महाराष्ट्रियन सांस्कृतिक रंगत संग रघुवंशी जी को गणेशोत्सव में किया याद
आगरा। महाराष्ट्र समाज व भारतीय जन नाट्य संघ द्वारा स्वर्गीय श्री राजेंद्र रघुवंशी को समर्पित गणेशोत्सव का आयोजन होटल ग्रांड में किया गया। जिसमें महाराष्ट्रियन समाज के बच्चों, इप्टा के कलाकारों, नृत्य ज्योति कथक केन्द्र की नृत्यांगनाओं ने अपनी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना के साथ हुई। इसके बाद इप्टा के कलाकारों ने ‘फांसी का फंदा चूम के मरना सिखा दिया’ गीत प्रस्तुत कर देशभक्ति भाव जगा दिया। इसके बाद कलाकारों ने समूह गीत ‘इसीलिए तो नगर-नगर बदनाम हो गए मेरे आंसू’ सुनाया। नृत्य ज्योति कथक केन्द्र के कलाकारों ने श्रीमती ज्योति खंडेलवाल के निर्देशन में गणेश वंदना, राजस्थानी और लावणी नृत्य प्रस्तुत किया। महाराष्ट्रियन समाज की संस्कृति को मुखर करते हुए श्री भगवान स्वरूप में मराठी गीत प्रस्तुत किया। श्री जय कुमार, कमल गोस्वामी ने श्री राजेंद्र रघुवंशी की कविता प्रस्तुत की। श्री राजेंद्र रघुवंशी की कहानी ‘सात जूते’ कलाकार श्री मुक्ति, श्री असलम, श्री कमल, श्री अनुज ने प्रस्तुत की। श्री परमानंद शर्मा ने मल्हार प्रस्तुत की, उनके साथ तबले पर श्री भानु ने संगत की। महाराष्ट्र समाज के अध्यक्ष श्री अभय पोताडे ने श्री राजेंद्र रघुवंशी जी को याद करते हुए कहा चाचा जी व अरुणा चाची जी ने अपने सौम्य स्वभाव एवं समाज सेवा से सभी महाराष्ट्रियन परिवारों के दिलो में अपना स्थान बनाया। यह बहुत ही कम लोग जानते है कि चाचा जी की हिंदी, अंग्रेजी, ब्रज भाषा पर तो अच्छी पकड़ थी ही, लेकिन मराठी भाषा पर भी उनकी बहुत ही अच्छी पकड़ थी। इस मौके पर इप्टा के निर्देशक श्री दिलीप रघुवंशी का सम्मान किया। कलाकारों को भी स्मृति चिन्ह दिए गए। डा. ज्योत्सन रघुवंशी ने भी विचार रखे।
इस अवसर पर बतौर अतिथि श्री अरुण डंग, अशोक रावत, केशव तलेगांवकर, श्रीमती कुमकुम रघुवंशी, डा. महेश धाकड़, नितीन सोवनी, दिवाकर मोखरिवाले, निरंजन पराळकर, विलास पालखे, प्रभाकर शेंडेकर, अशोक राव कर्माकर, सुरेश कर्माकर, गोविंद पालखे, दिलीप सावदेकर, मधु खांडेकर, डॉ. प्रदीप साने, विकास पंडित, सुधाकर, राजेंद्र दातार उपस्थित थे। संचालन श्रीमती यशस्वनी सोहनी ने किया।