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साहित्य क्षेत्र में प्रदूषण के विरुद्ध मशाल लेकर चल रहे अशोक ‘अश्रु’

वरिष्ठ कवि-साहित्यकार, संपादक एवं अधिवक्ता अशोक ‘अश्रु’ की हीरक जयंती पर देश के जाने-माने साहित्यकारों ने यूएसएम पत्रिका का ‘अश्रु’ विशेषांक किया लोकार्पित।

अशोक अश्रु के व्यक्तित्व-कृतित्व पर हुई गंभीर चर्चा में उनके सौम्य व्यवहार, संवेदनशीलता, सहयोगी प्रवृत्ति और बहुआयामी रचनाधर्मिता को मिली सबकी सराहना।

ब्रज पत्रिका, आगरा। ‘संस्थान संगम’ मासिक पत्रिका परिवार के बैनर तले गुरुवार शाम आगरा और देश के जाने-माने साहित्यकारों द्वारा यूथ हॉस्टल में वरिष्ठ कवि- साहित्यकार, संपादक एवंa अधिवक्ता अशोक ‘अश्रु’ का हीरक जयंती समारोह मनाया गया।

समारोह में जहाँ उमाशंकर मिश्र के संपादन में प्रकाशित गाजियाबाद की लोकप्रिय यूएसएम पत्रिका के ‘अश्रु’ विशेषांक का लोकार्पण किया गया, वहीं अशोक अश्रु के व्यक्तित्व-कृतित्व पर हुई गंभीर चर्चा में उनके सौम्य व्यवहार, संवेदनशीलता, सहयोगी प्रवृत्ति और बहुआयामी रचनाधर्मिता को मुक्त कंठ से सबकी सराहना मिली।

इससे पूर्व समारोह अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मिलन, विशिष्ट अतिथि गाजियाबाद से उमाशंकर मिश्र एवं डॉ. कविता सिंह ‘प्रभा’, कोटा से रामेश्वर शर्मा ‘रामू भैया’, कानपुर से हरिवाणी और आगरा से डॉ. शशि तिवारी, सीए राकेश अग्रवाल, समीक्षक डॉ. सुषमा सिंह, वक्ता डॉ. मधु भारद्वाज, रमा वर्मा ‘श्याम’ और राजकुमारी चौहान ने माँ शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर समारोह का शुभारंभ किया। जिला सूचना अधिकारी शीलेंद्र शर्मा मुख्य अतिथि रहे।

डॉ. शशि तिवारी ने सरस्वती वंदना, आदर्श नंदन गुप्ता ने स्वागत भाषण, सुशील सरित ने धन्यवाद ज्ञापन और श्रुति सिन्हा ने संचालन किया। अशोक ‘अश्रु’, माया ‘अशोक’, प्रेम राजावत, शरद गुप्ता, विजय गोयल, अर्चना अग्रवाल, रमेश पंडित, राज बहादुर सिंह राज, हरिमोहन सिंह कोठिया, गोपाल कृष्ण एडवोकेट और अनुराग बंसल ने अतिथियों का स्वागत किया।

इस दौरान दुर्ग विजय सिंह दीप, आभा चतुर्वेदी, राज फौजदार, शैलबाला अग्रवाल, शैलजा अग्रवाल, रेखा कक्कड़, शेषपाल सिंह शेष, योगेश शर्मा योगी, रामेन्द्र शर्मा, केशव शर्मा, प्रभुदत्त उपाध्याय, विजया तिवारी, नीरज जैन, विनय बंसल सहित तमाम गणमान्य कवि, साहित्यकार और अधिवक्ता उपस्थित रहे।

नव रचनाकारों के प्रेरणा स्रोत

डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा कि,

“पेशे से एडवोकेट होते हुए भी अश्रु जी सरल, सहज, मिलनसार और गहन साहित्यिक रुचि के सहयात्री सिद्ध हुए हैं।”

रमा वर्मा ‘श्याम’ ने उन्हें कर्मनिष्ठ और मानवीय मूल्यों का पुजारी बताते हुए कहा कि वह त्याग, तपस्या और समर्पण की सलाई पर जीवन को बुनते हैं।

डॉ. सुषमा सिंह ने कहा कि,

“सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों के प्रति समर्पित एक सौम्य व्यक्तित्व का नाम है अशोक अश्रु।”

डॉ. कविता सिंह ‘प्रभा’ (गाजियाबाद) ने अशोक अश्रु को नव रचनाकारों का प्रेरणा स्रोत व पथ प्रदर्शक बताया।

राजकुमारी चौहान ने “चेहरे पर है सौम्यता, अधरों पर मुस्कान, अश्रु भले उपनाम हो, है अशोक प्रतिमान” कह कर उनके व्यक्तित्व को सराहा। डॉ. मधु भारद्वाज ने अश्रु विशेषांक को सारगर्भित बताते हुए कहा कि पत्रिका में अशोक जी के व्यक्तित्व के साथ-साथ उनकी रचनाधर्मिता को भी पूरी ईमानदारी से रेखांकित किया गया है।

सुशील सरित ने कहा कि,

“साहित्य क्षेत्र में प्रदूषण के विरुद्ध अशोक अश्रु मशाल लेकर चल रहे हैं।”

आदर्श नंदन गुप्ता ने कहा कि,

“वे हल्की सी मुस्कुराहट से ही दिल जीत लेते हैं।”

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