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खिलते हैं गुल यहां, खिल के बिखरने को…

ब्रज पत्रिका, आगरा। सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक किशोर कुमार के  जन्म दिवस के अवसर पर साहित्य संगीत संगम और भारतीय बैंकर्स क्लब के संयुक्त तत्वावधान में एक ऑनलाइन वीडियो  संगीत समारोह का आयोजन किया गया। शुभारंभ आयोजन की प्रस्तावना प्रस्तुत कर अशोक अश्रु ने किया। पूजा तोमर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। डॉ. राजेन्द्र मिलन ने स्वागत भाषण दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े अमेरिका से प्रकाश ने शुभकामनाएं देने के बाद शकुंतला देवी के साथ किशोर दा का गाया एक बहुत ही अद्भुत गीत प्रस्तुत किया, “पिया मैं हूं पतंग तुम डोर…।’ अमेरिका से ही प्रिया किशोर साहब ने दूसरे अंदाज को पेश किया, “मेरी भीगी भीगी सी पलकों पर रह गए जैसे मेरे सपने बिखर के…।” पूना से डॉ. अनिमेष सक्सेना का खूबसूरत अंदाज़ था, “खिलते हैं गुल यहां, खिल के बिखरने को…।” जलगांव (महाराष्ट्र) से उमेश कुमार सोनी ने पेश किया ये गीत, “चूड़ी नहीं मेरा दिल है देखो देखो टूटे न…।” लखनऊ से सोनिका दलेला ने सुनाया, “यह रातें यह मौसम नदी का किनारा ये चंचल हवा…।”

हैदराबाद से हाफिज खान ने सुनाया, “फिजा के फूल पर आती कभी बहार नहीं…।” मथुरा से हरिओम शर्मा ने ये नगमा सुनाया, “इना मीना डीका…।” नागपुर से अमिताभ चरण सिन्हा ने यह गीत सुनाया, “पल पल दिल के पास तुम रहती हो…।”

आयोजन में सुप्रीत शर्मा, सुशील सरित, पूजा, निमिशा स्वरूप, गौहर इस्लाम, दिनेश श्रीवास्तव, कर्नल शिव कुंजरू, ओम् मिलन, आयुष मेहरोत्रा, जसपाल सिंह, मोहित कुमार, डॉक्टर सुजाता अग्रवाल, राकेश नागर, विकास चंचल, असीम आनंद, डा.प्रदीप श्रीवास्तव, श्रद्धा गौतम, रजनीश शर्मा, विपिन कुमार, नीरज मिलन, गीता शर्मा, डा.अमिता सरकार, संजय गुप्ता और अनुष्का माथुर ने इस किशोर साहब के गाए हुए अलग-अलग रंग के गीतों को प्रस्तुत किया।

अंत में मुख्य अतिथि के रूप में अपना उद्बोधन देते हुए डॉ. रूपक सक्सेना ने कहा कि,

“ऐसे आयोजन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गए हैं। इतने लोगों का इसमें प्रतिभाग करना बहुत ही उत्साह की बात है। किशोर कुमार जैसे कलाकार को ये सच्ची श्रद्धांजलि है जो उनके गाये गीतों को गुनगुनाया जाये, और इस संगीत की विरासत को जिंदा रखा जाये।”

उन्होंने किशोर दा का एक गीत भी गाया,

“आ चल के तुझे मैं ले के चलूं एक ऐसे गगन के तले जहां गम भी न हों आंसू भी न हों बस प्यार ही प्यार पले…।”

अंत में संस्था के संस्थापक सचिव सुधीर शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन सुशील सरित ने किया। तकनीकी सहयोग राहुल सिंह का रहा।

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