एवं विशिष्ट अतिथि खालसा कॉलेज दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. गजानंद दीक्षित थे। अध्यक्षता पं. किशन सिंह शर्मा ने की। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कालेज प्रबंधक हरिशंकर शुक्ल ने किया।

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