ख़ामोश हुई स्वर कोकिला की आवाज़, लता मंगेशकर के साथ एक युग हुआ विदा!
92 वर्षीय महान गायिका भारत रत्न लता मंगेशकर का रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया।
मुंबई के शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। तीनों सेनाओं ने सलामी दी।
ब्रज पत्रिका। स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर ने दुनिया को सदा के लिए अलविदा कह दिया है। 92 वर्षीय महान गायिका भारत रत्न लता मंगेशकर का रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। मुंबई के हजारों लोग लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने सड़कों पर उमड़ आए थे। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे सेना के ट्रक में रखकर शिवाजी पार्क लाया गया। मुंबई के शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। तीनों सेनाओं ने सलामी दी। उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने नम आंखों से उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। इस दौरान उनकी बहनें उषा, आशा, मीना मौजूद थीं। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
शिवाजी पार्क पहुंचकर भारत रत्न लता मंगेशकर को पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी उनको श्रद्धांजलि दी। अभिनेता शाहरुख ख़ान और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी उनको श्रद्धांजलि दी। अभिनेता आमिर ख़ान, रणवीर कपूर, संगीतकार शंकर महादेवन आदि ने भी शिवाजी पार्क पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी मुंबई के शिवाजी पार्क में पहुँचकर लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार और राज ठाकरे समेत कई हस्तियां इस मौके पर मौजूद थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
लता के निधन पर भारत समेत दुनियाभर की दिग्गज हस्तियों ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता के साथ कई तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा,
“दयालु और सबका ध्यान रखने वाली लता दीदी हमें छोड़ गई हैं। वह हमारे देश में ऐसी शून्यता छोड़ गई हैं जो कभी भर नहीं सकेगी।”
स्वर कोकिला लता मंगेशकर की काफी दिनों से खराब थी तबीयत
लता मंगेशकर को जनवरी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में वह न्यूमोनिया से पीड़ित हो गईं। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। हालत में सुधार बाद वेंटिलेटर सपोर्ट हटा दिया गया था। लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति फिर से बिगड़ने लगी और उन्हें पुनः वेंटिलेटर सपोर्ट पर लाया गया। मगर अंततः 6 फरवरी को ‘स्वर साम्राज्ञी’ ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
‘भारत की नाइटिंगेल’ के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में बतौर पार्श्व गायिका एकछत्र राज किया। लता मंगेशकर ने 1942 में सिर्फ 13 वर्ष की आयु में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं।
प्रदीप के गाने “ऐ मेरे वतन के लोगो” को किया लता ने किया अमर
लता मंगेशकर के गाए सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है “ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी…!” बताया जाता है कि पहले लता ने कवि प्रदीप के लिखे हुए इस गीत को गाने से ही इनकार कर दिया था, क्योंकि वह इसकी रिहर्सल के लिए वक्त ही नहीं निकाल पा रही थीं।
लेकिन कवि प्रदीप ने किसी तरह से उन्हें इस गीत को गाने के लिए मना लिया था। इस गीत की पहली प्रस्तुति देश की राजधानी दिल्ली में सन 1963 में गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर हुई थी। लता मंगेशकर इस गीत को अपनी बहन आशा भोसले के साथ गाना चाहती थीं। दोनों इसी मकसद से साथ-साथ ही इसकी रिहर्सल भी कर चुकी थीं। मगर इसे गाने के लिए उनके दिल्ली जाने से एक दिन पहले ही आशा ने जाने से ही इनकार कर दिया। तब लता मंगेशकर ने अकेले ही इस गीत को अपनी सुरीली आवाज दी और यह गीत सदा के लिए अमर ही हो गया।