हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले…
ब्रज पत्रिका, आगरा। प्रख्यात शायर मिर्जा असदउल्लाह खां ‘ग़ालिब’ की 226वीं सालगिरह के मौके पर बज़्म-ए-ग़ालिब का आयोजन ग्रैंड होटल, आगरा में किया गया। मुख्य अतिथि मशहूर होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आर. एस. पारीक थे। विशिष्ट अतिथि कैंटोनमेंट बोर्ड के सीईओ दमन सिंह, डॉ.अरविंद झा और सविता जैन थे। प्रमुख वक्ता प्रोफेसर वीना शर्मा थीं। अध्यक्षता मशहूर गीतकार सोम ठाकुर ने की। संस्कृति प्रेमी और साहित्यकार अरुण डंग द्वारा उज़्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान और किर्गिस्तान के यात्रा वृतांत पर आधारित पुस्तक ‘मध्य एशिया के मध्य’ का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इस मौके पर पुस्तक के लेखक अरुण डंग ने ग़ालिब से संबंधित दार्शनिक तत्वों का विवेचन किया।
मशहूर होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आर. एस. पारीक ने कहा,
“यात्रा वृतांतों के मामले में मशहूर साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन, रांगेय राघव को विस्मृत नहीं किया जा सकता। भारत के पास दर्शन है, चिंतन है, और उसे सबको में महसूस करना चाहिए।”
शायर शाहिद नदीम ने शायराना अंदाज़ में कहा,
“तेरी तहरीरे दिले नाज को जादू लिक्खूं, तेरी तस्वीर को एक फूल की खुशबू लिक्खूं, तेरे लफ्जों को चमकते हुए जुगनू लिक्खूं, तब कहीं जाके तेरी शान में उर्दू लिक्खूं।”
इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायक सुधीर नारायण ने “हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमां फिर भी कम निकले…!” आदि ग़ालिब की ग़ज़लों की संगीतमयी प्रस्तुति दी। उनके साथ संगत देशदीप शर्मा और राज मैसी ने की।
संचालन करते हुए सुशील सरित ने कहा,
“ठंडी न हो वह आग है गालिब की शायरी, लफ़्ज़ों का एक चिराग़ है ग़ालिब की शायरी, इश्के हकीकी इश्के मजाजी का हर ख्याल, जिसमें निहां वो राग है गालिब की शायरी!”
विमोचित पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. बीना शर्मा ने कहा कि,
“यह आयोजन इस दृष्टि से बहुत ही विशिष्ट बन गया है क्योंकि जिन देशों का पुस्तक में जिक्र है उन देशों के विद्यार्थी खुयताली, जमशेद, शुकुरुल्लाह, सेविंच और शोयरा भी यहां उपस्थित हैं। विमोचित पुस्तक उन देशों की संस्कृति और भारत से क्या उसका संबंध है, इसका जिंदा दस्तावेज है।”
26 दिसंबर को आयोजित हुई ग़ज़ल प्रतियोगिता में विजयी श्रेया शर्मा, गौरव गोस्वामी एवं ध्रुव तिवारी को पुरस्कृत भी किया गया। उन्होंने गायन की प्रस्तुतियां भी इस समारोह में दीं। इस मौके पर ग़ज़ल प्रतियोगिता के निर्णायकों डॉ. खेमचंद धाकड़, मंजरी शुक्ला और अमीर अहमद अकबराबादी को भी सम्मानित किया गया।
समारोह में अरविंद कपूर, रमेश आनंद, अशोक चौबे, हर्षित पाठक, अंकिता श्रीवास्तव, विशाल, प्रतिभा तलेगांवर, रिंकू चौरसिया, रवि, मनोरमा शर्मा, प्रो. विनोद माहेश्वरी, दिनेश श्रीवास्तव, अनिल डंग, शुभ्रा तालेगांवकर, अभय चौहान, डॉ. महेश धाकड़, अनिल शर्मा आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।