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विजय को स्थायी करने के लिए उसका उत्सव जरूरी : राज्यपाल

-ब्रज के दस रत्नों को मिला अवार्ड, बृज की संस्कृति-धरोहर को सहेजने का जिम्मा भी।

-इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन ने किया ‘ब्रज रत्न अवार्ड’ समारोह का आयोजन।

ब्रज पत्रिका, आगरा। भारतीय शास्त्रीय परंपराएं और कलाएं मनोरंजन का साधन नहीं, अपितु कला वह है जो परमात्मा का साक्षात्कार कराने में समक्ष है। ज्ञान की धारा स्थायी है, जबकि भौतिक विकास क्षणिक। यह कहना था इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के ब्रजरत्न अवार्ड समारोह के आठवें संस्करण में बतौर मुख्य अतिथि पधारे केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान का।

फतेहाबाद रोड स्थित होटल जेपी पैलेस में गुरुवार को आयोजित समारोह में महामहिम ने कहा कि,

“विजय को स्थायी करने के लिए उसका उत्सव जरूरी है।”

इससे पूर्व राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान, इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डावर, आयोजन समिति के स्क्वार्डन लीडर एके सिंह, किशोर खन्ना, राजेश गर्ग, शारदा यूनिवर्सिटी के वाइस चेयरमैन वाईके गुप्ता, रजत अस्थाना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात चयनित अवार्डियों को बृजरत्न की ट्राफी देकर महामहिम ने सम्मानित किया।

ठान लिया जाए तो मनचाही मंजिल तक पहुंचना आसान

फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डावर ने सकारात्मकता से भरे शब्दों की माला पिरोकर अतिथियों का अभिनंदन किया तो समूचा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अपने सारगर्भित स्वागत भाषण के अंत में उन्होंने ‘समय अभी रुका नहीं तो हम क्यूं रुक गए, अभी तो हम चले नहीं फिर क्यों थक गए…!’ सुनाकर मौजूद दर्शकों में जोश भर दिया। साथ ही युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि दुनिया में असभंव कुछ भी नहीं है, यदि ठान लिया जाए तो मनचाही मंजिल तक पहुंचा जा सकता है।

ताकि कामयाबी की नई इबारत लिखे युवा पीढ़ी

आयोजन समिति के स्क्वार्डन लीडर एके सिंह ने कहा कि,

“यह सम्मान महज शख्सियत का नहीं, ब्रज की संस्कृति और धरोहर को सहेजने का भी है। निश्चित ही अवार्डियों ने ब्रज के गौरव रथ को आगे बढ़ाया है, लेकिन युवा पीढ़ी भी कामयाबी की नई इबारत लिखे इसके लिए ब्रजरत्न अवार्ड जैसे आयोजनों का होना जरूरी है।”

सिनेस्टार राज बब्बर संग मुंबई में स्ट्रगल के किस्से सुनाए

अवार्डी सुरेंद्र पाल ने अपने उद्बोधन में जूते की संक्षिप्त कहानी सुनाकर ऑडियंस में देशप्रेम की भावना जागृत की। पापा मैं आपसे बढ़ा हो गया…कविता से दर्शकों का दिल जीत लिया। अभिनेता यहीं नहीं रुके, उन्होंने अपने मित्र सिनेस्टार राज बब्बर संग मुंबई में स्ट्रगल के किस्से सुनाए। बिना कहे ही आगरा और पागलखाने को जोड़ दिया। अंत में महाभारत सीरियल के खुद निभाए गए पात्र द्रोणाचार्य का एक डायलॉग अपनी बुलंद आवाज में सुनाकर दर्शकों को ताली बजाने पर विवश कर दिया।

कला का सम्मान होना ही चाहिए

कार्यक्रम के ख़ास आकर्षण और अति विशिष्ट अवार्डी सिनेस्टार राज बब्बर ने कहा कि,

“यह सम्मान मिलना उनके लिए गौरव की बात है। कला और कलाकार किसी भी क्षेत्र के हों, उनका सम्मान किया ही जाना चाहिए। सम्मान जब अपने घर में और घरवालों की ओर से मिले तो उसके आनंद की महक जीवनभर सुगंधित करती है।”

इन विभूतियों को मिला सम्मान

– राष्ट्र गौरव सम्मान – राज बब्बर, फिल्म अभिनेता
– अमृत्व सम्मान (मरणोपरांत) पं. रघुनाथ तलेगांवकर, ग्वालियर परम्परा के मूर्धन्य संगीतज्ञ
– सुरेन्द्र पाल, फिल्म एवं टीवी अभिनेता
– अतुल सभरवाल, फिल्म पटकथा लेखक एवं निर्देशक
– डॉ. राजीव जैन, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री
– डॉ. सदानंद ब्रह्मभट्ट, शास्त्रीय संगीतज्ञ
– डॉ. संध्या अग्रवाल, वरिष्ठ चिकित्सक
– बलराम श्रीवास्तव, साहित्यकार एवं कवि
– रूचि शर्मा, कथक नृत्यांगना
– सोनिया शर्मा, नेशनल राइफल शूटर

कार्यक्रम में डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा, धन कुमार जैन, डॉ. वीना लवानिया, संजय अग्रवाल, मयंक जैन, नितिन गोयल, डॉ. मुकेश गोयल, डॉ. पकंज नगाइच, रोहित जैन, अभिनन्दन जैन, मुरारी प्रसाद अग्रवाल, डॉ. महेश धाकड़, कवि पवन आगरी, मोहित जैन, साकार जिंदल, डॉ. अरुण शर्मा, सचिन शंकर, दिवाकर शर्मा, सुरेश बरेजा आदि मौजूद रहे। संचालन तरुण शर्मा ने किया। व्यवस्थाएं इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन के महासचिव अजय शर्मा, संयोजक ब्रजेश शर्मा, अध्यक्ष मधुसूदन भट्ट ने संभालीं। एंकरिंग डॉ. तरुन शर्मा और रिया गुप्ता ने की।

निर्यातक पूरन डावर की बायोग्राफ़ी का राज्यपाल ने किया विमोचन

डावर ग्रुप के चेयरमैन पूरन डावर की बायोग्राफ़ी का भी विमोचन जेपी पैलेस होटल में ब्रजरत्न अवार्ड समारोह में ही केरल के राज्यपाल महामहिम आरिफ़ मोहम्मद ख़ान, फिल्म अभिनेता राज बब्बर, सुरेंद्र पाल, प्रकाशक यूनाइटेड रिसर्च सर्विसेज़ एवं एशिया वन के सीईओ संदीप कुमार, वाईके गुप्ता, स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, किशोर खन्ना, राजेश गर्ग एवं रजत अस्थाना ने संयुक्त रूप से किया।

इस बायोग्राफ़ी का विमोचन इससे पूर्व इंटरनेशनल मंच पर 27 सितंबर को दुबई में हुआ था। पुस्तक के प्रकाशक संदीप कुमार ने पुस्तक के विषय में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पूरन डावर की बायोग्राफ़ी को क्यों और कैसे चुना गया और कैसे प्रेरित हुए, यूआरएस की रिपोर्ट के बाद जब गुरुग्राम में पूरन डावर के साथ साक्षात्कार हुआ तो उनके संघर्ष की कहानी के साथ अनेक ऐसे पहलू सामने आये जो कि आने वाले युवाओं को न केवल संघर्ष बल्कि आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं। 3-4 घंटे के 7 साक्षात्कार के बाद 270 पेज की इस बायोग्राफी में सारे पहलू प्रकाशित किए गए हैं।

प्रकाशन समूह के सीईओ संदीप कुमार ने यह भी बताया कि,

“इस पुस्तक को यूएसए और यूके में भी लॉंच किया जाएगा। इसका हिन्दी संस्करण फ़रवरी में 2025 में आएगा और इसका विमोचन दिल्ली के भारत मण्डपम में एबीएसएफ़ के साथ किया जाएगा। यह पुस्तक अनस्टॉपेबल पर्सूट ऑफ़ प्रोग्रेस पूरन डावर की बायोग्राफी अब आमेजन पर उपलब्ध है, और शीघ्र देश और विदेश के लीडिंग बुक स्टोर्स में उपलब्ध होगी।”

इस अवसर पर पूरन डावर ने बताया कि,

“यह संघर्ष की मात्र मेरी कहानी नहीं बल्कि उन सबके संघर्ष की कहानी है, जो देश के विभाजन के बाद रिफ्यूजी होकर आये और कड़ी मेहनत से न केवल आपने आपको स्थापित किया, बल्कि देश के उद्योगों को गति दी और साथ में अपनी कार्यपद्धति से दिशा देने का काम किया।”

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