शिक्षा

माउण्ट लिट्रा ज़ी स्कूल खुला, कोरोना से बचाव के लिए साफ-सफाई और सुरक्षा के किए इंतज़ाम

-एक लंबे समय के बाद स्कूल आने पर  सभी बच्चे भी बेहद उत्साहित दिख रहे थे।

-अपने स्कूल में एक नई खुशी, एक नए उत्साह और एक नए अंदाज में आज उन्होंने एंट्री ली।

ब्रज पत्रिका, 26 अक्टूबर, आगरा। माउंट लिट्रा ज़ी स्कूल फिज़िकली तौर पे खुल गया है, वैसे तो स्कूल कभी बंद ही नहीं थे, क्यूंकि ऑनलाइन क्लासेज ने कभी स्कूल को बंद होने ही नहीं दिया, सिर्फ स्कूल बिल्डिंग ही बंद थी। सभी अभिभावकों की सहमति के साथ माउंट लिट्रा आज फिर से क्लास एक से 12 तक के लिए खुला है, क्योंकि कोरोना काल चल रहा है, और हम सभी को सावधानी के साथ कार्य करना है, इसलिए माउंट लिट्रा स्कूल में भी काफी सावधानी और योजना के साथ आज बच्चो की क्लासे हुई।

आज सबसे पहले तो सोशल डिस्टन्सिंग का ध्यान रखा गया, सभी बच्चों को निश्चित दूरी पर बैठने की व्यवस्था की गई थी, जब स्कूल में बच्चों की एंट्री हुई है उस समय उनका मास्क  चेक किया गया अगर कोई बच्चा मास्क पहनकर नहीं आया है, तो उसको मास्क प्रोवाइड किया गया, इसी के साथ-साथ बच्चों के हाथो को सैनिटाइज भी किया गया और बच्चों के आने से पहले पूरे स्कूल को अच्छी तरीके से सैनिटाइजेशन किय गया।

स्कूल डायरेक्टर स्पर्श बंसल ने कहा,

“ओपन एयर क्लासेस का कांसेप्ट शुरू किया गया है, खुले एरिया में एक पर्टिकुलर दूरी पर बच्चों को बैठाकर उनकी क्लासेज को चलाया गया और टीचर ने भी मास्क पहनकर प्रॉपर सैनिटाइज करके बच्चों की क्लास ली। इसके साथ टॉयलेट में हाइजीन का ध्यान और एक बार में सिर्फ एक ही बच्चे की एंट्री दी गई। हैंडवॉश पर प्रॉपर ध्यान दिया गया, कि बच्चे प्रॉपर हैंड वॉश करें सभी के पास अपने सैनिटाइजर हों। फुट सैनिटाइजर भी रखा गया है।”

स्कूल प्रिंसिपल रंजीता रानी ने बताया,

“बसों में भी सिर्फ एक सीट पर एक ही बच्चे को बैठना है और बैठने से पहले उनके हाथ सैनिटाइज कराए गए उनको मास्क  प्रॉपर देखा गया कि वह मास्क पहने है या नहीं। स्कूल में लंच लाना ऐलाउड नहीं था ताकि  कांटेक्ट न रहे। स्कूल में प्राइवेट व्हीकल को अंदर आना अलाउड नहीं किया गया है और सारे प्रिकॉशन लिए गए। माउंट लिट्रा की तरफ से या पूरी कोशिश रहेगी कि स्कूल प्रॉपर चले किसी भी बच्चे को किसी भी तरह की तकलीफ न हो, हर बच्चे का इंडिविजुअल तरीके से ध्यान रखा जाए ताकि किसी भी बच्चे की पढ़ाई का लॉस न हो और वह अपने लक्ष्य को पाने में आगे बढ़ पाए।”

इतने दिनों के बाद आने पर बच्चे भी उत्साहित दिख रहे थे। और अपने स्कूल में एक नई खुशी, एक नए उत्साह और एक नए अंदाज में आज उन्होंने एंट्री ली, आज सभी बच्चों ने स्कूल में अपने टीचर के साथ यह शपथ ली कि कोरोना को हराना है, और स्कूल रोजाना आना है।

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