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मानवीय और सामाजिक सरोकारों की प्रतिध्वनि हैं राजीव खंडेलवाल की कविताएं – शोभा दिवाकर

आगरा के सुप्रसिद्ध अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल के काव्य-संग्रह “ड्वैलिंग विद डिनायल” पर जबलपुर की शोभा दिवाकर ने लिखी समीक्षात्मक पुस्तक, गुरुग्राम के अर्थ विजन पब्लिकेशन ने किया प्रकाशित।

राजीव खंडेलवाल की रचनाधर्मिता को निरंतर मिल रही देश-विदेश के समीक्षकों की सराहना।

ब्रज पत्रिका, आगरा। ताजनगरी के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अंग्रेजी कवि, साहित्यकार, समीक्षक और संपादक राजीव खंडेलवाल की रचनाधर्मिता को निरंतर देश – विदेश के समीक्षकों, शिक्षाविदों और संपादकों की सराहना मिल रही है। इस क्रम में उनके चर्चित कविता संग्रह “ड्वैलिंग विद डिनायल” पर सीपी महिला महाविद्यालय जबलपुर की सेवानिवृत्त अंग्रेजी विभागाध्यक्ष शोभा दिवाकर द्वारा लिखी गई समीक्षात्मक पुस्तक “पैशनेट स्लाइसेज ऑफ लाइफ इन खंडेलवाल्स ड्वैलिंग विद डिनायल” शीर्षक से गुरुग्राम के अर्थ विजन पब्लिकेशन से प्रकाशित होकर सामने आई है।

गौरतलब है कि राजीव खंडेलवाल के काव्य-लेखन पर समीक्षा की ये पांचवी पुस्तक सामने आई है। इससे पूर्व जाने-माने अंग्रेजी विद्वान और साहित्यकार डॉ. सोम पी. रंचन, डॉ. भूपेंद्र परिहार और डॉ. वीवीबी रामाराव सहित देश – विदेश के जाने-माने अंग्रेजी विद्वान समीक्षक आपकी कविताओं पर आलोचनात्मक विश्लेषण की पुस्तकें लिख चुके हैं।

सामाजिक सरोकारों की अभिव्यक्ति

राजीव खंडेलवाल की 75 कविताओं के संग्रह पर 140 पृष्ठ की समीक्षात्मक पुस्तक में शोभा दिवाकर लिखती हैं कि यह संग्रह भारतीय अंग्रेजी कविताओं का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इन कविताओं में जीवन का निचोड़ है। मनुष्य की कमजोरियां, मजबूरियां और आकांक्षाएं हैं।

ये कविताएं टूटते रिश्तों और बिखरते परिवारों के लिए आशा की किरणें हैं। कवि ने झूठी आस्था पर चोट की है तो राजनीति के स्वांग को भी उघाड़ कर रख दिया है। कुल मिलाकर यह कविताएं मानवीय, सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों की उत्कृष्ट अभिव्यक्तियां हैं।

सतत चल रही साहित्य यात्रा

राजीव खंडेलवाल की साहित्य यात्रा सतत चल रही है। अब तक राजीव खंडेलवाल की प्रेम कविताओं के पांच और बाल कविताओं के चार संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपकी चुनिंदा अंग्रेजी प्रेम कविताओं का हिंदी में अनुवादित संग्रह “कितना कठिन है प्रेम” भी प्रकाशित हो चुका है। आपकी कुछ कविताओं का रोमानी, अरेबिक और चीनी भाषा में भी अनुवाद हुआ है। आपकी तीन कविताएं जबलपुर (मध्य प्रदेश) के पाठ्यक्रम में शामिल की जा चुकी हैं। आपकी चुनिंदा कविताओं पर लघु शोध कार्य भी हो चुका है।

आपको पीसीके प्रेम द्वारा संपादित समकालीन इंडियन इंग्लिश पोएट्री के इतिहास में दर्ज किया गया है। वहीं इंटरनेशन सूफी सेंटर और सूफी वर्ल्ड द्वारा आपको भारत के श्रेष्ठ 25 कवियों में चुना गया है। आपकी सर्जनात्मक उपलब्धियों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपको लेबनान की फाउंडेशन फॉर ग्रेटिस कल्चर द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।

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