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साहित्यकार और स्वतंत्रता सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने दुनिया को कहा अलविदा!

✍️ डॉ. महेश चंद्र धाकड़

ब्रज पत्रिका, आगरा। ताजनगरी आगरा की नागरी प्रचारिणी सभा की सभापति व संगीत कला केन्द्र की अध्यक्षा लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार परम आदरणीय स्वतंत्रता सेनानी रानी सरोज गौरिहार जी संग प्रेमचंद जयंती-2022 के अवसर पर नागरी प्रचारिणी सभा के मानस भवन के सम्मुख ये आखिरी आत्मीय मुलाक़ात बनकर रह गई! स्नेहपूर्ण मुस्कान के साथ आशीर्वाद देकर आवास पर चाय के लिए आने की कहकर गयीं मगर वो हो नहीं सका, इसका अफ़सोस रहेगा!

आगरा की एक शख़्शियत का साया हम सबके सिर से छिन गया, जो सबको स्नेहभरी छाँव दिया करता था। जब पत्रकारिता की शुरुआत में स्वतंत्रता सेनानियों के एक लेख के लिए इंटरव्यू लेने गया, तभी से आपसे अनवरत मुलाक़ातों का सिलसिला शुरू हो गया, कभी पत्रकार के रूप में कभी किसी कार्यक्रम में।

गाँधी जी और विनोबा जी के विचारों की पोषक एक ऐसी शख़्शियत जिन्होंने गाँधी आश्रम और गाँधी जी की खादी के लिए जीवन पर्यंत अपना योगदान और संघर्ष जारी रखा। उनके परिवार की पृष्ठभूमि भले राजसी रही हो लेकिन आप सदैव लोकशाही की समर्थक और उसको मजबूत करने में सक्रिय रहीं। जब भी कोई गाँधी जी और विनोबा जी के विचारों की पोषक शख़्शियतें आगरा आतीं तो आप ही उनसे इंटरव्यू करवातीं थीं।

आपसे आवास पर हुईं मुलाक़ातों के दौरान आपके स्वतंत्रता संग्राम के दिनों और उसके बाद के जीवन के अनुभवों से भी अवगत होते रहे, साथ ही आपके द्वारा लिखी गयीं पुस्तकों की भेंट का आशीर्वाद भी मुझे मिला। अपने आगरा की तमाम संस्थाओं को आपने अपने स्नेहपूर्ण सहयोग और गरिमामयी मौजूदगी से गुलज़ार रखा। एक प्रेरणादायक और महानतम शख़्शियत को मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि, शत-शत नमन!
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