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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अपना 15वां स्थापना दिवस मनाया, कई सामाजिक पहल की शुरुआत की

ब्रज पत्रिका। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) ने 27 जुलाई को नई दिल्ली स्थित पृथ्वी भवन मुख्यालय में अपना 15वां स्थापना दिवस मनाया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), एमओएस पीएमओ, पीपी/डीओपीटी, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष, की मौजूदगी में मंत्रालय ने सामाजिक रूप से लाभकारी कई पहल की शुरुआत की। उन्होंने एमओईएस को समाज के लिए विशेष रूप से मौसम, जलवायु, महासागर और भूकंप विज्ञान से संबंधित सेवाओं का विस्तार करने, बढ़ाने और बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे देश को ज्यादा सामाजिक-आर्थिक लाभ मिल सके।

तस्वीर- एमओईएस का 15वां स्थापना दिवस समारोह, माननीय केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने एमओईएस की कई सामाजिक पहल की शुरुआत की।

कार्यक्रम में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) के महासचिव डॉ. पेटेरी टलास ने ‘डब्लूएमओ, आपदाएं, जलवायु और सीओपी-26’ पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव के गंभीर मुद्दे पर चर्चा की गई।

केंद्रीय मंत्री डॉ. सिंह ने एमओईएस संस्थानों का एकीकृत डिजिटल वेब पोर्टल एमओईएस-ईएसएसडीपी (अर्थ सिस्टम साइंस डेटा पोर्टल) लॉन्च किया, जो जनता के उपयोग के लिए पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के विभिन्न विषयों पर डेटा उपलब्ध कराता है। नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों का इस्तेमाल करके पोर्टल को विकसित किया गया है और यह https://incois.gov.in/essdp पर उपलब्ध है। यह पोर्टल भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत है। यह बड़े पैमाने पर सामाजिक लाभ के लिए पृथ्वी प्रणाली विज्ञान डेटा (वायुमंडल, महासागर, ध्रुवों, भू-विज्ञान और भूकंप विज्ञान) से संबंधित जानकारी की सुविधा प्रदान करेगा।

तस्वीर- एमओईएस-ईएसएसडीपी का होम पेज, सिंगल वेब प्लेटफॉर्म पर पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के डेटा और जानकारी को एक साथ लाने वाला अनूठा डिजिटल प्लेटफॉर्म।

डॉ. सिंह ने एक नई एमओईएस वेबसाइट भी लॉन्च की, जो जनता को ज्यादा अनुकूल इंटरफेस और साइबर सुरक्षित अनुभव प्रदान करेगी। एमओईएस के सचिव डॉ. एम. राजीवन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ, डॉ. सिंह ने पेट्रोलिफेरस बेसिन में हाइड्रोकार्बन द्रव समावेशन नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक तेल की खोज के लिए नए उपकरणों पर चर्चा करती है और द्रव समावेशन व तेल खोज पर अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं के लिए मूल्यवान संदर्भ उपलब्ध कराती है। इस पुस्तक को वैज्ञानिक जी/ग्रुप हेड और राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान अध्ययन केंद्र (एनसीईएसएस), तिरुवनंतपुरम के पूर्व निदेशक डॉ. वी नंदकुमार और एनसीईएसएस में प्रोजेक्ट साइंटिस्ट डॉ. जयंती जेएल ने लिखा है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), एमओईएस ने ‘पुणे वेदर लाइव’ नाम से एक नया मोबाइल ऐप पेश किया, जो पुणे शहर के लिए रियल टाइम और लोकेशन के हिसाब से मौसम अपडेट देगा। डॉ. राजीवन द्वारा जारी किया गया यह ऐप वर्षा की जानकारी समेत 80 से ज्यादा मौसम केंद्रों से लाइव डेटा प्राप्त करता है।

एमओईएस राष्ट्रीय पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा की

तस्वीर- 27 जुलाई 2021 को एमओईएस स्थापना दिवस पर आईएमडी ने पुणे वेदर लाइव ऐप पेश किया। यह ऐप पुणे के लिए रियल टाइम और लोकेशन के हिसाब से मौसम अपडेट प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (एनआईओ), गोवा के पूर्व निदेशक और गोवा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. सतीश शेट्ये को भारतीय मॉनसून पर उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए एमओईएस लाइफ टाइम एक्सीलेंस अवॉर्ड प्रदान किया गया।

डॉ. सुनील कुमार सिंह, निदेशक, सीएसआईआर-एनआईओ गोवा को महासागर विज्ञान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

इसके अलावा डॉ. आर. कृष्णन, वैज्ञानिक (जी) और कार्यकारी निदेशक, जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे को वायुमंडलीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए तथा डॉ. कलाचंद सैन, निदेशक, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान ने भू-विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सम्मान प्राप्त किया और डॉ. एमवी रमनमूर्ति, निदेशक, राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर), चेन्नई को महासागर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। डॉ. थारा प्रभाकरन, वैज्ञानिक (एफ), आईआईटीएम, पुणे और डॉ. वंदना प्रसाद, निदेशक, बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज लखनऊ को संयुक्त रूप से महिला वैज्ञानिकों का प्रमुख पुरस्कार अन्ना मणि अवॉर्ड दिया गया। युवा शोधकर्ता पुरस्कार डॉ. वलीउर रहमान, वैज्ञानिक (ई), राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर), गोवा और डॉ. कांडुला वी सुब्रह्मण्यम, अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला, इसरो को प्रदान किया गया।

डॉ. सुप्रियो चक्रवर्ती, वैज्ञानिक (एफ), आईआईटीएम पुणे; डॉ. ओपी श्रीजीत, वैज्ञानिक (ई), आईएमडी पुणे; डॉ. सुधीर जोसेफ, वैज्ञानिक (एफ), भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस), हैदराबाद; डॉ. एसबी प्रणेश, वैज्ञानिक (ई), राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) चेन्नई; डॉ. अविनाश कुमार, वैज्ञानिक (ई), एनसीपीओआर, गोवा और डॉ. एस. कलिराज वैज्ञानिक (सी), एनसीईएसएस, तिरुवनंतपुरम को सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट प्रदान किया गया।

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