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डीईआई में फोटो पत्रकारिता की विकास यात्रा, वर्तमान में उपयोगिता और भविष्य की चुनौतियों पर हुई चर्चा

ब्रज पत्रिका, आगरा। दयालबाग शिक्षण संस्थान में फोटोग्राफी व मीडिया कम्युनिकेशन विषय पर चल रहे पांच दिवसीय ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को वक्ताओं द्वारा फोटो पत्रकारिता की विकास यात्रा, वर्तमान में उपयोगिता और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। एआईसीटीई अटल एकेडमी के सहयोग से डीईआई में चल रहे इस पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पी.के. कालरा हैं।

कार्यक्रम के आरंभ में अंग्रेजी विभाग की डॉक्टर लवलीन मल्होत्रा ने ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम से जुड़े सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए दूसरे दिन की विषय वस्तु और वक्ताओं का परिचय कराया। इस दौरान उनके साथ समन्वयक एवं अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जे. के. वर्मा और तकनीकी सहयोगी अमित कुमार जौहरी भी उपस्थित रहे।

लखनऊ के अतुल हंडू ने फोटो पत्रकारिता पर विश्लेषणात्मक चर्चा करते हुए कहा कि,

“शब्दों से कहीं ज्यादा प्रभावशाली होती है फोटो पत्रकारिता। बिना किसी भाषा शैली और शब्दों का प्रयोग किए क्लिक किया गया एक फोटो भी पाठकों और दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर सकता है।”

उन्होंने कहा कि,

“फोटो पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल है। यद्यपि फोटो पत्रकारिता करने वालों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन वे इस विधा के माध्यम से समाज के लिए बेहतर कर सकते हैं।”

नई दिल्ली के प्रोफेसर भूपेश चंद्र लिटिल ने फोटो पत्रकारिता के वर्तमान स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि,

“आज पत्र-पत्रिकाओं में चयनित फोटो के जरिए घटनाओं और उपलब्धियों को प्रकाशित करके पाठकों तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी स्टिल फोटोग्राफी और वीडियो के माध्यम से दर्शकों की रुचि के अनुसार सामग्री परोसी जा रही है।”

कार्यक्रम के दूसरे दिन अंत में डीईआई के अग्रेजी विभाग की डॉक्टर नमिता भाटिया ने आनलाइन प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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