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राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुआ ‘द लास्ट सॉल्यूशंस’ पुस्तक का लोकार्पण

ताजनगरी के फेस रीडर लक्ष्मण प्रसाद ने पुस्तक में दिए भारत और विश्व की प्रमुख समस्याओं के अंतिम समाधान।

केंद्रीय हिंदी निदेशालय और प्रज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट ने केंद्रीय हिंदी संस्थान के अटल सभागार में किया “द लास्ट सॉल्यूशंस” पुस्तक का लोकार्पण।

ब्रज पत्रिका, आगरा। बौद्धिक रूप से सबल कैसे बनें? भुखमरी से कैसे छुटकारा मिलेगा? सही जनसंख्या नीति क्या होनी चाहिए? भारतीय न्याय प्रणाली तीव्र कैसे होगी? कालसर्प योग का स्थाई समाधान क्या है? एनआरसी एवं सीएए का मुद्दा कैसे समझेगा? चुनावों का सबसे बड़ा मुद्दा क्या होना चाहिए? बैंकों का बढ़ता एनपीए कैसे रोका जा सकता है? लोकतंत्र में शिक्षित से अधिक अशिक्षित की सुनवाई क्यों है? भारत यूरोप की तरह सुव्यवस्थित कैसे बनेगा?

भारत और विश्व की ऐसी 48 प्रमुख समस्याओं का अंतिम समाधान ताजनगरी के फेस रीडर और युवा लेखक लक्ष्मण प्रसाद ने 25 वर्ष की तपस्या से खोजकर “द लास्ट सॉल्यूशंस” पुस्तक में लिखा है।

रविवार को केंद्रीय हिंदी निदेशालय, भारत सरकार एवं प्रज्ञा हिंदी सेवार्थ संस्थान ट्रस्ट द्वारा केंद्रीय हिंदी संस्थान के अटल सभागार में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन पर निखिल पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का लोकार्पण राष्ट्रीय स्तर के कवि, साहित्यकारों और समीक्षकों द्वारा किया गया।

केंद्रीय हिंदी संस्थान की निदेशक प्रोफेसर वीना शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन, सुशील सरित, अभिषेक मित्तल, कृष्ण कुमार कनक, लेखक लक्ष्मण प्रसाद, प्रवीन कुमार पांडेय ‘प्रज्ञार्थू’, निखिल पब्लिशर्स के मोहन मुरारी शर्मा, सहदेव शर्मा और निखिल शर्मा तथा केंद्रीय हिंदी निदेशालय के सहायक निदेशक नत्थू लाल और शैलेश विडालिया प्रमुख रूप से लोकार्पण में शामिल रहे।

इस दौरान डॉ. श्याम सनेही लाल शर्मा, डॉक्टर रामसनेही लाल शर्मा यायावर, नरेश शांडिल्य, रमेश पंडित, यशोधरा यादव और कुमार ललित भी सभागार में मौजूद रहे।

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