पत्रकारों को आर्थिक सुरक्षा मिलनी चाहिये! कोरोना काल में अपनी जान दाँव पर लगा पत्रकारों ने काम किया, जो काबिल-ए-तारीफ़ है!
ताज प्रेस क्लब आगरा द्वारा पत्रकारिता दिवस पर 30 मई (रविवार) को “हिन्दी पत्रकारिता में चुनौती” विषय पर एक वर्चुअल सेमिनार आयोजित।
ब्रज पत्रिका, आगरा। वर्तमान में पत्रकारिता तमाम विषम चुनौतियों का सामना कर रही है। पत्रकारों के सम्मुख आज कोरोना के कहर के बीच अपनी जान को जोखिम में डालकर काम करने की सबसे बड़ी चुनौती तो है ही इसके साथ ही छंटनी के चलते अपनी नौकरी चले जाने के दंश को भी झेलना पड़ा है। कोरोना ने हमारे आगरा के कई पत्रकारों को हमसे ज़ुदा कर दिया है।
इस दुःखभरी घड़ी में हम दुनियाभर में प्रतिभशाली पत्रकारों को खो चुके हैं। उन सबके परिवारों के भरण-पोषण की समस्या का समाधान सरकार को करना चाहिए। पत्रकारिता में तकनीक के बढ़ते हुए दखल के बीच अब पत्रकारों के शिक्षण-प्रशिक्षण को वक्त के साथ अत्याधुनिक बनाने की जरूरत आन पड़ी है। ताज प्रेस क्लब अब अपने परिसर में इस सम्बंध में कार्यशालाओं का नियमित रूप से आयोजन करेगा।
ये सार था हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर 30 मई (रविवार) को “हिन्दी पत्रकारिता में चुनौती” विषय पर आयोजित एक वर्चुअल सेमिनार का।
अध्यक्षता ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा एडवोकेट ने की। विषय प्रवर्तन क्लब के कोषाध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र धाकड़ ने किया। संचालन श्री संजय तिवारी ने किया। वेबिनार के समन्वयक श्री आदर्श नंदन गुप्त थे। वेब होस्टिंग श्री अभिनव गुप्ता ने की।
सेमिनार के मुख्य अतिथि सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल थे। अपने संबोधन में उन्होंने पत्रकारों की अपर्याप्त पेंशन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा,
“पत्रकार जीवनभर जो समाज और देश की सेवा करता है, उसकी पेंशन दस या बीस हज़ार रुपये तो होनी ही चाहिए। आगरा के पत्रकारों और पत्रकारिता की तारीफ़ करते हुए कहा मैं इस धारणा को निर्मूल मानता हूँ कि अखबारों को विज्ञापन देने पर ही राजनीतिज्ञ मीडिया में कवरेज पाते हैं, मैंने कभी विज्ञापन नहीं दिया इसके बावजूद मेरे द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को मीडिया ने जन-जन तक पहुँचाया।”
सेमिनार में विचार व्यक्त करते हुये वक्ताओं ने हिन्दी पत्रकारिता के उदय से वर्तमान समय तक की यात्रा पर राष्ट्र और समाज के प्रति उसके योगदान पर चर्चा के साथ-साथ पत्रकारिता और पत्रकारों के अस्तित्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। वर्तमान समय में अखबारों की व्यावसायिक प्रवृत्ति, आर्थिक दबाव और उससे कर्मचारियों पर पड़ने वाले प्रभाव और दबावों से पत्रकारों की कठिन सेवा-शर्तो पर भी चिन्ता व्यक्त की गई।
स्वतंत्रता सेनानियों को भी पत्रकारों ने याद किया। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में परम पूज्यनीय बाल गंगाधर तिलक जी के योगदान का स्मरण करते हुये आगरा के स्वर्गीय श्री कृष्ण दत्त पालीवाल जी और स्वर्गीय श्री रोशन लाल गुप्त ‘करुणेश’ जी के योगदान का भी स्मरण किया। आगरा के लोकप्रिय कवि डॉ. राज कुमार ‘रंजन’ ने काव्य पाठ किया।
कोरोना के कारण दिवंगत पत्रकारों की मृत्यु पर सरकार द्वारा घोषित की गई सहायता राशि पर सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुये इसके सरलीकरण और विस्तार हेतु सरकार को पत्र लिखने के निर्णय के साथ वेबिनार का समापन हुआ।
इस अवसर पर दिवंगत पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने विचार व्यक्त करने वाले पत्रकारों और समाजसेवियों में लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार श्री गोलेश स्वामी, श्री विनोद भारद्वाज, डा. गिरिजा शंकर शर्मा, श्री अनिल गुप्ता, श्री हेमेन्द्र चतुर्वेदी एडवोकेट, डॉ. मधुमोदा के. रायजादा, डॉ. भानुप्रताप सिंह, डॉ. अनिल दीक्षित, श्री केएस परमार, श्री प्रमोद कुमार अग्रवाल, श्री पराग सिंघल, श्री हेमंत पांडेय, श्री वीरेन्द्र गोस्वामी, श्री संजीव शर्मा, श्री अजय शर्मा, श्री बृजेश शर्मा, श्री विवेक सक्सेना, श्री जैनेन्द्र शर्मा, श्री मीतेन रघुवंशी, श्रीमती प्रभजोत कौर, श्री अनिल राना, श्री सतेंद्र पाठक, श्री राजीव गुप्ता, श्री संजय गुप्त, श्री सूरज तिवारी, श्री ॠषि गुप्ता आदि शामिल रहे। धन्यवाद ज्ञापन सचिव श्री केपी सिंह ने किया।