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सूफियाना संगीत से सजी महफ़िल में निज़ामी बंधुओं ने क्या खूब सुनाया-आया तेरे दर पे दीवाना…!

हुनर हाट के मंच पर सिंगर आशु बजाज ने भी शानदार अंदाज़ में प्रस्तुति दी।

अर्चना डांस ग्रुप के कलाकारों ने शिव तांडव थीम के साथ नृत्य पेश किया। इन कलाकारों ने रक्तबीज के वध की कहानी को नृत्य और अभिनय के ज़रिए पेश किया।

ब्रज पत्रिका, आगरा। सूफ़ी संगीत के दीवानों के लिए शुरूवार की शाम सौगात भरी रही। मशहूर सूफ़ी गायक निज़ामी बंधुओं ने हुनर हाट के माहौल को यादगार बना दिया। “दमा दम मस्त कलंदर” “आया तेरे दर पे दीवाना”, “कुन फाया कुन” जैसे कलाम सुनाकर उन्होंने पहले लोगों का दिल जीता और बाद में महफ़िल लूट ली।

दिल्ली के रहने वाले गायक उस्ताद चाँद निज़ामी, शादाब फ़रीदी निज़ामी शोहराब फ़रीदी निज़ामी संगीत की दुनिया में ‘निज़ामी बंधु’ और ‘निज़ामी ब्रदर्स’ के नाम से जाने जाते हैं। कव्वाली के क्षेत्र में निज़ामी बंधुओं का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। गुरुवार को हुनर हाट में इन तीनों भाइयों ने अपने सुर, लयकारी, तान और आलाप से हर किसी का दिल जीत लिया। 

सिंगर आशु बजाज ने भी शानदार अंदाज़ में प्रस्तुति दी। आशु ने हर तरह के गाने गाए। “तेरी दीवानी”, “हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार ज़िंदगी में”, “गुलाबी आँखें”, “मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू” और “थारे बिना लागे नाहीं मेरा जिया रे” आदि गाने गाकर आशु ने लोगों को खूब मनोरंजन किया। 

गायकी के अलावा हुनर हाट के मंच पर विशेष शास्त्रीय नृत्य पेश किया गया। अर्चना डांस ग्रुप के कलाकारों ने शिव तांडव थीम के साथ नृत्य पेश किया। इन कलाकारों ने रक्तबीज के वध की कहानी को नृत्य और अभिनय के ज़रिए पेश किया, जिसमें बताया गया कि कैसे शिव जी ने रक्तबीज का वध करने की ज़िम्मेदारी पार्वती जी को सौंपी। काली का रूप धारण करके पार्वती जी ने रक्तबीज का वध किया लेकिन उसके बावजूद भी जब उनका क्रोध शांत नहीं हुआ तो उन्होंने शिव जी के ऊपर ही पाँव रख दिया।

इसके अलावा अर्चना डांस ग्रुप ने अपनी दूसरी प्रस्तुति के ज़रिए भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद और उसके पिता हिरण्यकश्यप की कहानी को पेश किया। बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता उनका नृत्य जनता द्वारा खूब सराहा गया।

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