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बादाम खाने से मानसिक तनाव की स्थिति में हृदय और तंत्रिका तंत्र की प्रतिक्रिया में सुधार लाने में मिल सकती है मदद – नए अध्ययन में हुआ खुलासा!

ब्रज पत्रिका। मानसिक तनाव उन मनो-सामाजिक कारकों में से एक माना जाता है जो कार्डियोवैस्कुलर डिसीज़ (सीवीडी) यानि हृदय और रक्तवाहिकाओं संबंधी रोग के खतरों के लिए कारण बनता है। हृदय गति परिवर्तनशीलता (एचआरवी), लगातार हृदय धड़कनों के बीच समय के अंतराल में परिवर्तन का मापन, तनाव के प्रति कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली के रेस्पॉन्स का एक महत्वपूर्ण संकेतक है और ऐसा माना जाता है कि शारीरिक गतिविधि और आहार सहित जीवनशैली के कारक एचआरवी पर प्रभाव डाल सकते हैं।

उच्च एचआरवी पर्यावरणीय और मानसिक चुनौतियों के प्रति रेस्पॉन्स के मामले में हृदय की ज़्यादा अच्छी अनुकूलन क्षमता दर्शाता है, जबकि कम एचआरवी का संबंध कार्डियोवैस्कुलर रोगों और सडन कार्डिएक डेथ यानि अचानक हृदय की धड़कन रुक जाना और हृदय कार्य करना बंद हो जाने से होने वाली मृत्यु से है।

हाल ही में किए गए क्लिनिकल ट्रायल के एक भाग के अंतर्गत किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने मानसिक तनाव चुनौती से गुज़र रहे प्रतिभागियों में एचआरवी का मापन किया और पाया कि जिन प्रतिभागियों ने छह सप्ताह की अवधि में सामान्य स्नैक्स की जगह बादाम का सेवन किया उनके एचआरवी में सुधार देखा गया। इस अध्ययन का वित्‍त पोषण आमंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा किया गया था।

शोध का यह नया निष्कर्ष एटीटीआईएस अध्ययन एक हिस्सा था, 6 सप्ताह का एक रैन्डमाइज्ड कंट्रोल, पैरलल-आर्म ट्रायल, जहाँ औसत के ऊपर कार्डियोवैस्कुलर रोग के खतरे वाले प्रतिभागियों ने रोज़ाना स्नैक्स के तौर पर बादाम का या कैलोरी का मेल करते हुए कंट्रोल स्नैक्स का सेवन किया, जिससे प्रत्येक प्रतिभागियों को अनुमानित रोज़ाना ऊर्जा ज़रूरतों का 20% उपलब्ध कराया गया।

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के आराम की स्थिति में (पाँच मिनट की अवधि के लिए लेटना) और मानसिक तनाव की छोटी अवधि की उत्तेजना के लिए स्ट्रूप टेस्ट के दौरान (जिसमें प्रतिभागियों को कलर किए गए शब्दों को पढ़ने के लिए कहा गया, उदाहरण के लिए ग्रीन फॉन्ट में रेड) रियल टाइम हार्ट रेट (एचआर) और हार्ट रेट वैरिएबिलिटी (एचआरवी) को मापा गया।

अत्यधिक मानसिक तनाव के दौरान बादाम ग्रुप वाले प्रतिभागियों में कंट्रोल ग्रुप वालों की तुलना में हृदय गति का नियंत्रण बेहतर पाया गया। इसे हाई फ्रिक्वेन्सी पॉवर में आंकड़ों की दृष्टि से महत्वपूर्ण अंतर द्वारा दर्शाया गया जो विशिष्ट रूप से प्रत्येक धड़कन के अंतराल का (एचआरवी का मापन) मूल्यांकन करता है।

डॉ. वेन्डी हॉल, पीएचडी, को-प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर (डॉ. सारा बेरी, पीएचडी, के साथ) और किंग्स कॉलेज लंदन में न्यूट्रीशनल साइंसेस में रीडर ने कहा,

“यह अध्ययन दर्शाता है कि सामान्य स्नैक्स की जगह बादाम के आहार में अदला-बदली की साधारण रणनीति से हृदय गति के नियंत्रण में सुधार लाकर मानसिक तनाव के प्रतिकूल कार्डियोवैस्कुलर परिणामों के प्रति लचीलेपन में वृद्धि आ सकती है। हमने पाया कि आहार में हस्तक्षेप के बाद कंट्रोल की तुलना में बादाम का सेवन करने वाले समूह में मानसिक तनाव के कारण होनेवाली हृदय गति परिवर्तनशीलता में कमी आई, जो एक कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य फायदे की ओर संकेत करता है। उच्च एचआरवी के बारे में सोचना उपयोगी हो सकता है क्योंकि इससे शरीर की माँग के अनुसार हृदय तेजी से गियर बदल सकता है जिसका मतलब यह है कि मानसिक तनाव की अवधि के दौरान ज़्यादा कार्डिएक लचीलापन। लंबे समय में यह कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।”

अध्ययन यह सलाह देता है कि सामान्य स्नैक्स की जगह बादाम खाने से मानसिक तनाव के दौरान एचआरवी में गिरावट को कम किया जा सकता है और इस तरह कार्डिएक कार्य क्षमता में सुधार आ सकता है। आहार में की जाने वाली इस रणनीति से मानसिक तनाव की स्थिति के प्रति कार्डियोवैस्कुलर लचीलापन बढ़ाने की संभावना है इसके साथ ही बादाम का सेवन करने के अन्य स्वास्थ्य लाभ जैसे एलडीएल कोलेस्ट्रोल कम करना और रक्त वाहिकाओं की कार्यक्षमता में सुधार लाना भी संभव है।

डॉ. सारा बेरी, पीएचडी, किंग्स कॉलेज लंदन ने कहा,

“ऐसे समय में जब हम तनाव के बढ़े हुए स्तर का सामना कर रहे हैं और इसके साथ ही घर से काम करते हुए ज़्यादा स्नैक्स का सेवन कर रहे हैं, ये नतीजे खास तौर पर सही समय पर आए हैं।”

इस अध्ययन के बारे में मैक्स हेल्थकेयर – दिल्ली की रीजनल हेड-डायटेटिक्स रितिका समद्दर ने कहा,

“इस अध्ययन के नतीजे लाभदायक हैं, खासतौर पर भारत जैसे देश के लिए जहाँ मानसिक तनाव और कार्डियोवैस्कुलर रोग (सीवीडी) बड़ी चिंता का विषय हैं। इस नए अध्ययन के नतीजे यह दर्शाते हैं कि किस तरह सामान्य स्नैक्स की जगह नियमित बादाम खा रहे प्रतिभागियों में मानसिक तनाव के प्रति रेस्पॉन्स में हृदय गति परिवर्तनशीलता में सुधार आया। इसलिए मैं बहुत ज़ोर देकर यह सिफारिश करती हूँ कि हाई कैलोरीयुक्त जंक फूड की जगह बादाम खाएं जो स्नैक्स का एक सेहतमंद और पौष्टिक विकल्प है। लंबे समय में यह आसान बदलाव किसी भी व्यक्ति के संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य के लिए भी सहायता करेगा।”

यह नया अध्ययन एटीटीआईएस ट्रायल का एक हिस्सा था। एटीटीआईएस द्वारा हाल में प्रकाशित किए गए पेपर में एलडीएल कोलेस्ट्रोल स्तर और एँडोथिलियम पर निर्भर वासोडायलेशन, (फ्लो मेडिटेटेड डायलेशन या एफएमडी के ज़रिए मापा गया) जो कार्डियोवैस्कुलर रोग के खतरे का अनुमानकर्ता है, पर बादाम के सेवन से होने वाले प्रभाव को परखा गया।

अध्ययन के परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए न्यूट्रीशन और वेलनेस कन्सलटेंट शीला कृष्णास्वामी ने कहा,

“इस अध्ययन के नतीजे बेहद आशाजनक और प्रासंगिक हैं, खासतौर पर अभी जब कई भारतीय मौजूदा महामारी के चलते भारी तनाव महसूस कर रहे हैं। यह अध्ययन सलाह देता है कि किसी भी व्यक्ति के आहार में बदलाव कर और बादाम का सेवन शामिल कर मानसिक तनाव के प्रति कार्डियोवैस्कुलर लचीलापन बढ़ाया जा सकता है, और इसके साथ ही एलडीएल –कोलेस्ट्रोल में कमी और रक्त वाहिनियों के एंडोथिलियल कार्य में सुधार लाकर (जैसा कि अन्य अध्ययनों में दर्शाया गया है)– हृदय संबंधी जोखिम के कारकों में सुधार लाया जा सकता है। ऐसे लोग जो सीवीडी से पीड़ित हैं या जिन्हें इसका खतरा है, वे केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्नैक्स की जगह बादाम का सेवन कर, अपने जीवन में सेहतमंद फर्क महसूस कर सकते हैं।”

हृदय स्वास्थ्य पर वर्षों के शोध – जिसमें सुव्यवस्थित समीक्षा और मेटा-एनालिसिस शामिल हैं- हृदय के लिए सेहतमंद आहार योजना में बादाम को शामिल करने का समर्थन करते हैं। दोनों ही एटीटीआईएस अध्ययनों में बादाम सहित ऐसे उपायों को शामिल किया गया था जिनका इससे पहले कभी भी क्लिनिकल रिसर्च ट्रायल्स में मूल्यांकन नहीं किया गया। हालाँकि इन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है, लेकिन एचआरवी और एफएमडी में सुधार यह दर्शाते हैं कि बादाम के सेवन से विभिन्न तरह के स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध होते हैं।

बादाम फाइबर (12.5 / 3.5 ग्राम प्रति 100 ग्राम / 28 ग्राम सर्विंग) और 15 आवश्‍यक पोषक तत्‍व मुहैया कराते हैं जिसमें (प्रति 100 ग्राम / 28 ग्राम सर्विंग): मैग्‍नीशियम (270 / 76 एमजी), पोटेशियम (733 / 205 एमजी), और विटामिन ई (25.6 / 7.2 एमजी)शामिल हैं।

अध्ययन के नतीजों के बारे में पायलेट्स एक्सपर्ट, और डाइट एवं न्यूट्रीशन कन्सलटेंट माधुरी रुईया ने कहा,

“मौजूदा परिस्थिति और इससे प्रत्येक व्यक्ति की जीवनशैली और दिनचर्या में होने वाले प्रभाव को देखते हुए इस अध्ययन के नतीज़ों के बारे में विचार करना बेहद रोचक है। कई सालों से मैं एक सेहतमंद स्नैक्स के रूप में बादाम का सेवन करने की सलाह देती रही हूँ– अब इस अध्ययन के नतीज़े इसी बात की पुष्टि करते हैं। हृदय स्वास्थ्य के अलावा बादाम के रोज़ाना सेवन के साथ त्वचा स्वास्थ्य, वज़न और डायबिटीज़ प्रबंधन के साथ-साथ विभिन्न तरह के फायदे भी जुड़े हुए हैं। इसलिए मैं सभी भारतीयों को उनके आहार में हर दिन मुठ्ठी भर बादाम को शामिल करने की सलाह देती हूँ क्योंकि इससे उनके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद मिलेगी।”

अध्ययन पर एक नज़र

इस रैन्डमाइज्ड, कंट्रोल्ड पैरलल डाएटरी इंटरवेन्शन स्टडी में सीवीडी के औसत से उपर जोखिम वाले वयस्कों में बादाम के सेवन के प्रभाव की छानबीन की गई। इस अध्ययन में एक वयस्क यूके जनसंख्या में औसत स्नैक्स के सेवन से मैच करने के लिए समान कैलोरी संख्या और कार्बोहाइड्रेट्स/फैट/प्रोटीन कंपोज़िशन उपलब्ध कराने वाले विशेष रुप से तैयार किए गए नियंत्रित खाद्य पदार्थ (कंट्रोल फूड) बनाम बादाम के सेवन के प्रभाव का निरीक्षण किया गया।

30-70 वर्षों के वयस्कों ने (एन= 51 बादाम ग्रुप में, एन = 56 कंट्रोल ग्रुप में) 6 सप्ताह के लिए उनके कैलोरी ज़रूरतों का 20% के तौर पर भुने हुए बादाम या कंट्रोल खाद्य पदार्थ सेवन किया। कार्डियोमैटाबॉलिक रिस्क फैक्टर्स का मापन किया गया, जिसमें इंडोथिलियल फंक्शन (फ्लो मीडिएटेड डायलेशन), हार्ट रेट वैरिएबिलिटी, लीवर फैट, इन्सुलिन रेसिस्टेंन्स, ब्लड कोलेस्ट्रोल और ट्रायग्लिसराइड और बॉडी कंपोज़िशन शामिल थे।

अध्ययन शुरू करने से पहले, तीन सप्ताह का अलग ट्रायल किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लिपिड्स, ब्लड प्रेशर और बॉडी वेट/कम्पोज़िशन पर कंट्रोल फूड का न्यूट्रल प्रभाव था। आराम के दौरान और मानसिक तनाव के दौरान 5 मिनट की अवधि के लिए प्रतिभागियों का हार्ट रेट और हार्ट रेट वैरिएबिलिटी (एचआरवी) का मापन किया गया।

रियल टाइम एचआरवी का मापन एम्बुलेटरी /ईसीजी मॉनीटर का इस्तेमाल करते हुए पहले (आराम के दौरान) और स्ट्रूप टेस्ट (मानसिक तनाव) के दौरान किया गया, जबकि सहभागी पीठ के बल लेटे हुए थे। आराम के दौरान एचआरवी वैल्यू रिकॉर्ड करने के 15 मिनट बाद पाँच मिनट की स्ट्रेस टेस्ट को परफॉर्म किया गया।

छाती पर पहने गए हार्ट रेट मॉनिटर और स्पेशलाइज़्ड एनेलिटिक्ल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए हाई फ्रिक्वेन्सी और लो फ्रिक्वेन्सी पॉवर और एलएफ/एचएफ रेशियो(अनुपात) सहित एचआरवी के पैरामीटर (मानदंडों) का मापन किया गया।

नतीज़े

शरीर के वज़न में कोई फर्क नहीं था और बादाम ग्रुप और कंट्रोल ग्रुप दोनों के ही कुल एनर्जी इन्टेक (सेवन) में कोई अंतर नहीं था, लेकिन बादाम ग्रुप में आहार की गुणवत्ता में सुधार था ( हाई फायबर, अनसैचुरेटेड फैट और सैचुरेटेड फैट का लाभप्रद अनुपात, बढा हुआ मैग्नेशियम, पोटैशियम, विटामिन-ई और रायबोफ्लेविन; कुल कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, शुगर मुक्त और सोडियम में कमी) मानसिक तनाव (स्ट्रूप टेस्ट) के दौरान, कंट्रोल के सापेक्ष में, बादाम उपचार लेनेवालों में 124 ms2 (95% CI 11, 237) से एचएफ पॉवर अधिक था। कंट्रोल के सापेक्ष में,-1.0 (95% CI -1.9, -0.1) से एलएफ/एचएफ अनुपात कम था। मानसिक तनाव के दौरान अन्य संकेतकों में कोई फर्क नहीं पाया गया।
आराम करने की स्थिति में, इंटरवेन्शन के बाद एचआरवी संकेतकों के परिवर्तन में उपचार ले रहे ग्रुप्स में कोई भी उल्लेखनीय अंतर नहीं था।

अध्ययन की सीमाएँ

अध्ययन की सीमाओं में यह सच्चाई थी कि आधार रेखा पर कार्डियोमेटाबॉलिक रोगों के जोखिम के कारकों में ग्रुप के बीच कुछ भिन्नताएँ थी। इसके साथ ही सहभागी स्वतंत्र रूप से रह रहे थे और भले ही बादाम सेवन के अनुपालन की पुष्टि की गई थी, लेकिन फिर भी उनके रिपोर्ट किए गए आहार सेवन में कुछ त्रुटियों की संभावना है। अंत में, और ज़्यादा शोध की आवश्यकता है क्योंकि एचआरवी में वृद्धि की प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है।

निष्कर्ष

मानसिक तनाव के प्रति शरीर के रेस्पॉन्स सहित जोखिम के कारकों को प्रभावित करते हुए किस तरह बादाम स्वस्थ हृदय आहार का हिस्सा हो सकता है, इस बारे में यह अध्ययन नए शोध नतीजे उपलब्ध कराता है। सामान्य स्नैक्स की जगह बादाम खाने से मानसिक तनाव के दौरान एचआरवी में कमी को घटाया जा सकता है और इस तरह हृदय के कार्य में सुधार लाया जा सकता है। आहार की इस रणनीति से मानसिक तनाव की स्थिति के प्रति कार्डियोवैस्कुलर लचीलापन बढ़ाने की संभावना है, इसके साथ ही बादाम का सेवन करने के अन्य स्वास्थ्य लाभ जैसे एलडीएल कोलेस्ट्रोल कम करना और रक्त वाहिकाओं की कार्यक्षमता में सुधार लाना भी संभव है।

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