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दीपावली के मौके पर केवीआईसी ने उच्च गुणवत्ता वाला मलमल का मास्क लांच किया

-लिमिटेड एडिशन वाले खादी के ये मास्क मलमल से बनाए गए हैं।

-मलमल एक उच्च गुणवत्ता वाला कपड़ा होता है, जिसे पश्चिम बंगाल के खादी कारीगर अपने हाथों से बनाते हैं।

ब्रज पत्रिका। त्योहारों का आगाज हो चुका है और दीपावली पर सफेद और लाल रंग के खादी से बने मास्क बाजार में उपलब्ध होंगे। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने दो लेयर (परत) वाले मास्क बाजार में लांच किए हैं। इन मास्क पर “शुभ दीपावली (हैप्पी दीपावली)” लिखा होगा। लिमिटेड एडिशन वाले खादी के ये मास्क मलमल से बनाए गए हैं। मलमल एक उच्च गुणवत्ता वाला कपड़ा होता है, जिसे पश्चिम बंगाल के खादी के कारीगर अपने हाथों से बनाते हैं।

दीपावली की तरह केवीआईसी आने वाले दिनों में क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर भी ये स्पेशल मास्क लांच करेगा।

मलमल के मास्क को लांच करने का फैसला, पिछले दिनों दो लेयर (परत) वाले सूती और तीन लेयर (परत) वाले रेशम के मास्क की लोकप्रियता को देखते हुए किया गया है। केवीआईसी ने पिछले महीने में ऐसे करीब 18 लाख मास्क की बिक्री की है।

दीपावाली के लिए लांच हुए मलमल के मास्क की कीमत 75 रुपये रखी गई है। जिसे ऑनलाइन केवीआईसी के ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.in. से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा दिल्ली स्थिति खादी स्टोर से भी खरीदा जा सकता है।

खादी के दूसरे मास्क की तरह मलमल से बना मास्क भी त्वचा के अनुकूल है। इस मास्‍क को धोकर दोबारा उपयोग किया जा सकता है, और बायोडिग्रेडेबल (पर्यावरण हितैषी) भी है। इसके साथ ही कीमत भी आम आदमी के लिए अनुकूल है। इस मास्क में दो लेयर (परत) का इस्तेमाल किया गया है, जो कि सफेद मलमल के कपड़े से बनाया गया है। इसके अलावा लाल रंग के छींट उसे कही ज्यादा स्टाइलिश बनाते हैं। जो उसे त्योहार के लिए पूरी तरह अनुकूल बनाते हैं।

केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि,

“डबल लेयर (परत) दीपावाली मास्क कम कीमत में ज्यादा वैल्यू देने वाले हैं। महामारी से बचने के लिए केवीआईसी का यह अहम प्रयास है। इसके इस्तेमाल से लोग दीपावली को खास अंदाज में मना सकेंगे। वायरस के संक्रमण को रोकने में सहयोग करने के अलावा केवीआईसी की लगातार कोशिश है कि वह मास्क को कहीं ज्यादा ट्रेडिंग भी बनाए। मलमल से बने यह मास्क हमारी रेंज में और इजाफा करेंगे। केवीआईसी इसके अलावा सूती और रेशम के भी मास्क बना रहा है। इस कदम से अतिरिक्त रोजगार के भी अवसर पैदा हो रहे हैं।”

मलमल के कपड़े से मास्क बनाने की एक वजह यह भी है कि वह नमी को मास्क के अंदर ही रखेगा। साथ ही इसके जरिए हवा भी आसानी से आर-पार हो जाएगी। यह मास्क इसलिए भी खास हो जाता है कि यह हाथ से काता गया है, उसे हाथ से ही बुना गया है। जो कि त्वचा के लिए बेहद मुलायम और आरामदेह है। साथ ही इसे लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

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