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दयालबाग के इंटीग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट सिस्टम और इनवायरोंमेन्टल वायो डाइवर्सिटी काबिल-ए-तारीफ और अनुकरणीय हैं-प्रो. ज्योफ सिम

ब्रज पत्रिका, आगरा। दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने 29 जनवरी को शाम 5.30 बजे डीईआई दीक्षांत समारोह हॉल में विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया गया। प्रो. ज्योफ सिम, निदेशक, ग्लोबल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड सिक्योरिटी, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, यू.के. इस महत्वपूर्ण अवसर पर विशिष्ट वक्ता थे। उन्होंने “11 अरब लोगों का पेट कैसे भरेंगे?” विषय पर व्याख्यान दिया।

प्रो. ज्योफ सिम ने गंभीर खाद्य संकट के कारणों के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि,

“दुनिया वर्तमान में गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रही है और जो बहुत निकट भविष्य में और भी खराब हो जाएगी। केवल टिकाऊ जीवन, प्राकृतिक और जैविक खेती, स्वस्थ आवास और अनुशासित उपयोग और पर्यावरण का संरक्षण-संसाधन इस संकट को कम कर सकते हैं।”

उन्होंने कृषि-खाद्य प्रणालियों और खाद्य सुरक्षा को बदलने के लिए निर्णय लेने में सहायता के लिए अनुसंधान, शिक्षण और परामर्श विशेषज्ञता के अंतःविषय केंद्र की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि अर्थशास्त्र और सामाजिक विज्ञान, पशु, फसल, मिट्टी और पर्यावरण विज्ञान और कृषि प्रणाली सभी एक ही कृषि पारिस्थितिकी समग्र प्रणाली के विभिन्न घटक हैं। प्रो. सिम ने दयालबाग के इंटीग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट सिस्टम और इनवायरोंमेन्टल वायो डाइवर्सिटी की तारीफ करते हुए बताया कि इस प्रकार की व्यवस्था, वैश्विक खाद्द सुरक्षा एवं विकास के लिए अति आवश्यक एवं उपयोगी है।

व्याख्यान के बाद एक पैनल चर्चा हुई जिसमें विषय विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों द्वारा ‘एग्रोइकोलॉजी’ की भूमिका और महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस संबंध में, दयालबाग समुदाय और डीईआई द्वारा अग्रणी और प्रचारित जैविक कृषि और कृषि वानिकी प्रथाओं की सभी ने सराहना की। कार्यक्रम का समापन डीईआई के छात्रों द्वारा प्रस्तुत सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम की आनंददायक प्रस्तुति के साथ हुआ। इस अवसर पर परम पूज्य प्रो. प्रेम सरन सत्संगी, अध्यक्ष, शिक्षा सलाहकार समिति, डीईआई भी उपस्थित थे।

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