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सर्वज्ञ शेखर ने साहित्य को दिया था नया संस्कार, समाज को दिशा देने के लिए संस्कारों की जरूरत

स्व. सर्वज्ञ शेखर गुप्त की प्रथम पुण्य तिथि पर पुस्तक “शेष विशेष अभिमत” का विमोचन

ब्रज पत्रिका, आगरा। होम गार्ड एवं कारागार राज्य मंत्री डॉ. धर्मवीर प्रजापति ने कहा है कि निरंतर दिशाहीन होते जा रहे समाज में संस्कारों की जरूरत है और ये संस्कार साहित्य से ही आ सकते हैं।

डॉ. प्रजापति होटल भावना क्लार्क्स-इन में साहित्यसेवी स्व. सर्वज्ञ शेखर गुप्त की प्रथम पुण्य तिथि पर उनकी पुस्तक “शेष विशेष अभिमत” के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त कर रहे थे।

डॉ. धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि,

“स्व. सर्वज्ञ शेखर गुप्त ने साहित्य को नई दिशा प्रदान की थी। उन्होंने सम-सामयिक विषयों पर अपनी लेखनी चलाई और समाज को लेखन के क्षेत्र में नए संस्कार दिए।”

श्रीमन:कामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने कहा कि,

“स्व. सर्वज्ञ शेखर जी की पुस्तक ‘शेष अशेष अभिमत’ का एक-एक आलेख पठनीय है, और आमजन की भाषा में लिखने से इसका महत्व और बढ़ गया है।”

विमोचन करते हुए पद्मश्री डा. उषा यादव ने कहा कि,

“स्व. सर्वज्ञ शेखर जी ने जिस प्रकार से समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभाई, उतने ही वे साहित्य प्रेमी थे। साहित्य और समाज के प्रति उनके समर्पण को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके सारगर्भित लेखन में बहुत कुछ छिपा रहता था।”

अध्यक्षता करते हुए नागरी प्रचारिणी सभा की सभापति और स्वाधीनता सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने कहा कि,

“समाज का दर्पण साहित्य है, और उसी साहित्य का सृजन स्व. सर्वज्ञ शेखर जी ने किया, जिसे हमेशा याद किया जाएगा।”

विधायक पुरषोत्तम खंडेलवाल ने करुणेश परिवार द्वारा साहित्य सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि,

“स्व. सर्वज्ञ शेखर जी ने अपनी पुस्तक में सामाजिक सरोकार से जुड़े विषयों पर अपनी लेखनी चलाई है।”

समारोह में विख्यात कवि सोम ठाकुर को सम्मानित किया गया। करुणेश परिवार के चंद्रशेखर गुप्त, संजय गुप्त, आदर्श नंदन गुप्त, शरद गुप्त ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर माला पहनाई और प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया।

मशहूर गीतकार सोम ठाकुर ने कहा कि,

“युवा पीढ़ी में गीतों के प्रति रुचि बढ़ानी होगी । कविताओं में जो गिरावट आई है, उसे सुधारना होगा।”

संस्थान संगम के संपादक अशोक ‘अश्रु’ ने पुस्तक समीक्षा प्रस्तुति की। स्वागत भाषण अभिजात्य गुप्त (गुड़गांव) ने व धन्यवाद ज्ञापन चंद्रशेखर गुप्त (गाजियाबाद) ने किया। रजनीगंधा गुप्त, अभिनव गुप्त ने सभी का स्वागत किया। संचालन किया निशिराज जैन ने।

कार्यक्रम में संगीत नाटक अकादमी के मा. सदस्य रंजीत सामा, डीजीसी अशोक चौबे, डा. विनोद माहेश्वरी, डॉ. शशि तिवारी, डा. शशि गोयल, कुसुम चतुर्वेदी, डा. कमलेश नागर, डा. गिरधर शर्मा, डा. रुचि चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार आनंद शर्मा, डॉ. महेश धाकड़, सुशील सरित, अशोक रावत, डा. युवराज सिंह, मुकेश ‘नेचुरल’, सुनील विकल, शशि गुप्ता, श्रुति सिन्हा, प्रतिभा जिंदल, दीपक सरीन, विजय कपिल, वी. के. गोयल, रामेंद्र शर्मा, नरेश चंद्र शर्मा, सुनील जैन, उमा शंकर मिश्रा, अनिल जैन, बृजेश पंडित, अजय गुप्ता, अलका सिंह, शैल अग्रवाल ‘शैलजा’, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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