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ऊषा इंटरनेशनल ने ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल पहल के दूसरे चरण के लिये सिडबी के साथ भागीदारी जारी रखी

ब्रज पत्रिका। प्रमुख पहल ‘मिशन स्वावलंबन’ के अंतर्गत अपनी भागीदारी को जारी रखते हुए, ऊषा इंटरनेशनल और स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेन्ट बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) ने आज ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल्स के दूसरे चरण की घोषणा की है। इस परियोजना का लक्ष्य हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश पूर्व और उत्तराखण्ड में भारत सरकार द्वारा चयनित आकांक्षी जिलों/आपदा को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में से कुछ में 700 ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल्स स्थापित करना है।

ऊषा और सिडबी ग्रामीण महिलाओं को सिलाई और कढ़ाई में कुशल बनाकर उनका आर्थिक सशक्तिकरण करने और उनकी उद्यमिता क्षमता को विकसित करने के साझा लक्ष्य के साथ आये हैं ताकि वे खुद के ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल स्‍थापित कर सकें और इस प्रक्रिया में उन्‍हें ‘होमप्रेन्योर्स’ बनाया जा सके।

इस पहल के पहले चरण में 5 राज्यों – बिहार, राजस्थान, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में 1000 ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल्स सफलतापूर्वक स्थापित किये गये थे। साल 2019 में हर राज्य में 200 स्कूल चल रहे थे और 10 जिलों, 70 तहसीलों और 952 गांवों में फैले थे।

इस पहल के दूसरे चरण के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए ऊषा इंटरनेशनल के सीईओ दिनेश छाबड़ा ने कहा,

‘‘हम ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल्स की स्थापना के लिये अपनी यात्रा के दूसरे चरण में सिडबी के साथ अपनी भागीदारी को जारी रखते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं। हमें यकीन है कि भारत सरकार द्वारा चयनित आकांक्षी जिलों/आपदा प्रभावित क्षेत्रों में यह 700 नये सिलाई स्कूल हजारों लोगों को प्रशिक्षित कर, उनके और उनके परिवारों के जीवन में सुधार कर वास्तविक प्रभाव उत्पन्न करने में लंबी दूरी तय करेंगे। यह उन्हें उद्यमी के रूप में विकसित कर एक बेहतर कल का मार्ग प्रशस्त करता है और आय अर्जन की शक्ति देता है, ताकि वे अपनी आकांक्षाएं पूरी कर सकें। यह दुनिया में समानता लाने के लिये लोगों को कुशल करने की हमारी प्रतिबद्धता पर जोर देता है।’’

इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए आईएएस और सिडबी के सीएमडी मोहम्मद मुस्तफा ने कहा,

‘‘हम अपने ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल प्रोग्राम के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण की ओर अगला कदम बढ़ाते हुए प्रसन्न हैं। दूसरे फेज में हम टेलरिंग की कुशलताएं देने के अलावा, उद्यमिता और जीवन की कुशलताओं में प्रवीणता देंगे। यह हमारे मिशन स्वावलंबन के अनुसार है, जो उद्यमिता की संस्कृति फैलाने के लिये है और परिवार जिसका केन्द्र-बिन्दु है। हम वंचितों के समावेश और अनछूए लोगों की सेवा के लिये भागीदारी का उपयोग जारी रखेंगे। हम मानते हैं कि उद्यमिता लाने वाले कदमों से गांवों को मजबूत बनाना आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय मिशन के लिये महत्वपूर्ण है।’’

इन सिलाई स्कूलों में यूआईएल के विशेषज्ञ प्रशिक्षक सिलाई के विभिन्न पहलूओं के साथ सिलाई मशीन के रख-रखाव और मरम्मत का प्रशिक्षण भी देंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली महिला उद्यमियों को उषा सिलाई मशीन (लेग पैडल से चलने वाली), एक प्रमाणपत्र, एक ट्रेनिंग-किट और ऊषा स्वावलंबन सिलाई स्कूल का साइनेज बोर्ड दिया जाएगा।

ऊषा सिलाई स्कूल के विषय में: सिलाई स्कूल प्रोग्राम ऊषा इंटरनेशनल लिमिटेड की भारतव्यापी समुदाय आधारित ग्रामीण पहल है। इस सामाजिक पहल का लक्ष्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों, आवासों और गांवों में रहने वाले समुदायों के वंचित वर्गों से आने वाली महिलाओं को सशक्त करना है। साल 2011 से शुरू ऊषा सिलाई स्कूल प्रोग्राम के वर्तमान में भारत के सभी राज्यों में 23,000 सिलाई स्कूल हैं, 100 नेपाल में, 20 श्रीलंका में और भूटान में 3 प्रोडक्शन सेंटर्स हैं।

सिलाई स्कूल प्रोग्राम का प्राथमिक उद्देश्य है महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और उद्यमिता की कुशलताएं देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके लिए आजीविका का विकल्प निर्मित करना। दूसरा उद्देश्य है महिला को सामाजिक रूप से खड़ा करना और उसका आर्थिक उत्थान कर उसे अपने परिवार और समुदाय में पहचान दिलाना है।

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