अरविंद जी का सपना था कि भारत पूर्ण रुप से अखंड भारत होगा और हम महसूस कर रहे हैं कि इस ओर भारत बढ़ रहा है-आईएएस विनोद अग्रवाल
होटल ग्राण्ड मे श्री अरविंद जन्म सार्ध शती समारोह सप्ताह के कार्यक्रमों का तेलंगाना सरकार के पूर्व प्रधान सचिव विनोद कुमार (आईएएस) द्वारा उदघाटन।
ब्रज पत्रिका, आगरा। श्री अरविंद जन्म सार्ध शती समारोह सप्ताह का उद्घाटन समारोह आज ग्राण्ड होटल आगरा में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ तेलंगाना सरकार के पूर्व प्रधान सचिव विनोद कुमार अग्रवाल (आईएएस), अनिल बाजपेई, पवन, डॉ. सुनीता गर्ग, अरुण डंग तथा सुमन बंसल ने महर्षि अरविंद एवं श्री मां के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं उन्हें पुष्प अर्पण कर किया।
आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए श्री अरविंद सोसाइटी आगरा की संस्थापक सचिव डॉक्टर सुनीता गर्ग ने कहा,
“यह वर्ष महान आध्यात्मिक विचारक महर्षि अरविंद के जन्म का 150 वां वर्ष है, और हमारी आजादी का 75 वां वर्ष। अपने आध्यात्मिक स्वप्नलोक में श्री अरविंद जी ने जिस भारत की कल्पना की थी, वो साकार हो रही है। आज से हम पूरे सप्ताह तक उनके विचारों एवं उन विचारों के आलोक में कुछ अन्य आयोजनों को प्रतिदिन मूर्त रूप देंगे।”
मुख्य अतिथि आईएएस विनोद कुमार अग्रवाल ने श्री अरविंद जी के 5 स्वप्नों की व्याख्या और चर्चा करते हुए कहा कि,
“भारत संक्रमण काल से गुजर रहा है हम पुनरुत्थान की दिशा में हैं और हम सौभाग्यशाली हैं कि अपने जीवन में हम इस परिवर्तन को देखेंगे। आज भारत और भारतवासियों के प्रति पूरे विश्व के दृष्टिकोण में परिवर्तन हुआ है, वे हमें सम्मान के साथ देखते हैं। अरविंद जी का सपना था कि भारत पूर्ण रुप से अखंड भारत होगा और हम महसूस कर रहे हैं कि इस ओर भारत बढ़ रहा है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी रमन ने कहा कि,
“हमारी श्री अरविंद सोसाइटी संकल्पित है कि वह श्री अरविंद जी के सपनों को पूरा करने का प्रयत्न करती रहे और हम इस दिशा में ही कार्य कर भी रहे हैं।”
इस अवसर पर अरुण डंग ने कहा,
“अगर विश्व के सारे अध्यात्मवादियों एवं दार्शनिकों को एकत्रित कर दिया जाए तो उनके सम्राट अरविंदो हैं। क्रांतिकारी दार्शनिक लेखक कवि और समग्र रूप से वह सब कुछ थे।”
अनिल बाजपेई ने कहा कि,
“वे अद्भुत कवि थे, 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने काव्य रचना शुरू कर दी थी, उन्होंने वेदों का अद्भुत भाष्य किया। भारत अगर महान बनेगा तो उनके विचारों को अपनाकर ही महान बनेगा। श्री अरविंद ने कहा था पलायन नहीं परिष्करण करना है। इसी उद्देश्य से श्री अरविंद सोसाइटी की स्थापना हुई है।”
पटियाला से पधारे हुए पवन ने कहा कि,
“अरविंद जी ने केवल सात साल में 1914 से 1921 के बीच जो कुछ कहना था वह अपनी पुस्तकों के माध्यम से कह दिया और उसके बाद उनकी मौन वाणी को श्री मां ने मुखरित किया। सावित्री स्वयं समग्र योग है।”
अतिथियों का स्वागत विजय सिंह, सुषमा और वीना ने किया। श्री अरविंद भक्ति प्रणाम गीत सुशील सरित ने प्रस्तुत किया। सरस्वती वंदना शारदा ने प्रस्तुत की। इसके अलावा शारदा ने वंदे मातरम भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में फादर फरेरा, गौरव, कविता, आदि ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह प्रदान किए। संचालन सुशील सरित ने किया। धन्यवाद ज्ञापन योगिता ने किया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. सुनीता गर्ग ने संस्था के भावी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। अंत में अतिथियों को तुलसी के बीजों से परिपूर्ण एक कप, श्री अरबिंदो और श्री माँ के चित्र और साहित्य भी भेंट किया गया।