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सावन सूनो भैया बिना है रह्यो जी, एजी घर में नाय भगत सिंह वीर

ब्रज पत्रिका, आगरा। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम ‘सत्कार’ का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बांकेलाल गौड़ (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, संस्कार भारती) थे।

विशिष्ट अतिथि नीरज तिवारी (निदेशक, अध्यान्त फाउंडेशन एनजीओ) और अकादमी के सदस्य रंजीत सामा ने माँ शारदा के चित्र पर दीप जलाकर एवं माल्यार्पण करके कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में अकादमी के अध्यक्ष पदमश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने प्रतिभागियों को अपना आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का समन्वयन ग्लैमर लाइव के निदेशक सूरज तिवारी ने किया।

भारत की आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत हुए ‘सत्कार’ कार्यक्रम का उद्देश्य कोविड काल में कलाकारों को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर प्रदान करके उनका उत्साहवर्धन करना था।

कलाकारों की सुंदर प्रस्तुतियां रहीं ख़ास आकर्षण की केंद्र

कलाकरों में सबसे पहले जीविशा गिडवानी ने वंदे मातरम पर शानदार नृत्य करके तालियां बटोरीं, इसके तुरंत बाद लिम्का बुक रिकॉर्ड धारी सिंगर चंचल उपाध्याय ने किशोर दा की आवाज़ में गीत गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया, अब बारी थी अभिनय की जिसमें पूरे मन के साथ खालिस्तान पर कटाक्ष करते हुए मिमिक्री लिए हुए संवादों के साथ रंगकर्मी उमाशंकर मिश्र ने परिपक्व अभिनय का परिचय दिया। कविता के माध्यम से माँ हिंदी को प्रणाम करने का और हिंदी को उसका असली हक़ दिलाने का काबिले-तारीफ़ काम किया बाल कवि ईशान देव ने, ईशान ने लोगों को सोचने पर मज़बूर कर दिया।

शहीद भगतसिंह जब राखी वाले दिन घर में नहीं होते तो उनकी बहन का क्या दर्द होता है, उसको एक लोक मल्हार के माध्यम महसूस कराया अकाशवाणी की लोक गायिका सुनीता धाकड़ ने-

“सावन सूनो भैया बिना है रह्यो जी, एजी घर में नाय भगत सिंह वीर…!”

सुनीता ने विषुद्ध लोक शैली में हारमोनियम के साथ गाते हुए अपनी प्रस्तुति से भारत की लोक कलाओं की ताक़त का अहसास कराया, ऐसा ही अदभुत कार्य किया प्लेबैक सिंगर सुजाता शर्मा ने, उन्होंने सावन पर एक लोकगीत और एक फ़िल्मी लोकगीत के माध्यम से सबका मन मोह लिया।

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सदस्य रंजीत सामा ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि,

“ऐसे कार्यक्रम निश्चित रूप से कलाकरों में उत्साह भरने का काम करते रहते हैं और जब तक मैं अकादमी का सदस्य हूँ, तब तक कलाकारों के हित के काम करता रहूँगा। इसमें मुझे अकादमी के अध्यक्ष पदमश्री राजेश्वर आचार्य जी का पूरा सहयोग मिलता रहता है।”

कार्यक्रम में फेसबुक लाइव और ज़ूम लाइव लिंक के मध्यम से काफ़ी संख्या में कलाप्रेमी आदि लोग जुड़े रहे।

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