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भारत रत्न लता मंगेशकर को कलाकारों द्वारा दी गयी सुरमयी श्रद्धांजलि, उनको याद करते हुए उनके गाये हुए गीतों को गाया गायक-गायिकाओं ने!

‘तुम ना जाने किस जहाँ में खो गए’ कार्यक्रम में गायक-गायिकाओं ने उनके गाये गीतों को अपने स्वरों में पिरोकर दी भावपूर्ण स्वरांजलि!

ब्रजपत्रिका, आगरा। सुरों की सरताज भारत रत्न लता मंगेशकर को आगरा के कलाकारों ने उनके गाये हुए गीतों को अपने स्वरों में पिरोकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। कल्चरल फ़्रेटर्निटी ऑफ आगरा द्वारा होटल ग्राण्ड में आयोजित समारोह में गीतकार सोम ठाकुर, समाजसेवी उद्यमी पूरन डावर, संस्कृतिकर्मी अरुण डंग, ग़ज़ल गायक सुधीर नारायण और साहित्यकार सुशील सरित ने लता मंगेशकर के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए इस समारोह का शुभारंभ किया।

संस्कृतिकर्मी अरुण डंग ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जिक्र किया कि,

“पंख होते तो उड़ जाती रे…गीत से पहले उन्होंने जो अलाप लिया है, वह बिल्कुल ऐसा महसूस होता है, मानो कोई परिंदा पंख फड़फड़ा रहा हो, संगीत में यह आभास पैदा कर पाना केवल लता मंगेशकर के लिए ही संभव था।”

गीतकार सोम ठाकुर ने उनके साथ जुड़े हुए संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि,

“लता मंगेशकर ने उनके गीत-छोड़ चली घर मेरा बाबुल…को ‘मेरे भैया’ फिल्म के लिए गाया। यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।”

समाजसेवी उद्यमी पूरन डावर ने कहा कि,

“लता मंगेशकर का जाना अपूर्णीय क्षति है, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शब्द नि:शब्द हैं।”

कार्यक्रम में संगीतज्ञ प्रतिभा तलेगांवकर और गजेंद्र चौहान ने भी लता मंगेशकर को लेकर अपने मन के भाव व्यक्त कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद कलाकारों द्वारा उन्हें संगीतमयी श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हुआ।

*तुम न जाने किस जहां में खो गए* गीत को मंजरी शुक्ला ने प्रस्तुत किया। *तेरा जाना दिल के अरमानों का मिट जाना* प्रस्तुत कर सुजाता शर्मा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रेया शर्मा ने उनके अमर गीत *ए मेरे वतन के लोगों* को प्रस्तुत किया। सोनम प्रजापति ने गाया *तेरे बिना जिंदगी से शिकवा तो नहीं* और ओस सत्संगी के स्वर थे *मेरी आवाज ही पहचान है गर याद रहे।* शुभ्रा तलेगांवकर ने उनका एक मराठी गीत *मोगरा फुले* प्रस्तुत किया। इनके अलावा गोपाल मिश्रा, गौरव गोस्वामी, रिंकू चौरसिया, जसवंत सिंह, खेमचंद धाकड़ आदि ने भी उनके कुछ गीत प्रस्तुत किए। कलाकारों के साथ राज मैसी, भीमसेन और पंकज ने संगत की।

इस अवसर पर मौजूद मुकेश शुक्ला, विजयलक्ष्मी शर्मा, प्रमिला शर्मा, आशुतोष शर्मा, अजय प्रकाश, चंद्र शेखर शर्मा, रमेश आनंद, विक्रम शुक्ला, अरुण सक्सेना, डॉ. महेश धाकड़, देशदीप शर्मा, पूजा तोमर, श्वेता, असीम आनंद, असलम सलीमी आदि ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन सुशील सरित ने करते हुए लता जी के व्यक्तित्व और कृतित्व की व्याख्या करते हुए उनको श्रद्धांजलि दी। अंत में लता मंगेशकर को लेकर अपने मन के उदगार व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया सुधीर नारायन ने।

 

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