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गुरुपूर्णिमा महोत्सव एवं गुरुजन सम्मान समारोह ऑनलाइन संपन्न, स्वनामधन्य कलाकारों ने दीं मधुर संगीतमयी प्रस्तुतियां, शख्सियतों का हुआ अभिनंदन!

संगीत कला केन्द्र एवं पं रघुनाथ तलेगांवकर फ़ाउन्डेशन ट्रस्ट द्वारा 71वें गुरुजन सम्मान समारोह में गुरुजनों का किया गया अभिनंदन।

ब्रज पत्रिका, आगरा। नगर की अग्रणी संस्था संगीत कला केन्द्र एवं पं रघुनाथ तलेगांवकर फ़ाउन्डेशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में 71वां गुरुपूर्णिमा महोत्सव एवं गुरुजन सम्मान समारोह 31 जुलाई 2021को ऑनलाइन आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम पं. रघुनाथ तलेगांवकर जी की परिकल्पना थी, जिसे भव्यता और निरन्तरता संगीत नक्षत्र पं. केशव रघुनाथ तलेगांवकर ने साकार रूप दिया। वर्तमान में प्रबंध न्यासी द्वारा इस कार्यक्रम को स्थायित्व प्रदान किया जा रहा है।

यह कार्यक्रम पं. रघुनाथ तलेगांवकर, सुलभा जी, आचार्य पं. अनुपम राय एवं पं. केशव तलेगांवकर के श्री चरणों में सादर समर्पित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा प्रथम पूज्य श्री गणेश जी एवं वाग्देवी मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन और माल्यार्पण करके किया गया।

संस्था के साधकों ने गुरु चरणों में सांगीतिक प्रस्तुति दी, जिसमें प्रियाक्षी सिंह ने राग बिहाग पर आधारित प्रतिभा जी द्वारा रचित गुरु वंदना “गुरु तेरी महिमा अपरम्पार…” एवं राग बिलावल में पं. रघुनाथ तलेगांवकर जी की रचना प्रस्तुत की। उसके बाद दर्शित राज सोनी ने राग भैरव में एक लक्षण गीत, मध्यलय रचना एवं तराना प्रस्तुत किया। अगली प्रस्तुति के रूप में ब्यावर (राजस्थान) के दीपेन्द्र नाथ ने राग यमन में ग्वालियर घराने की पारंपरिक रचना “गुरु बिन कैसे गुन गावे…” की प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोहा।

कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में डा. मंगला मठकर ने सितार पर राग कौशिक भैरव में विलंबित एवं मध्यलय गत की प्रस्तुति की, साथ में तबले पर संगत की डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर ने। तत्पश्चात पूर्वोत्तर राज्य असम से पं. नंद किशोर चौधुरी ने राग भूपाल तोड़ी विलंबित, मध्यलय रचना एवं तराना प्रस्तुत किया उसके बाद बंगाल के सुविख्यात कवि नज़रुल इस्लाम साहब की कुछ प्रचलित रचनाएं प्रस्तुत कर कार्यक्रम को भावपूर्ण बना दिया। साथ में तबले पर संगत दी नीलम किशोर चौधुरी ने।

इन शख्सियतों का हुआ अभिनंदन

इस अवसर पर संगीत, कला, साहित्य आदि विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों का अभिनंदन किया गया। जिनमें पं. शरदमणि त्रिपाठी, गोरखपुर को संगीत शिल्पी, डा. कंचन माहेश्वरी, मैनपुरी को साहित्य शिल्पी, रुचि शर्मा, आगरा को नृत्य शिल्पी, दिलीप रघुवंशी, आगरा को नाट्य शिल्पी, मोनाली शोम, जोहान्सबर्ग (साउथ अफ्रीका) को आदर्श गुरु, आदर्श नंदन गुप्त, आगरा को जनसंचार शिल्पी एवं प्रतिभा जिंदल, आगरा को समाज शिल्पी की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी आगरा के कार्यक्रम अधिशासी श्री कृष्ण ने किया। संस्था की अध्यक्ष रानी सरोज गौरीहार ने श्रोताओं का स्वागत एवं प्रतिभागी कलाकारों का अभिनंदन किया। ट्रस्ट के सदस्य अनिल वर्मा, डा. मंगला मठकर एवं प्रबंधन्यासी प्रतिभा केशव तलेगांवकर ने आभार व्यक्त किया।

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