राष्ट्र के लिए कलम उठाई है कविता का न मैं धंधा करता हूँ, न पक्ष न विपक्ष सच को सच झूठ की निंदा करता हूँ…!
लाफ्टर शो फेम हास्य कवि प्रताप फौजदार ने होटल मैट्रो में किया बाल कवि और लेखक ईशान देव की पहली पुस्तक मेरे दिल के उदगार का विमोचन।
14 वर्ष की आयु में दर्जनों अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में राष्ट्रीय स्तर के कवियों संग मंच साझा कर चुके हैं ईशान देव।
ब्रज पत्रिका, आगरा। ताजनगरी का एक और दीपक विश्व में अपनी रोशनी बिखेरने को तैयार हो रहा है। महज 13 वर्ष की आयु में एक दर्जन से अधिक अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में राष्ट्रीय स्तर के कवियों संग मंच साझा कर अपनी लेखनी को प्रमाणित किया है ईशान ने। एक कदम आगे बढ़ाते हुए ईशान ने अब गद्य-पद्य दोनों विधाओं से परिपूर्ण अपनी पहली पुस्तक को अपने दादा लल्लू सिंह जी को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर समर्पित करते हुए लोकार्पित किया है।
दयालबाग निवासी व सेंट जार्जेस में आठवी कक्षा के छात्र ईशान देव की पहली पुस्तक ‘मेरे दिल के उदगार’ का विमोचन संजय प्लेस स्थित होटल मेट्रो में लाफ्टर शो फेम देश के जाने माने हास्य कवि प्रताप फौजदार ने किया।
सर्वप्रथम एक लघु वीडियो फ़िल्म के माध्यम से ईशान के जीवन के बारे में बताया गया। इसके उपरान्त अतिथियों लाफ्टर शो स्टार प्रताप फौजदार, फ़िल्म निर्माता रंजीत सामा, केंद्रीय हिंदी संस्थान के कुलसचिव डॉ. चंद्रकान्त त्रिपाठी, कवयित्री मंजू दीक्षित, कवि कुमार मनोज ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
अतिथियों का स्वागत विनोद यादव, सूरज तिवारी, अशोक यादव, रिंकी यादव, दीपक यादव, पिंकी यादव, राहुल उपाध्याय ने माला पहनाकर किया।
ईशान ने अपनी पुस्तक के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि,
“यह मेरी पहली पुस्तक है, मैं बेहद रोमांचित हूँ। इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर 50 कविताएं व 10 लेख शामिल हैं। मेरे पिता डॉ. विनोद यादव के साथ बचपन में जब मैं कवि सम्मेलनों में राष्ट्रीय कवियों की रचनाएं सुनता था, तब सात वर्ष की आयु में ही मैंने निश्चित कर लिया था कि मुझे कवि ही बनना है।”
मुख्य अतिथि लाफ्टर शो स्टार प्रताप फौजदार ने कहा कि,
“ईशान की रचनाओं में जहां देश प्रेम झलकता है वहीं देश में भ्रष्टाचार, पर्यावरण असंतुलन, किसान और सैनिकों से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं।”
इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. सुषमा सिंह, राजकुमार यादव, डॉ. डीवी शर्मा, डॉ. अलका सेन, डॉ. डीवी सिंह, लक्ष्मी शर्मा, पूनम वर्मा आदि उपस्थित थे। संचालन हरीश सक्सेना ‘चिमटी’ ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कवयित्री मंजू दीक्षित ने दिया। कार्यक्रम की प्रबंध व्यवस्था ग्लैमर लाइव इवेंट कंपनी ने सम्भाली।
हिन्दी को रोजगार से जोड़ना चाहते हैं ईशान, हिन्दी को उसकी असली पहचान दिलाना ही ईशान का लक्ष्य है।
ईशान कहते हैं,
“न सिर्फ गद्य व काव्य के माध्यम से हिंदी को आगे बढ़ाना चाहिए बल्कि हर सरकारी नौकरी करने वाले के लिए हिन्दी आना अनिवार्य होना चाहिए। इसके लिए वह एक आंदोलन चलाने की योजना भी बना रहे हैं।”
उनके मन की मंशा उनकी इन पंक्तियों में भी झलकती है-
“राष्ट्र के लिए कलम उठाई है कविता का न मैं धंधा करता हूँ, न पक्ष न विपक्ष सच को सच झूठ की निंदा करता हूँ, जो भारतीयों का आधार है जिसको हम भूल रहे,
कविता के माध्यम से बस उन संस्कारों को जिन्दा करता हूँ।”