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मेरे देश, मैं तेरी खातिर कर दूंगा सौ-सौ कुर्बानी…

स्वतंत्रता अमृतोत्सव वर्ष पर संस्कार भारती द्वारा आयोजित सतत एक वर्षीय समारोह श्रृंखला का हुआ शुभारंभ।

सेंट एंड्रयूज-बल्केश्वर में गूँजे राष्ट्रीय चेतना के स्वर, राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियों ने जगाया देशभक्ति का भाव।

स्वतंत्रता सेनानी रोशन लाल गुप्त ‘करुणेश’ और साहित्य मनीषी व देहदानी डॉ. राम अवतार शर्मा को समर्पित रहा आयोजन, दोनों महानुभावों का किया भावपूर्ण स्मरण।

ब्रज पत्रिका, आगरा। साहित्य एवं कला को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के तत्वावधान में स्वतंत्रता अमृतोत्सव वर्ष पर एक वर्ष तक अनवरत साहित्य, कला और संगीत को समर्पित समारोह आयोजित किए जाएंगे।

इस अनूठी श्रंखला का शुभारंभ संस्कार भारती कला साधिका समिति बल्केश्वर के बैनर तले शनिवार शाम बल्केश्वर स्थित सेंट एंड्रयूज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में किया गया। समन्वयक आदर्श नंदन गुप्त ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियों ने राष्ट्रीय चेतना के स्वरों से श्रोताओं में देशभक्ति का भाव जागृत किया। सोम ठाकुर ने अपना एक गीत सुनाया।

रामेंद्र मोहन त्रिपाठी की इन पंक्तियों को भरपूर तालियाँ मिलीं-

“कोई मिट गया है रतन के लिए। कोई मिट गया है वचन के लिए। मगर उसको पूजा गया है सदा। जो निछावर हुआ है वतन के लिए।”

संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख और हिंदुस्तानी अकादमी प्रयागराज के माननीय सदस्य राज बहादुर सिंह ‘राज’ ने देश के प्रति अपने जज्बात कुछ यूँ बयाँ किये-

“मरा नहीं आँखों का पानी। मैंने बेची नहीं जवानी। मेरे देश, मैं तेरी खातिर, कर दूंगा सौ-सौ कुर्बानी।”

सुशील सरित की इन पंक्तियों को सराहना मिली-

“सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। हमको प्यारा जन गण मन अधिनायक अनुपम गान हमारा।”

हरिमोहन सिंह कोठिया ने मन के भाव व्यक्त किए-

“शिखर की ऊँचाइयों तक पहुँच पाना हो न संभव। किंतु इतना तो करो प्रभु! नींव का पत्थर बनूँ मैं। अर्चना के पुष्प सम मैं चरण चाहे छू न पाऊँ। आरती का दीप बनकर, अंत तक जलता रहूँ मैं।”

यह समारोह महान स्वतंत्रता सेनानी रोशन लाल गुप्त ‘करुणेश’ और साहित्य मनीषी-देहदानी डॉ. राम अवतार शर्मा को समर्पित किया गया था। वक्ताओं ने दोनों महानुभावों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए एक ओर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में हार्डी बम कांड के क्रांतिकारी रोशन लाल गुप्त ‘करुणेश’ के अमूल्य योगदान का उल्लेख किया और ‘आशा’ अखबार के माध्यम से उनकी वैचारिक क्रांति को सराहनीय बताया वहीं दूसरी ओर, डॉ. राम अवतार शर्मा की शैक्षिक, सामाजिक और साहित्यिक सेवाओं की भी मुक्त कंठ से सराहना की गई।

समारोह में संस्कार भारती के संस्थापक-संरक्षक पद्मश्री बाबा योगेंद्र दा का सभी को आशीर्वाद मिला। समारोह का संयोजन और संचालन राज बहादुर सिंह ‘राज’ ने किया। सेंट एंड्रयूज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंध निदेशक डॉ. गिरधर शर्मा स्वागताध्यक्ष, प्रांजल शर्मा, शिवांजल शर्मा, समन्वयक आदर्श नंदन गुप्त और संस्कार भारती कला साधिका समिति बल्केश्वर की महामंत्री नूतन अग्रवाल ‘ज्योति’ सह संयोजक की भूमिका में रहीं।

समारोह में संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाँके लाल गौड़, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र अग्रवाल, प्रांतीय कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल, प्रांतीय संरक्षक आलोक आर्य, एसके मिश्रा, ओम स्वरूप गर्ग, करुणेश परिवार के संजय गुप्त और शरद गुप्त, ताहिर सिद्दीकी, सुनीता शर्मा, अपूर्वा शर्मा, कोशिन शर्मा भी प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।

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